अररियाः फारबिसगंज स्थित आइसोलेशन सेंटर में भर्ती एक कोरोना मरीज की मौत हो गई. घटना की पुष्टि अनुमडंल अस्पताल प्राभारी राजीव बसाक और आइसोलेशन सेंटर में कार्यरत डॉ. अली अकबर ने की है. मृतक नरपतगंज थाना क्षेत्र का रहने वाला बताया जा रहा है.
कोरोना मरीज की मौत
आइसोलेशन सेंटर में कार्यरत डॉ. अली अकबर ने बताया कि सोमवार को मृतक का सांस फूलने लगा. जिसे आक्सीजन देकर कंट्रोल करने की कोशिश की गई, लेकिन कंट्रोल नहीं हुआ तो उसे हायर सेंटर रेफर किया गया. इस बीच मृतक की पत्नी भी साथ मे जाने की जिद करने लगी तो एम्बुलेंस पर दोनों को भेजा गया. कुछ दूर जाने के बाद रास्ते मे ही रात करीब 11 बजे उसकी मौत हो गई.
आसपास के लोगों में भय व्याप्त
घटना की खबर सुनते ही आइसोलेशन वार्ड में रह रहे मरीजों में दहशत का माहौल व्याप्त है. वहीं आइसोलेशन सेंटर के आसपास के लोगों में भी भय व्याप्त है. बताया जाता है आइसोलेशन सेंटर में कुल 49 मरीज भर्ती हैं.
25 दिन पहले से बुखार से पीड़ित था मृतक
ज्ञात हो कि मृतक पड़ोसी जिला सुपौल के चिलौनी उत्तर पंचायत के टेड़ामोर गांव स्थित वार्ड 15 का मूल निवासी था. जिसे करीब 25 दिन पूर्व बुखार आने पर प्रतापगंज के निजी अस्पताल में दिखाया गया था. जहां चिकित्सक ने टाइफाइड डिडक्ट किया. फिर पत्नी उसे अपने मायके नरपतगंज ले कर आ गई और आगे का इलाज फारबिसगंज के निजी क्लिनिक में करवाने लगी. फिर भी जब सुधार नहीं हुआ, तो 16 जुलाई को मरीज को लेकर रेफरल अस्पताल फारबिसगंज पहुंची. जहां चिकित्सकों ने सब जानकारी प्राप्त कर कोरोना टेस्ट का सैम्पल लिया और आइसोलेशन सेंटर में भर्ती कर दिया.
नरपतगंज के लोग में भय
18 जुलाई को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई और मरीज की तबीयत भी बिगड़ गई. जिसे प्राथमिक उपचार के साथ हायर सेंटर मधेपुरा रेफर कर दिया गया. इसी बीच जानकारी ये भी आ रही है कि बुखार के दौरान आशा कर्मी पति के साथ अपने कार्यक्षेत्र में भी काम किया है. अब इस स्थिति में कार्यक्षेत्र प्रातपगंज और नरपतगंज के लोग भी डरे हैं.
मृतक का शव दफन
वहीं प्रशासन के स्तर से उक्त दोनों क्षेत्रों को सील करने सम्बन्धित लोगों के जांच के लिए वरीय पदाधिकारीयों के आदेश का इंतजार किया जा रहा है. मंगलवार को फारबिसगंज अनुमंडल अस्पताल प्राभारी और विकास पदाधिकारी अमित आनंद, सीओ संजीव कुमार, नप कार्यपालक पदाधिकारी एवं थानाध्यक्ष कौशल कुमार के मौजूदगी में शव को जेसीबी की मदद से मिट्टी में दफन कर दिया गया.