अररिया: ओडिशा के बालासोर में ट्रेन हादसे से सुरक्षित बचे 40 यात्रियों से भरी बस रविवार की देर रात अररिया पहुंची. इन यात्रियों में अररिया जिले के 24, किशनगंज के 2, दरभंगा के 9, समस्तीपुर के तीन और सीतामढ़ी के 2 यात्री शामिल हैं. अररिया पहुंचे सभी रेल हादसे के पीड़ितों की अगुआई के लिए अररिया के सांसद प्रदीप कुमार सिंह के साथ जिला प्रशासन के लोग मौजूद रहे. वहीं, ट्रेन हादसे में सही सलामत बचे लोग अपने घर अररिया वापस लौट आए हैं.
ओडिशा ट्रेन हादसे की खौफनाक आपबीती : ओडिशा के बालेश्वर जिले में हुए भीषण ट्रेन हादसे में सही सलामत बचे लोग अपने घर अररिया वापस लौट आए हैं. सभी यात्री डरे सहमे हैं. कुछ को गंभीर चोटें लगी हैं. जिला प्रशासन ने इन यात्रियों को रहने और खाने का इंतजाम किया है. जीवित बचे लोगों ने हादसे की खौफनाक आपबीती सुनाई. कोरोमंडल एक्सप्रेस में सवार इन यात्रियों ने बताया कि ट्रेन में सवार कई मुसाफिर हमारे जैसे खुशकिस्मत नहीं थे. जिनकी हादसे में दर्दनाक मौत हो गई.
''ट्रेन में सवार कई मुसाफिर हमारे जैसे खुशकिस्मत नहीं थे. जिनकी हादसे में दर्दनाक मौत हो गई है. इन बच्चों में मदनपुर, पलासी, जोकीहाट के तूरकेली आदि जगह के बच्चे शामिल हैं. ये वैसे बच्चे हैं जिनके माता-पिता अब इस दुनिया में नहीं रहे और वहां के स्कूल में इन्हें निशुल्क शिक्षा दी जाती है और किसी प्रकार का खर्च नहीं लगता है. यही कारण है कि इतनी बड़ी संख्या में बच्चे केरल पढ़ाई करने जा रहे थे."- ओडिशा ट्रेन हादसे के चश्मदीद
अररिया के 24 यात्री सुरक्षित : इस बीच, अररिया पहुंचे जिला प्रशासन की ओर से इन के लिए चिकित्सा और भोजन का बेहतर इंतजाम किया गया था. इसके बाद सभी 24 यात्रियों को अपने गृह जिले के लिए रवाना किया जाएगा. जिला प्रशासन की तरफ से अररिया अनुमंडल पदाधिकारी शैलेश चंद्र दिवाकर, आपदा प्रबंधन पदाधिकारी विजय कुमार तैनात दिखे. वहीं सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने सभी यात्रियों से बात की और उन्हें ढांढस बंधाया.
'सभी यात्री डरे सहमे हैं' : सांसद ने कहा कि भीषण ट्रेन हादसे से ये सभी यात्री अभी भी सहमें हुए है. इन सभी पर ईश्वर की कृपा रही कि ये लोग सुरक्षित हैं. उन्होंने वापस लौटे यात्रियों में शामिल बच्चों से इस बात की भी जानकारी ली कि क्या वजह थी कि घर से इतनी दूर जा रहे थे. अभिभावक ने बताया कि इन बच्चों में मदनपुर, पलासी, जोकीहाट के तूरकेली आदि जगह के बच्चे शामिल हैं. ये वैसे बच्चे हैं जिनके माता-पिता अब इस दुनिया में नहीं रहे और वहां के स्कूल में इन्हें निशुल्क शिक्षा दी जाती है और किसी प्रकार का खर्च नहीं लगता है. यही कारण है कि इतनी बड़ी संख्या में बच्चे केरल पढ़ाई करने जा रहे थे.
"भीषण ट्रेन हादसे से सभी यात्री अभी भी सहमें हुए है. इनसभी पर ईश्वर की कृपा रही कि ये लोग सुरक्षित हैं. मैंने वापस लौटे यात्रियों में शामिल बच्चों से इस बात की भी जानकारी ली कि क्या वजह थी कि घर से इतनी दूर जा रहे थे." -प्रदीप कुमार सिंह, बीजेपी सांसद, अररिया
"इन यात्रियों को गणतव्य तक पहुंचने के लिए सारी सुविधाएं दी जा रही है. फिलहाल बस से अररिया लाया गया है. यहां इनके लिए चिकित्सा और भोजन का इंतजाम किया गया है."- विजय कुमार, जिला आपदा पदाधिकारी