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अररियाः किसान ने किया नन पॉल्यूशन फिल्टर हाउस का आविष्कार

तफेजुल का मानना है के जिस तरह इंसानों में धूल मिट्टी से संक्रमण होता है. उसी तरह पौधों में भी होता है. ऐसा मैंने टीवी पर देखा था. उसी से प्रेरणा पाकर मैंने यह 600 स्क्वायर मीटर का नेट से नन पोलूशन फिल्टर हाउस बनाया है. इसके पहले भी मैंने छोटे तौर पर इस तरह के फिल्टर हाउस बनाए थे. जिसमें मुझे अच्छे परिणाम मिले और शिमला मिर्च की बेहतर फसल भी मिली और कीमत भी अच्छा खासा मिला.

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Published : Apr 12, 2020, 8:50 PM IST

अररियाः कहते हैं हौसले बुलंद हो तो कामयाबी कदम चूमती है. ऐसा ही अररिया के एक किसान ने कर दिखाया है. जिले के संदलपुर गांव का तफेजुल आलम इन दिनों सुर्खियों में है. लोग इसके ओर से किए गए आविष्कार की चर्चा भी जोरों से कर रहे है. दरअसल तफेजुल ने नन पोलूशन फिल्टर हाउस बनाकर लोगों को आश्चर्य में डाल दिया है क्योंकि कृषि के क्षेत्र में इस तरह की अभी तक कोई अविष्कार नहीं हुई थी. लेकिन इसने 60/60 माइक्रोन नेट से यह नन पोलूशन फिल्टर हाउस बनाया है और इसके अंदर शिमला मिर्च की खेती कर रहे है.

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शिमला मिर्च की खेती

नन पोलूशन फिल्टर हाउस का आविष्कार
तफेजुल का मानना है के जिस तरह इंसानों में धूल मिट्टी से संक्रमण होता है. उसी तरह पौधों में भी होता है. ऐसा मैंने टीवी पर देखा था. उसी से प्रेरणा पाकर मैंने यह 600 स्क्वायर मीटर का नेट से नन पोलूशन फिल्टर हाउस बनाया है. इसके पहले भी मैंने छोटे तौर पर इस तरह के फिल्टर हाउस बनाए थे. जिसमें मुझे अच्छे परिणाम मिले और शिमला मिर्च की बेहतर फसल भी मिली और कीमत भी अच्छा खासा मिला. जिससे मेरा हौसला बढ़ा और मैंने बड़े पैमाने पर अपना खर्च कर यह नन पोलूशन फिल्टर हाउस बनाया है.

देखें पूरी रिपोर्ट

किसान को दिया गया सम्मान
वहीं, किसान ने बताया कि इसमें 1400 शिमला मिर्च के पौधे लगाए है. यह साल में दो बार फसल देगा और हमारी फसल का कीमत भी बाजार में अच्छा मिल जाता है. इसकी वजह यह है कि अररिया के सब्जी मंडी में सिर्फ 2 घंटे में पहुंच जाता है. बाजार में 3 हजार से 3 हजार 5 सौ रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से भाव मिलता है. शिमला मिर्च को मैंने इस नन पोलूशन हाउस में लगाया है. यह सीजन के अंत में पैदा होगा. इसलिए इसकी कीमत और बेहतर मिलने की उम्मीद है. तफेजुल के बेहतर खेती को देखकर भागलपुर स्थित सबौर कृषि विश्वविद्यालय की ओर से इन्हें बेहतर किसान का सम्मान भी दिया गया. साथ ही और भी कई जगह से इन्हें इस तरह का सम्मान प्राप्त हुआ है.

अररियाः कहते हैं हौसले बुलंद हो तो कामयाबी कदम चूमती है. ऐसा ही अररिया के एक किसान ने कर दिखाया है. जिले के संदलपुर गांव का तफेजुल आलम इन दिनों सुर्खियों में है. लोग इसके ओर से किए गए आविष्कार की चर्चा भी जोरों से कर रहे है. दरअसल तफेजुल ने नन पोलूशन फिल्टर हाउस बनाकर लोगों को आश्चर्य में डाल दिया है क्योंकि कृषि के क्षेत्र में इस तरह की अभी तक कोई अविष्कार नहीं हुई थी. लेकिन इसने 60/60 माइक्रोन नेट से यह नन पोलूशन फिल्टर हाउस बनाया है और इसके अंदर शिमला मिर्च की खेती कर रहे है.

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शिमला मिर्च की खेती

नन पोलूशन फिल्टर हाउस का आविष्कार
तफेजुल का मानना है के जिस तरह इंसानों में धूल मिट्टी से संक्रमण होता है. उसी तरह पौधों में भी होता है. ऐसा मैंने टीवी पर देखा था. उसी से प्रेरणा पाकर मैंने यह 600 स्क्वायर मीटर का नेट से नन पोलूशन फिल्टर हाउस बनाया है. इसके पहले भी मैंने छोटे तौर पर इस तरह के फिल्टर हाउस बनाए थे. जिसमें मुझे अच्छे परिणाम मिले और शिमला मिर्च की बेहतर फसल भी मिली और कीमत भी अच्छा खासा मिला. जिससे मेरा हौसला बढ़ा और मैंने बड़े पैमाने पर अपना खर्च कर यह नन पोलूशन फिल्टर हाउस बनाया है.

देखें पूरी रिपोर्ट

किसान को दिया गया सम्मान
वहीं, किसान ने बताया कि इसमें 1400 शिमला मिर्च के पौधे लगाए है. यह साल में दो बार फसल देगा और हमारी फसल का कीमत भी बाजार में अच्छा मिल जाता है. इसकी वजह यह है कि अररिया के सब्जी मंडी में सिर्फ 2 घंटे में पहुंच जाता है. बाजार में 3 हजार से 3 हजार 5 सौ रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से भाव मिलता है. शिमला मिर्च को मैंने इस नन पोलूशन हाउस में लगाया है. यह सीजन के अंत में पैदा होगा. इसलिए इसकी कीमत और बेहतर मिलने की उम्मीद है. तफेजुल के बेहतर खेती को देखकर भागलपुर स्थित सबौर कृषि विश्वविद्यालय की ओर से इन्हें बेहतर किसान का सम्मान भी दिया गया. साथ ही और भी कई जगह से इन्हें इस तरह का सम्मान प्राप्त हुआ है.

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