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कौन होगा बिहार का नया 'निजाम', तय करेगी 'सीमांचल' की आवाम!

बिहार विधानसभा चुनाव के आखिरी चरण को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. इस चरण में सीमांचल के चार जिलों के विधानसभा सीटों पर मतदान होना है. तीसरे और अंतिम चरण को लेकर इन सीटों को काफी निर्णायक माना जा रहा है. सारे राजनीतिक दलों ने इस सीटों को लेकर अपने-अपने दांव खेल दिए हैं, अब देखना होगा कि जनता किस पार्टी के एजेंडे को स्वीकार कर अपना वोट देती है.

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Published : Nov 6, 2020, 7:06 PM IST

Updated : Nov 6, 2020, 9:16 PM IST

कौन होगा बिहार का नया 'निजाम'
कौन होगा बिहार का नया 'निजाम'

पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव अब अपने आखिरी क्षण में पहुंच चुका है. शनिवार को होने वाले मतदान के साथ ही तमाम प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो जाएगी. तीसरा और आखिरी चरण कितना निर्णायक होगा इसे इस बात से ही स्पष्ट हो जाती है कि नीतीश कुमार ने इसे अपना आखिरी चुनाव बता दिया है. हालांकि मायने कुछ भी हो, पर अंत भला तो सब भला का दांव सुशासन बाबू खेल चुके हैं. अंतिम चरण में सीमांचल के चार जिले कटिहार, किशनगंज, पूर्णिया और अररिया के विधानसभा क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण हैं.

सीमांचल का रोमांचक जंग

आखिरी चरण के चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल सीमांचल की ओर अपनी टक-टकी गड़ाए बैठे हैं. इस चरण में सीमांचल के चार जिलों में होने वाले मतदान को सबसे अहम माना जा रहा है. मुस्लिम बहुल इलाका होने की वजह से इस क्षेत्र के मुस्लिम वोटरों को लुभाने के लिए अधिकांश दल प्रयासरत हैं. सीमांचल की 19 सीटों पर मुस्लिम मतदाता जीत-हार में अहम भूमिका निभाते हैं.

एनडीए में दिखी तकरार

भाजपा नेता इस क्षेत्र में जाकर अवैध घुसपैठ की मुद्दों को लगाताह उठा रहे हैं. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कटिहार में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए घुसपैठियों को बाहर निकालकर फेंक दिया जाएगा.

कौन होगा बिहार का नया 'निजाम'
योगी आदित्यनाथ

वहीं, सीएम नीतीश कुमार ने इस बयान से ठीक उलट कहा कि कोई इन्हें नहीं भगा सकता है क्योंकि ये देश के नागरिक हैं. उन्होंने भाषण के वीडियो क्लिप को ट्वीट करते हुए लिखा था कि,'सब को साथ ले कर चलना ही हमारा धर्म है, यही हमारी संस्कृति है, सब साथ चलेंगे तो बिहार आगे बढ़ेगा.' इन दो अलग-अलग बयानों से स्पष्ट है कि एनडीए में मामला कुछ ठीक नहीं है.

कौन होगा बिहार का नया 'निजाम'
नीतीश कुमार

ओवैसी बन सकते हैं डिसाइडिंग फैक्टर

मुस्लिम बहुल इलाका होने से सीमांचल में एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी निर्णायक फैक्टर हो सकते हैं. योगी आदित्यनाथ के दिए गए बयान पर कटाक्ष करते हुए ओवैसी ने एक बार फिर सीएए और एनआरसी का मुद्दा उठाया है. वह जहां भी रैली कर रहे हैं सीएए-एनआरसी के मुद्दों को जरूर उठा रहे हैं. इन मुद्दों को उठाकर ओवैसी मुस्लिम वोट बटोरने के फिराक में हैं. उनकी सभाओं में जमकर भीड़ भी हो रही है. इसी वजह से ओवैसी को इस क्षेत्र के रण के लिए अहम माना जा रहा है.

