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भू-माफियाओं के कब्जे में है फारबिसगंज का हवाई अड्डा, होती है मक्के की खेती

फारबिसगंज हवाई अड्डा भू माफियाओं के कब्जे में है और इसमें मक्के की खेती की जा रही है.स्थानीय लोगों ने नेताओं को इसके लिए जिम्मेदार बताया है.

हवाई अड्डा
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Published : Apr 9, 2019, 12:28 AM IST

Updated : Apr 9, 2019, 9:40 AM IST

अररिया: जिले के फारबिसगंज अनुमंडल में 127 एकड़ में हवाई अड्डे की शुरुआत होनी थी. जिससे कि व्यापार के क्षेत्र से इसका उपयोग किया जा सके. साथ ही इससे क्षेत्र के विकास के साथ-साथ यहां के लोगों को रोज़गार भी मिल सके. लेकिन अब ये हवाई अड्डा इतिहास के पन्नों में दफन होता हुआ नजर आ रहा है. स्थानीय लोगों ने नेताओं को इसके लिए जिम्मेदार बताया है.


अररिया जिला मुख्यालय के फारबिसगंज अनुमंडल में 1962 में भारत चीन युद्ध के दौरान इस हवाई अड्डे का इस्तेमाल पहली बार किया गया था. द्वितीय विश्वयुद्ध और 1962 में भारत चीन युद्ध का गवाह बना ये एतिहासिक हवाई अड्डा का 54 वर्ष बाद भी जीर्णोद्धार नहीं हो सका. देश के पहले प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहर लाल नेहरू ने भागलपुर सेंट्रल जेल के कैदियों से इस अर्धनिर्मित सैन्य हवाई अड्डे का निर्माण कराया था. सेंटर रीजनल एयर कनेक्टिविटी स्कीम के तहत नागरिक उड्डयन की ओर से 50 छोटे एयरपोर्ट को अपग्रेड करने की घोषणा की गई जिसमें चार बिहार के हैं और इसमें फारबिसगंज हवाई अड्डे का भी नाम शामिल है.

स्थानीय लोगों और विधायक का बयान

हवाई अड्डा बन जाता तो विकास होता

हालांकि फारबिसगंज के लोग बताते हैं कि अगर ये हवाई अड्डा बन जाता तो यहां से व्यापार के लिए जो भी लोग नेपाल या फिर कहीं दूसरे शहर में जाने के लिए बागडोगरा, नेपाल या पटना से फ्लाइट पकड़ने जाते हैं, उनकी परेशानी कम हो जाती. हवाई अड्डे से जिले का विकास होता, लोगों के लिए रोजगार का अवसर बढ़ता और पलायन कम होता. यहां के युवा ने बताया कि चुनावी माहौल में हवाई अड्डे का जिक्र नेताओं के जुबान पर होता भी नहीं है. यहां के लोकल जनप्रतिनिधि ने कभी इस ओर ध्यान आकृष्ट कराया ही नहीं है.

हवाई अड्डे के जमीन में हो रही है खेती

इस मसले पर फारबिसगंज के विधायक मंचन केसरी से सवाल किया तो उन्होंने ने गोल मोल जवाब देते हुए कहा कि बहुत जल्द इस पर काम शुरू होगा. इस मसले को मैं विधानसभा में रख चुका हूं. बहुत जल्द काम भी शुरू होने वाला है पर ये जमीन फिलहाल भू माफियाओं के कब्जे में है और इसमें मक्के की खेती की जा रही है.

अररिया: जिले के फारबिसगंज अनुमंडल में 127 एकड़ में हवाई अड्डे की शुरुआत होनी थी. जिससे कि व्यापार के क्षेत्र से इसका उपयोग किया जा सके. साथ ही इससे क्षेत्र के विकास के साथ-साथ यहां के लोगों को रोज़गार भी मिल सके. लेकिन अब ये हवाई अड्डा इतिहास के पन्नों में दफन होता हुआ नजर आ रहा है. स्थानीय लोगों ने नेताओं को इसके लिए जिम्मेदार बताया है.


अररिया जिला मुख्यालय के फारबिसगंज अनुमंडल में 1962 में भारत चीन युद्ध के दौरान इस हवाई अड्डे का इस्तेमाल पहली बार किया गया था. द्वितीय विश्वयुद्ध और 1962 में भारत चीन युद्ध का गवाह बना ये एतिहासिक हवाई अड्डा का 54 वर्ष बाद भी जीर्णोद्धार नहीं हो सका. देश के पहले प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहर लाल नेहरू ने भागलपुर सेंट्रल जेल के कैदियों से इस अर्धनिर्मित सैन्य हवाई अड्डे का निर्माण कराया था. सेंटर रीजनल एयर कनेक्टिविटी स्कीम के तहत नागरिक उड्डयन की ओर से 50 छोटे एयरपोर्ट को अपग्रेड करने की घोषणा की गई जिसमें चार बिहार के हैं और इसमें फारबिसगंज हवाई अड्डे का भी नाम शामिल है.

