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इंश्योरेंस नहीं तो जब्त होगी आपकी गाड़ी, सरकार करेगी नीलामी

मोटर व्हीकल एक्ट (Motor Vehicle Act) के तहत कुछ बेहद जरूरी कागजात में से एक है वाहन बीमा कागजात. वाहन का बीमा हो तो गाड़ी की चोरी होने पर या गाड़ी से दुर्घटना होने पर वाहन मालिक के लिए कोई मुश्किल खड़ी नहीं होती, लेकिन अगर वाहन का बीमा नहीं हो तो आपकी गाड़ी नीलाम भी हो सकती है. बिहार में मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन करते हुए अब बेहद सख्त कानून बनाया गया है. इस कानून का एक बड़ा फायदा पीड़ित व्यक्ति को मिलता है. जिसके तहत दुर्घटना में घायल होने या मौत होने पर उसके परिवार को तुरंत अनुदान राशि मिलती है. वहीं वाहन मालिक को बीमा नहीं होने पर मुश्किल हो सकती है. पढ़ें रिपोर्ट...

इंश्योरेंस
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Published : Oct 12, 2021, 3:57 PM IST

Updated : Oct 12, 2021, 5:25 PM IST

पटना: अब बिहार में वाहनों का इंश्योरेंस (Vehicle Insurance) अनिवार्य हो गया है, क्योंकि अगर आपकी गाड़ी से कोई हादसा होता है तो बीमा नहीं होने की स्थिति में आपके वाहन को जब्त कर लिया जाएगा. वहीं, पीड़ित परिवार को मुआवजा (Compensation) नहीं देने पर सरकार आपकी उस गाड़ी की नीलामी (Auction) से राशि वसूल करेगी. हालांकि इस बीच पीड़ित परिवार को कोई परेशानी न हो, लिहाजा परिवहन विभाग अपने फंड से 15 दिनों के भीतर मुआवजे का भुगतान कर देगा.

ये भी पढ़ें: जानलेवा ओवर स्पीडिंग: लॉकडाउन के दौरान भी बिहार में सड़क हादसों में गई 11,000 से ज्यादा लोगों की जान

दरअसल, आपके पास चाहे टू व्हीलर हो या थ्री व्हीलर या फोर व्हीलर, किसी भी मोटर व्हीकल के लिए सड़क पर चलने से पहले कुछ कागजात बेहद जरूरी होते हैं. जिनमें से रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस और पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट के अलावा वाहन का बीमा कागजात महत्वपूर्ण है. वाहन बीमा दो तरह का होता है. एक तो थर्ड पार्टी बीमा (Third Party Insurance) और दूसरा कंप्रिहेंसिव इंश्योरेंस (Comprehensive Insurance).

देखें रिपोर्ट

इस बारे में एक बीमा कंपनी में सीनियर ऑटोमोबाइल इंजीनियर संजय कुमार सिन्हा ने ईटीवी भारत को बताया कि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के तहत, अगर किसी वाहन से किसी व्यक्ति की मौत होती है या कोई व्यक्ति घायल होता है तो उस व्यक्ति के परिवार को बीमा कंपनी की तरफ से राशि दी जाती है, लेकिन गाड़ी क्षतिग्रस्त होने या वाहन मालिक या उसके परिजनों को कोई राशि बीमा कंपनी नहीं देती है.

सीनियर ऑटोमोबाइल इंजीनियर संजय कुमार सिन्हा ने बताया कि कंप्रिहेंसिव इंश्योरेंस का मतलब वाहन मालिक, वाहन और थर्ड पार्टी तीनों का बीमा होता है. यानी किसी दुर्घटना की स्थिति में या वाहन चोरी की स्थिति में बीमा का पूरा फायदा वाहन मालिक और थर्ड पार्टी को भी मिलता है. संजय कुमार सिन्हा ने कहा कि यही वजह है कि थर्ड पार्टी की अपेक्षा कंप्रिहेंसिव इंश्योरेंस थोड़ा महंगा पड़ता है, लेकिन वाहन चलाने के लिए इन दोनों में से कोई एक इंश्योरेंस होना जरूरी है.

वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक आदेश दिया है कि अगर कोई वाहन बिना इंश्योरेंस के सड़क पर चल रहा है और उससे कोई दुर्घटना होती है तो उस वाहन को जब्त कर लिया जाएगा और वह वाहन तबतक नहीं छोड़ा जा सकता है, जबतक कि उस पीड़ित व्यक्ति या उसके परिवार को मुआवजा नहीं मिल जाता. अगर वाहन मालिक मुआवजा नहीं देता है तो उस वाहन को नीलामी कर मुआवजे की राशि वसूल की जाएगी.

ये भी पढ़ें: सड़क दुर्घटना में मृतक के आश्रित को दिया गया 5 लाख रुपये का चेक, जानिए क्या है नया रूल

इस बारे में बिहार सरकार के परिवहन विभाग ने मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन करते हुए ये प्रावधान किया है कि किसी व्यक्ति की अगर वाहन दुर्घटना में मौत होती है तो 15 दिनों के भीतर उस व्यक्ति को मुआवजे का भुगतान सरकार करेगी. इसके लिए 50 करोड़ रुपए का अलग फंड भी बनाया गया है. परिवहन विभाग के सचिव संजय अग्रवाल (Sanjay Kumar Agarwal) ने बताया कि 15 सितंबर से बिहार में वाहन से सड़क दुर्घटना होने पर तत्काल सरकारी मुआवजा देने की व्यवस्था लागू हो चुकी है. वाहन दुर्घटना में घायल व्यक्ति को 50 हजार, जबकि मृतक के आश्रितों को 5 लाख सरकारी मुआवजा मिलेगा.

संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि पहले और अब में यह फर्क है कि पहले एक व्यक्ति की मौत पर अनुदान देने की व्यवस्था नहीं थी, लेकिन अब वाहन दुर्घटना में किसी एक व्यक्ति की मौत होने पर भी उसे तुरंत मुआवजा दिया जाता है. उन्होंने लोगों से अपने वाहन का कम से कम थर्ड पार्टी बीमा जरूर कराने की सलाह दी है. परिवहन सचिव ने कहा कि बीमा के बगैर सड़क पर चल रहे किसी वाहन से अगर दुर्घटना होती है और उस दुर्घटना में किसी की मौत होती है तो उस वाहन को तुरंत जब्त कर लिया जाएगा. वाहन मालिक को पीड़ित परिवार को मुआवजा देना होगा. अगर वाहन मालिक मुआवजा नहीं देता तो सरकार उस वाहन की नीलामी करेगी और उस नीलामी से राशि वसूल करेगी, लेकिन इस बीच पीड़ित परिवार को कोई परेशानी नहीं होगी क्योंकि परिवहन विभाग अपने फंड से 15 दिनों के भीतर पीड़ित परिवार को मुआवजे का भुगतान कर देगा.

पटना: अब बिहार में वाहनों का इंश्योरेंस (Vehicle Insurance) अनिवार्य हो गया है, क्योंकि अगर आपकी गाड़ी से कोई हादसा होता है तो बीमा नहीं होने की स्थिति में आपके वाहन को जब्त कर लिया जाएगा. वहीं, पीड़ित परिवार को मुआवजा (Compensation) नहीं देने पर सरकार आपकी उस गाड़ी की नीलामी (Auction) से राशि वसूल करेगी. हालांकि इस बीच पीड़ित परिवार को कोई परेशानी न हो, लिहाजा परिवहन विभाग अपने फंड से 15 दिनों के भीतर मुआवजे का भुगतान कर देगा.

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दरअसल, आपके पास चाहे टू व्हीलर हो या थ्री व्हीलर या फोर व्हीलर, किसी भी मोटर व्हीकल के लिए सड़क पर चलने से पहले कुछ कागजात बेहद जरूरी होते हैं. जिनमें से रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस और पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट के अलावा वाहन का बीमा कागजात महत्वपूर्ण है. वाहन बीमा दो तरह का होता है. एक तो थर्ड पार्टी बीमा (Third Party Insurance) और दूसरा कंप्रिहेंसिव इंश्योरेंस (Comprehensive Insurance).