कौन होगा बिहार का नया 'निजाम'
ओवैसी

कांग्रेस ने ओवैसी को बताया भाजपा की 'बी टीम'

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने एआईएमआईएम को बीजेपी की 'बी टीम' करार देते हुए कहा कि जब भी नरेंद्र मोदी को हार नजर आती है, तब वे ओवैसी की पार्टी को हिंदू-मुस्लिम की सियासत और ध्रुवीकरण के लिए मैदान में उतार देते हैं. सुरजेवाला ने कहा कि तेलंगाना की 119 विधानसभा सीटों में से महज नौ पर चुनाव लड़ने वाली पार्टी बिहार में किसकी मदद के लिए 24 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. उन्होंने ट्वीट कर असदुद्दीन ओवैसी को बीजेपी का तोता बताया है. हालांकि ओवैसी ने भी इस बयान पर पलटवार करते हुए रणदीप सुरजेवाला को आड़े हाथों लिया है.

कौन होगा बिहार का नया 'निजाम'
रणदीप सुरजेवाला

इशारों में खेल गए तेजस्वी

सीमांचल में मुस्लिम मतदाताओं को लुभाने उतरे महागठबंधन के सीएम कैंडिडेट तेजस्वी यादव सीएए-एनआरसी पर खुल के बोलते नहीं दिखे. हालांकि उन्होंने इशारों में इन मुद्दों का सीधा जिक्र करते बगैर जदयू और भाजपा पर हमला किया. किशनगंज में चुनावी सभा के दौरान तेजस्वी ने कहा कि, 'नीतीश कुमार बीजेपी और आरएसएस की गोद में बैठे हुए हैं, राज्यसभा और लोकसभा में क्या करते हैं, पता है ना. समझ रहे हैं न आप लोग, हम क्या बात कर रहे हैं. हम खुलकर नहीं बोलेंगे.' तेजस्वी ने एक तीर से दो निशाना साधते हुए नीतीश पर निशाना भी साध लिया और बिना जिक्र किए सीएए-एनआरसी के बारे में लोगों को ध्यान भी दिला दिया.

कौन होगा बिहार का नया 'निजाम'
तेजस्वी यादव

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के तीसरे और अंतिम चरण को लेकर सीमांचल के सीटों को काफी निर्णायक माना जा रहा है. सारे राजनीतिक दलों ने इस सीटों को लेकर अपने-अपने दांव खेल दिए हैं, अब देखना दिलचस्प होगा कि जनता किस पार्टी के एजेंडे और दावों को स्वीकार कर अपना वोट देती है.

पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव अब अपने आखिरी क्षण में पहुंच चुका है. शनिवार को होने वाले मतदान के साथ ही तमाम प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो जाएगी. तीसरा और आखिरी चरण कितना निर्णायक होगा इसे इस बात से ही स्पष्ट हो जाती है कि नीतीश कुमार ने इसे अपना आखिरी चुनाव बता दिया है. हालांकि मायने कुछ भी हो, पर अंत भला तो सब भला का दांव सुशासन बाबू खेल चुके हैं. अंतिम चरण में सीमांचल के चार जिले कटिहार, किशनगंज, पूर्णिया और अररिया के विधानसभा क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण हैं.

सीमांचल का रोमांचक जंग

आखिरी चरण के चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल सीमांचल की ओर अपनी टक-टकी गड़ाए बैठे हैं. इस चरण में सीमांचल के चार जिलों में होने वाले मतदान को सबसे अहम माना जा रहा है. मुस्लिम बहुल इलाका होने की वजह से इस क्षेत्र के मुस्लिम वोटरों को लुभाने के लिए अधिकांश दल प्रयासरत हैं. सीमांचल की 19 सीटों पर मुस्लिम मतदाता जीत-हार में अहम भूमिका निभाते हैं.

एनडीए में दिखी तकरार

भाजपा नेता इस क्षेत्र में जाकर अवैध घुसपैठ की मुद्दों को लगाताह उठा रहे हैं. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कटिहार में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए घुसपैठियों को बाहर निकालकर फेंक दिया जाएगा.

