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अररिया में 6 साल बाद भी पुल निर्माण का सपना अधूरा, प्रशासनिक लापरवाही से ग्रामीणों को हो रही परेशानी

डोहरी धार पुल का निर्माण कार्य अधूरा रह जाने से कई पंचायत के लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इस पुल का शिलान्यास कार्य 2015 में ही कर दिया गया था. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

पुल का निर्माण कार्य अधूरा
पुल का निर्माण कार्य अधूरा
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Published : Dec 15, 2021, 8:51 AM IST

अररिया: बिहार के अररिया जिले में कई पंचायतों को जोड़ने वाला डोहरी धार पुल (Dohri Dhar Bridge In Araria) पिछले छह वर्षों से अधूरा पड़ा है. इस पुल के निर्माण कार्य पूरा नहीं होने से हजारों ग्रामीणों को रोजाना मुश्किल भरे रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है. इस समस्या को लेकर विधायक ने कहा कि पुल निर्माण कार्य को लेकर विभाग को पत्र भेजा गया है. बता दें कि 2 करोड़ 97 लाख रुपये की लागत से बनने वाले इस पुल का शिलान्यास 2015 में ही किया गया था.

इसे भी पढ़ें: पटना के इस गांव के लोग आज भी चचरी पुल के सहारे ही करते हैं आवागमन

जोकीहाट प्रखंड के चिरह पंचायत स्थित डोहरी धार पुल का शिलान्यास तत्कालीन सांसद मरहूम तस्लीमउद्दीन ने 2015 में किया था. पुल के शिलान्यास के बाद स्थानीय लोगों में उम्मीद जगी थी कि भंसिया, प्रसाद पुर डुमरिया, चिरह के साथ कई पंचायतों का प्रखंड मुख्यालय से सीधा संपर्क जुड़ जाएगा. साथ ही बारिश के दिनों में होने वाली समस्याओं से निजात मिल जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. डोहरी धार (Dohri Dhar Bridge Construction Incomplete) पर 2 करोड़ 97 लाख की राशि से निर्माण कार्य तेजी से शुरू हुआ तो था लेकिन किस परिस्थिति में कार्य अधूरा रह गया, स्थानीय लोगों को भी पता नहीं चल पाया.

ये भी पढ़ें: सहरसा: बलुआहा पुल क्षतिग्रस्त होने से होगी परेशानी, विभागीय लापरवाही का नतीज भुगतेंगे ग्रामीण

धनगामा पूर्व प्रमुख टोला के ऐजाज खान के साथ कई लोगों ने बताया कि डोहरी धार पर पुल निर्माण कार्य के शुरू होने पर ग्रामीणों में काफी उत्साह था. लेकिन अचानक पुल का निर्माण कार्य बंद कर दिया गया. ऐजाज खान ने बताया कि बंद कार्य की जानकारी के लिए कई बार अधिकारियों से पूछा गया लेकिन कहीं से भी ठोस जवाब नहीं मिला. उन्होंने बताया कि छह वर्ष से ज्यादा समय बीत गया है आज भी पुल अधूरा पड़ा है. आजतक कोई भी पदाधिकारी इस ओर देखने तक नहीं आए.

हालांकि अधूरे पुल के दोनों ओर सड़क बना हुआ है. हजारों लोगों को डोहरी धार के किनारे-किनारे कीचड़युक्त रास्तों से गुजरना पड़ता है. ऐजाज खान ने बताया कि पूरे जिले में पिछले दो वर्षों में कई पुल पुलिया के निर्माण हुआ है लेकिन धनगामा के इस पुल को पूरा करने की किसी ने जहमत नहीं उठाई है. यही वजह है कि इस क्षेत्र की बड़ी आबादी को पूरे वर्ष आवागमन के लिए कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है.

