पटना: जदयू के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) और राज्यसभा में दल के नेता आरसीपी सिंह ने गूगल मीट एवं फेसबुक लाइव के माध्यम से महिला जदयू से संवाद किया. इस मौके पर अपने संबोधन में आरसीपी सिंह ने कहा कि 9 जुलाई के ही दिन 2015 में जीविका समूह की बैठक में महिलाओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शराबबंदी की मांग की थी. इस दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की थी कि अगर हमें बिहार में फिर से सेवा करने का अवसर मिला, तो पूरे बिहार में शराबबंदी लागू करेंगे. सरकार बनते ही उन्होंने अपना वादा पूरा किया. आरसीपी सिंह ने महिला जदयू से अपील की कि इस ऐतिहासिक दिन को महिला जदयू की सभी नेत्रियां हर साल ‘तीर शक्ति दिवस’ के रूप में मनाने का संकल्प लें.
आरसीपी सिंह ने सभी जदयू नेत्रियों से कहा कि वे शराबबंदी से हुए फायदों को नीचे तक पहुंचाएं. उन्होंने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़े के अनुसार जहां प्रति एक लाख व्यक्ति पर संज्ञेय अपराध की घटनाएं 383.5 है, वहीं, बिहार में यह 222.1 है. इसी तरह प्रति एक लाख महिलाओं पर अपराध की घटना का राष्ट्रीय औसत 58.8 है, जबकि बिहार में यह 29.8 है. महिलाओं के शारीरिक उत्पीड़न से जुड़े अपराध के आंकड़ों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इसका राष्ट्रीय औसत जहां 7.4 है, वहीं बिहार में यह मात्र 0.2 है. इस तरह पति के तरफ से सताई गई महिलाओं का राष्ट्रीय औसत 16 है, जबकि बिहार में यह मात्र 4.5 है. इन आंकड़ों को जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत है.
'बेटियां भयमुक्त हैं'
जदयू नेता ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार में पूरी ईमानदारी से कानून का राज स्थापित किया है. आज किसी की औकात नहीं कि यहां कानून का उल्लंघन करे और बच जाय. आज बेटियां भयमुक्त होकर साइकिल से प्रदेश में निकलती हैं. नीतीश कुमार ने दो पहियों वाली साइकिल से बिहार की बेटियों के अरमान को जैसे पंख दे दिए. लोहिया जिस नर-नारी समानता की बात करते थे, उसे नीतीश कुमार ने अमलीजामा पहनाया. आज हर घर में नल का जल है, शौचालय है, हर दरवाजे तक पक्की गली और नालियां हैं और हर घर बिजली से रोशन है.
'जीविका को पूरे देश ने अपनाया'
सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार के राज में बेटियों के जन्म से लेकर उनकी शिक्षा तक का सारा खर्च सरकार उठाती है. बेटियों के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के तहत मात्र एक प्रतिशत पर चार लाख तक का ऋण उपलब्ध है. उनके लिए ‘हुनर’ जैसे कार्यक्रम हैं. ‘उद्मी योजना’ के तहत ब्याजमुक्त 10 लाख रुपए तक देने की व्यवस्था है. नीतीश कुमार ने बिहार में जीविका की शुरुआत की, तो उसे पूरे देश ने अपनाया. आज एक करोड़ से अधिक परिवार इससे जुड़े हैं. महिलाएं आज कोई भी काम कर सकती हैं और अपनी मेहनत और मेधा की बदौलत कोई भी पद प्राप्त कर सकती हैं.
'बिहार की राजनीति समावेशी हुई'
आरसीपी सिंह ने कहा कि बिहार पहला प्रदेश है, जिसने स्थानीय निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया. इससे बिहार की राजनीति समावेशी हुई, आधी आबादी का इसमें प्रवेश हुआ और लोकतंत्र को मजबूती मिली. नीतीश कुमार यहीं नहीं रुके, सभी तरह की सेवाओं में उन्होंने महिलाओं को 35 प्रतिशत का आरक्षण दिया. पुलिस बल में जिस तरह से महिलाएं दिखती हैं, उससे उनके मनोबल में बहुत इजाफा हुआ है. सिंह ने जोर देकर कहा कि हम लोकसभा और विधानसभा में भी महिलाओं को आरक्षण देने के पक्ष में हैं. उन्होंने सभी नेत्रियों का आह्वान किया कि वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 9 अगस्त 2020 को 2.51 करोड़ वृक्ष लगाने के संकल्प को सफल बनाएं.