कौन होगा बिहार का नया 'निजाम'
योगी आदित्यनाथ

वहीं, सीएम नीतीश कुमार ने इस बयान से ठीक उलट कहा कि कोई इन्हें नहीं भगा सकता है क्योंकि ये देश के नागरिक हैं. उन्होंने भाषण के वीडियो क्लिप को ट्वीट करते हुए लिखा था कि,'सब को साथ ले कर चलना ही हमारा धर्म है, यही हमारी संस्कृति है, सब साथ चलेंगे तो बिहार आगे बढ़ेगा.' इन दो अलग-अलग बयानों से स्पष्ट है कि एनडीए में मामला कुछ ठीक नहीं है.

कौन होगा बिहार का नया 'निजाम'
नीतीश कुमार

ओवैसी बन सकते हैं डिसाइडिंग फैक्टर

मुस्लिम बहुल इलाका होने से सीमांचल में एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी निर्णायक फैक्टर हो सकते हैं. योगी आदित्यनाथ के दिए गए बयान पर कटाक्ष करते हुए ओवैसी ने एक बार फिर सीएए और एनआरसी का मुद्दा उठाया है. वह जहां भी रैली कर रहे हैं सीएए-एनआरसी के मुद्दों को जरूर उठा रहे हैं. इन मुद्दों को उठाकर ओवैसी मुस्लिम वोट बटोरने के फिराक में हैं. उनकी सभाओं में जमकर भीड़ भी हो रही है. इसी वजह से ओवैसी को इस क्षेत्र के रण के लिए अहम माना जा रहा है.

कौन होगा बिहार का नया 'निजाम'
ओवैसी

कांग्रेस ने ओवैसी को बताया भाजपा की 'बी टीम'

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने एआईएमआईएम को बीजेपी की 'बी टीम' करार देते हुए कहा कि जब भी नरेंद्र मोदी को हार नजर आती है, तब वे ओवैसी की पार्टी को हिंदू-मुस्लिम की सियासत और ध्रुवीकरण के लिए मैदान में उतार देते हैं. सुरजेवाला ने कहा कि तेलंगाना की 119 विधानसभा सीटों में से महज नौ पर चुनाव लड़ने वाली पार्टी बिहार में किसकी मदद के लिए 24 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. उन्होंने ट्वीट कर असदुद्दीन ओवैसी को बीजेपी का तोता बताया है. हालांकि ओवैसी ने भी इस बयान पर पलटवार करते हुए रणदीप सुरजेवाला को आड़े हाथों लिया है.

कौन होगा बिहार का नया 'निजाम'
रणदीप सुरजेवाला

इशारों में खेल गए तेजस्वी

सीमांचल में मुस्लिम मतदाताओं को लुभाने उतरे महागठबंधन के सीएम कैंडिडेट तेजस्वी यादव सीएए-एनआरसी पर खुल के बोलते नहीं दिखे. हालांकि उन्होंने इशारों में इन मुद्दों का सीधा जिक्र करते बगैर जदयू और भाजपा पर हमला किया. किशनगंज में चुनावी सभा के दौरान तेजस्वी ने कहा कि, 'नीतीश कुमार बीजेपी और आरएसएस की गोद में बैठे हुए हैं, राज्यसभा और लोकसभा में क्या करते हैं, पता है ना. समझ रहे हैं न आप लोग, हम क्या बात कर रहे हैं. हम खुलकर नहीं बोलेंगे.' तेजस्वी ने एक तीर से दो निशाना साधते हुए नीतीश पर निशाना भी साध लिया और बिना जिक्र किए सीएए-एनआरसी के बारे में लोगों को ध्यान भी दिला दिया.

कौन होगा बिहार का नया 'निजाम'
तेजस्वी यादव

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के तीसरे और अंतिम चरण को लेकर सीमांचल के सीटों को काफी निर्णायक माना जा रहा है. सारे राजनीतिक दलों ने इस सीटों को लेकर अपने-अपने दांव खेल दिए हैं, अब देखना दिलचस्प होगा कि जनता किस पार्टी के एजेंडे और दावों को स्वीकार कर अपना वोट देती है.

Last Updated : Nov 6, 2020, 9:16 PM IST
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