'हमारे प्रखंड में तीन पुल अधूरे पड़े हैं. इन पुलों का शिलान्यास एक साथ 2015 में किया गया था लेकिन बीच में बाढ़ के कारण इसके निर्माण कार्य में बाधा आयी और पुल का कार्य रुक गया. इसके बाद मेटेरियल की कीमत ज्यादा हो जाने के कारण संवेदक कार्य छोड़कर चले गए. अब डोहरी धार पुल के साथ तीनों की स्टीमीट रिवाइज के लिए विभाग को भेजा गया है. जैसे ही इसकी स्वीकृति विभाग से मिलती है काम चालू हो जाएगा.' -शाहनवाज आलम, विधायक

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अररिया: बिहार के अररिया जिले में कई पंचायतों को जोड़ने वाला डोहरी धार पुल (Dohri Dhar Bridge In Araria) पिछले छह वर्षों से अधूरा पड़ा है. इस पुल के निर्माण कार्य पूरा नहीं होने से हजारों ग्रामीणों को रोजाना मुश्किल भरे रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है. इस समस्या को लेकर विधायक ने कहा कि पुल निर्माण कार्य को लेकर विभाग को पत्र भेजा गया है. बता दें कि 2 करोड़ 97 लाख रुपये की लागत से बनने वाले इस पुल का शिलान्यास 2015 में ही किया गया था.

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जोकीहाट प्रखंड के चिरह पंचायत स्थित डोहरी धार पुल का शिलान्यास तत्कालीन सांसद मरहूम तस्लीमउद्दीन ने 2015 में किया था. पुल के शिलान्यास के बाद स्थानीय लोगों में उम्मीद जगी थी कि भंसिया, प्रसाद पुर डुमरिया, चिरह के साथ कई पंचायतों का प्रखंड मुख्यालय से सीधा संपर्क जुड़ जाएगा. साथ ही बारिश के दिनों में होने वाली समस्याओं से निजात मिल जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. डोहरी धार (Dohri Dhar Bridge Construction Incomplete) पर 2 करोड़ 97 लाख की राशि से निर्माण कार्य तेजी से शुरू हुआ तो था लेकिन किस परिस्थिति में कार्य अधूरा रह गया, स्थानीय लोगों को भी पता नहीं चल पाया.

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धनगामा पूर्व प्रमुख टोला के ऐजाज खान के साथ कई लोगों ने बताया कि डोहरी धार पर पुल निर्माण कार्य के शुरू होने पर ग्रामीणों में काफी उत्साह था. लेकिन अचानक पुल का निर्माण कार्य बंद कर दिया गया. ऐजाज खान ने बताया कि बंद कार्य की जानकारी के लिए कई बार अधिकारियों से पूछा गया लेकिन कहीं से भी ठोस जवाब नहीं मिला. उन्होंने बताया कि छह वर्ष से ज्यादा समय बीत गया है आज भी पुल अधूरा पड़ा है. आजतक कोई भी पदाधिकारी इस ओर देखने तक नहीं आए.

हालांकि अधूरे पुल के दोनों ओर सड़क बना हुआ है. हजारों लोगों को डोहरी धार के किनारे-किनारे कीचड़युक्त रास्तों से गुजरना पड़ता है. ऐजाज खान ने बताया कि पूरे जिले में पिछले दो वर्षों में कई पुल पुलिया के निर्माण हुआ है लेकिन धनगामा के इस पुल को पूरा करने की किसी ने जहमत नहीं उठाई है. यही वजह है कि इस क्षेत्र की बड़ी आबादी को पूरे वर्ष आवागमन के लिए कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है.

'हमारे प्रखंड में तीन पुल अधूरे पड़े हैं. इन पुलों का शिलान्यास एक साथ 2015 में किया गया था लेकिन बीच में बाढ़ के कारण इसके निर्माण कार्य में बाधा आयी और पुल का कार्य रुक गया. इसके बाद मेटेरियल की कीमत ज्यादा हो जाने के कारण संवेदक कार्य छोड़कर चले गए. अब डोहरी धार पुल के साथ तीनों की स्टीमीट रिवाइज के लिए विभाग को भेजा गया है. जैसे ही इसकी स्वीकृति विभाग से मिलती है काम चालू हो जाएगा.' -शाहनवाज आलम, विधायक

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