अररिया: पूरे देश में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन और केंद्र सरकार की ओर से किसान विरोधी कानून बनाने के खिलाफ दर्जनों किसान-मजदूरों ने चांदनी चौक पर प्रधानमंत्री का पुतला दहन किया. इस प्रदर्शन में सीपीआई (एम), सीपीआई, कांग्रेस और जन जागरण शक्ति संगठन से जुड़े किसान मजदूर के साथ शहर के कई प्रबुद्ध नागरिक शामिल हुए.
किसानों को बदहाल करने का काम
लोगों ने कहा कि केंद्र की किसान विरोधी सरकार ने किसान पर बनाये गए तीन कानून (कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020, कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार कानून 2020) बनाये हैं. जो देश में कृषि और किसानों को और बदहाल करने का काम करेगी. इसके साथ ही कृषि को बड़ी-बड़ी कंपनीयों के हाथों में देने का काम करेगी.
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदारी
लोगों ने मांग की है कि बिहार में बड़े पैमाने पर किसानों के फसल की सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदारी करें. वे इस बात से खफा थे कि इस बार मकई औने-पौने दाम पर बेचना पड़ा और अब धान भी उसी तरह बेचना पड़ रहा है.
कानून वापस लेने की मांग
किसानों की मांग थी कि किसान पर बने कानून को वापस लिया जाए. दिल्ल्ली के बाहर आंदोलित किसानों से सरकार वार्ता करे और उन्हें जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति दी जाए.