देखें रिपोर्ट

इस बारे में एक बीमा कंपनी में सीनियर ऑटोमोबाइल इंजीनियर संजय कुमार सिन्हा ने ईटीवी भारत को बताया कि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के तहत, अगर किसी वाहन से किसी व्यक्ति की मौत होती है या कोई व्यक्ति घायल होता है तो उस व्यक्ति के परिवार को बीमा कंपनी की तरफ से राशि दी जाती है, लेकिन गाड़ी क्षतिग्रस्त होने या वाहन मालिक या उसके परिजनों को कोई राशि बीमा कंपनी नहीं देती है.

सीनियर ऑटोमोबाइल इंजीनियर संजय कुमार सिन्हा ने बताया कि कंप्रिहेंसिव इंश्योरेंस का मतलब वाहन मालिक, वाहन और थर्ड पार्टी तीनों का बीमा होता है. यानी किसी दुर्घटना की स्थिति में या वाहन चोरी की स्थिति में बीमा का पूरा फायदा वाहन मालिक और थर्ड पार्टी को भी मिलता है. संजय कुमार सिन्हा ने कहा कि यही वजह है कि थर्ड पार्टी की अपेक्षा कंप्रिहेंसिव इंश्योरेंस थोड़ा महंगा पड़ता है, लेकिन वाहन चलाने के लिए इन दोनों में से कोई एक इंश्योरेंस होना जरूरी है.

वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक आदेश दिया है कि अगर कोई वाहन बिना इंश्योरेंस के सड़क पर चल रहा है और उससे कोई दुर्घटना होती है तो उस वाहन को जब्त कर लिया जाएगा और वह वाहन तबतक नहीं छोड़ा जा सकता है, जबतक कि उस पीड़ित व्यक्ति या उसके परिवार को मुआवजा नहीं मिल जाता. अगर वाहन मालिक मुआवजा नहीं देता है तो उस वाहन को नीलामी कर मुआवजे की राशि वसूल की जाएगी.

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इस बारे में बिहार सरकार के परिवहन विभाग ने मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन करते हुए ये प्रावधान किया है कि किसी व्यक्ति की अगर वाहन दुर्घटना में मौत होती है तो 15 दिनों के भीतर उस व्यक्ति को मुआवजे का भुगतान सरकार करेगी. इसके लिए 50 करोड़ रुपए का अलग फंड भी बनाया गया है. परिवहन विभाग के सचिव संजय अग्रवाल (Sanjay Kumar Agarwal) ने बताया कि 15 सितंबर से बिहार में वाहन से सड़क दुर्घटना होने पर तत्काल सरकारी मुआवजा देने की व्यवस्था लागू हो चुकी है. वाहन दुर्घटना में घायल व्यक्ति को 50 हजार, जबकि मृतक के आश्रितों को 5 लाख सरकारी मुआवजा मिलेगा.

संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि पहले और अब में यह फर्क है कि पहले एक व्यक्ति की मौत पर अनुदान देने की व्यवस्था नहीं थी, लेकिन अब वाहन दुर्घटना में किसी एक व्यक्ति की मौत होने पर भी उसे तुरंत मुआवजा दिया जाता है. उन्होंने लोगों से अपने वाहन का कम से कम थर्ड पार्टी बीमा जरूर कराने की सलाह दी है. परिवहन सचिव ने कहा कि बीमा के बगैर सड़क पर चल रहे किसी वाहन से अगर दुर्घटना होती है और उस दुर्घटना में किसी की मौत होती है तो उस वाहन को तुरंत जब्त कर लिया जाएगा. वाहन मालिक को पीड़ित परिवार को मुआवजा देना होगा. अगर वाहन मालिक मुआवजा नहीं देता तो सरकार उस वाहन की नीलामी करेगी और उस नीलामी से राशि वसूल करेगी, लेकिन इस बीच पीड़ित परिवार को कोई परेशानी नहीं होगी क्योंकि परिवहन विभाग अपने फंड से 15 दिनों के भीतर पीड़ित परिवार को मुआवजे का भुगतान कर देगा.

Last Updated : Oct 12, 2021, 5:25 PM IST
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