पटना: बिहार में रोजगार अभी भी प्रमुख मुद्दा बना हुआ है. शिक्षा विभाग में जिस प्रकार से नियुक्तियों को लेकर अनियमितता है, उसको लेकर प्रदेश के युवाओं में रोष बढ़ता जा रहा है. ऐसे में इस बार विधानसभा सत्र के दौरान जबरदस्त हंगामे के आसार नजर आ रहे हैं. रविवार को पटना के गांधी मैदान के गांधी स्मारक के नीचे उर्दू बांग्ला टीईटी संघ (Urdu Bangla TET Association) की बैठक बुलाई गई. जिसमें सभी जिला के अध्यक्ष और सचिव मौजूद रहे. इस बैठक की अध्यक्षता उर्दू बांग्ला टीईटी संघ के प्रदेश अध्यक्ष मुफ्ती हसन राजा ने की. बैठक में निर्णय लिया गया कि विधानसभा सत्र के दौरान सभी उम्मीदवारों के साथ 29 नवंबर को शिक्षा मंत्री विजय चौधरी (Education Minister Vijay Choudhary) के आवास का घेराव किया जाएगा.
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उर्दू बांग्ला टीईटी संघ के प्रदेश अध्यक्ष मुफ्ती हसन राजा ने बताया कि उर्दू बांग्ला टीईटी उम्मीदवार (Urdu Bangla TET candidates) पिछले 7 वर्षों से इंसाफ की भीख मांग रहे हैं. हर समय सरकार की तरफ से उन्हें सिर्फ इंसाफ करने का आश्वासन मिलता है और होता कुछ नहीं. उन्होंने बताया कि सरकार ने उर्दू बांग्ला टीईटी में सफल हुए 12000 अभ्यर्थियों को मेरिट लिस्ट में डालने के बाद फेल कर दिया. अभ्यर्थी जब जॉइनिंग की प्रक्रिया पूरी कर लिए थे, तब उन्हें फेल किया गया और तर्क दिया गया कि कुछ प्रश्न गलत है और उन गलत प्रश्नों को हटा कर उनका नंबर भी हटा लिया गया है. जितने सही प्रश्न बचे हैं, उनमें से रिजल्ट दिया गया है.
मुफ्ती हसन राजा ने कहा कि सरकार की तरफ से उर्दू बांग्ला टीईटी की का 3 बार रिजल्ट जारी किया गया, फिर भी अभी तक यह रिजल्ट की प्रक्रिया अधूरी है. साल 2019 में जनरल टीईटी के उम्मीदवारों को 50% मार्क्स पर पास किया गया, जबकि उस वक्त शिक्षा विभाग के तरफ से प्रधान सचिव ने बिहार बोर्ड को निर्देश दिया कि उर्दू बांग्ला टीईटी अभ्यर्थियों का भी 5% मार्क्स कम करके 55 फीसदी पर रिजल्ट जारी किया जाए, जो अब तक नहीं हुआ है.
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संघ के अध्यक्ष ने कहा कि मुस्लिम समाज के कई संगठन के नेता सरकार के मंत्रियों और यहां तक कि मुख्यमंत्री से भी मुलाकात कर चुके हैं. इस मसले पर और सीएम नीतीश कुमार की तरफ से भी इंसाफ किए जाने का आश्वासन मिला है, लेकिन यह इंसाफ का इंतजार 7 साल का हो गया है. यह अब आगे अभ्यर्थी नहीं सह सकते हैं. कई अभ्यर्थियों की उम्र खत्म हो गई है तो कई ने बेरोजगारी के कारण फांसी लगा ली है. ऐसे में अब सभी अभ्यर्थी सरकार से आर-पार की लड़ाई के मूड में है.
मुफ्ती हसन राजा ने बताया कि आज की बैठक में रणनीति बनी है कि 29 नवंबर को विधानसभा सत्र के दौरान शिक्षा मंत्री विजय चौधरी के आवास का घेराव किया जाएगा. इसके लिए सभी 12000 अभ्यर्थियों और उनके परिवार के सदस्यों को निमंत्रित किया गया है. 29 नवंबर को 12 से 15 हजार की संख्या में लोग शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव करेंगे और जब तक मांगे पूरी नहीं होती है, तब तक कहीं नहीं हटेंगे. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के सरकारी वकील से भी इस मसले पर ओपिनियन मंगवाया है और उसी ओपिनियन के मुताबिक भी सरकार अगर रिजल्ट जारी कर दे तो वह संतुष्ट हो जाएंगे लेकिन नौकरी में जैसे-जैसे देरी हो रही है उम्मीदवारों के सब्र का बांध टूट रही है.