स्थानीय लोगों और विधायक का बयान

हवाई अड्डा बन जाता तो विकास होता

हालांकि फारबिसगंज के लोग बताते हैं कि अगर ये हवाई अड्डा बन जाता तो यहां से व्यापार के लिए जो भी लोग नेपाल या फिर कहीं दूसरे शहर में जाने के लिए बागडोगरा, नेपाल या पटना से फ्लाइट पकड़ने जाते हैं, उनकी परेशानी कम हो जाती. हवाई अड्डे से जिले का विकास होता, लोगों के लिए रोजगार का अवसर बढ़ता और पलायन कम होता. यहां के युवा ने बताया कि चुनावी माहौल में हवाई अड्डे का जिक्र नेताओं के जुबान पर होता भी नहीं है. यहां के लोकल जनप्रतिनिधि ने कभी इस ओर ध्यान आकृष्ट कराया ही नहीं है.

हवाई अड्डे के जमीन में हो रही है खेती

इस मसले पर फारबिसगंज के विधायक मंचन केसरी से सवाल किया तो उन्होंने ने गोल मोल जवाब देते हुए कहा कि बहुत जल्द इस पर काम शुरू होगा. इस मसले को मैं विधानसभा में रख चुका हूं. बहुत जल्द काम भी शुरू होने वाला है पर ये जमीन फिलहाल भू माफियाओं के कब्जे में है और इसमें मक्के की खेती की जा रही है.

Intro:लोकतंत्र का महापर्व लोकसभा चुनाव 2019 का बिगुल बज चुका है ऐसे में अररिया के फारबिसगंज अनुमंडल में 127 एकड़ में हवाई अड्डे का शुरुआत होना था जिससे कि व्यापार के क्षेत्र से इसका उपयोग किया जा सके साथ ही इसके तुफ़ैल में क्षेत्र का विकास के साथ साथ यहां के लोगों को रोज़गार भी मिल सके। पर अब ये हवाई अड्डा इतिहास के पन्नों में दफ़न होता हुआ नज़र आ रहा है। जब इस बारे में ETV ज़िला संवाददाता आस पास के लोगों से जानने पहुंचा तो लोगों ने नेताओं और लोकल जनप्रतिनिधियों पर अपना गुस्सा ज़ाहिर करते हुए नज़र आए।


Body:अररिया ज़िला मुख्यालय के फारबिसगंज अनुमंडल में 1962 में भारत चीन युद्ध के दौरान इस हवाई अड्डे का इस्तेमाल पहली बार किया गया था। द्वितीय विश्वयुद्ध एवं 1962 भारत चीन युद्ध का गवाह बना ये एतिहासिक हवाई अड्डा अब तक 54 वर्ष बाद भी इसका जीर्णोद्धार नहीं हो सका है। देश के पहले प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहर लाल नेहरू ने भागलपुर सेंट्रल जेल के कैदियों दुवारा इस अर्धनिर्मित सैनिक हवाई अड्डे का निर्माण कराया था। सेंटर रीजनल एयर कनेक्टिविटी स्कीम के तहत नागरिक उड्डयन की ओर से 50 छोटे एयरपोर्ट को अपग्रेड करने की घोषणा की जिसमें चार बिहार के हैं और इसमें फारबिसगंज हवाई अड्डे का भी नाम इस लिस्ट में शुमार है। हालांकि वहां के निवासी बताते हैं कि अगर ये हवाई अड्डा बन जाता तो यहां से व्यापार के लिए जो भी लोग नेपाल या फ़िर कहीं दूसरे शहर में जाने के लिए बागडोगरा, नेपाल या पटना से पकड़ने जाते हैं वो आसान हो जाता पैसा, समय के साथ ही साथ परेशानी कम होता इससे ज़िले का विकास रोज़गार का अवसर बढ़ता पलायन कम होता इत्यादि परेशानियों से बचा जा सकता था। पर यहां के युवा ने बताया कि चुनावी माहौल में हवाई अड्डे का ज़िक्र नेताओं के ज़ुबान पर होता भी नहीं है। ना यहां के लोकल जनप्रतिनिधि ने कभी इस ओर ध्यान आकृष्ट कराया है। इस मसले पर फारबिसगंज के विधायक मंचन केसरी से सवाल किया तो उन्होंने ने घोल मोल जवाब देते हुए कहा कि बहुत जल्द इस पर काम शुरू होगा इस मसले को मैं विधानसभा में रख चुका हूं। बहुत जल्द काम भी शुरू होने वाला है पर ये ज़मीन फ़िलहाल भू माफयाओं के कब्ज़े में है और इसमें मक्के की खेती की जा रही है।


Conclusion:अब देखना यह होगा कि क्या ये हवाई अड्डा इतिहास के पन्नों में दफ़न हो जाएगा या चुनाव के बाद इस पर भी कोई जिक्र नेताओं के दुवारा किया जाएगा जिससे कि विकास के साथ रोज़गार में बढ़ोतरी हो सके और यहां की अवाम को इसका लाभ मिल सके।
बाइट मंचन केसरी विधायक फारबिसगंज
बाइट लोकल दुकानदार और आस पास के बाशिंदे
Last Updated : Apr 9, 2019, 9:40 AM IST
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