पटना: बैंकों के निजीकरण (Privatization of Banks) को लेकर बैंक के कर्मचारी और अधिकारी नाराज चल रहे हैं. इस कड़ी में यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने बताया है कि 16 और 17 दिसंबर को बैंकों में हड़ताल होगी. उसके बाद शनिवार और रविवार है. इस प्रकार से चार दिन बैंकिंग सेवा का लाभ लोग नहीं पायेंगे. इसलिए नकदी संभलकर खर्च करें.
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यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (United Forum of Bank Unions) अजीत कुमार मिश्रा ने बताया कि बैंक भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार हैं. बैंकों के निजीकरण से भारतीय अर्थव्यवस्था एवं आम नागरिकों के आर्थिक जीवन पर भयंकर दुष्प्रभाव पड़ने वाला है. निजीकरण से बैंकों के पीछे की संप्रभु गारंटी खत्म हो जाएगी और जमा राशि अकाउंट सुरक्षित और संरक्षित हो जाएगी.
उन्होंने कहा कि छोटे और सीमांत किसान, गैर कॉरपोरेट व्यक्तिगत किसान, सूक्ष्म उद्योग, स्वयं सहायता समूह और एससी-एसटी और अल्पसंख्यक जैसे कमजोर वर्ग को निजी क्षेत्र के बैंक ऋण देने से कतराते हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान में केंद्र सरकार बैंकों के निजीकरण की दिशा में कई कदम उठा रही है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 2021 के बजट भाषण में बैंकों के निजीकरण की घोषणा पहले ही की जा चुकी है.
बैंकों के निजीकरण से उपरोक्त सबको इस सुविधा से अलग कर दिया जाएगा. गरीब एवं ग्रामीण नागरिक बैंकिंग प्रणाली से नहीं जुड़ पाएंगे. अब तक लगभग 44 करोड़ पीएम जन धन योजना खाते में से 97% सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने खोला है. सभी शाखाओं में 30% ग्रामीण क्षेत्रों में जबकि ग्रामीण बैंक का काम लगभग 20% अधिक सेवाएं प्रदान करते हैं.
उन्होंने कहा कि बैंकों के निजीकरण से हमारे देश के जरूरतमंद लोगों को एक बार पुनः बैंकिंग सेवाओं से वंचित करने का प्रयास किया जा रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुए 16 और 17 दिसंबर को बैंकिंग सेवा पूरी तरह से प्रभावित रहेगी. यहां तक कि एटीएम सेवा भी पूरी तरह से ठप रहेगी. आने वाले दिनों में इससे भी बड़ा कदम यूनाइटेड फोरम द्वारा उठाया जाएगा.
निजीकरण की प्रक्रिया से पुनः बैंकिंग क्षेत्र में धोखाधड़ी को बढ़ावा मिलेगा. देश को आर्थिक रूप से पीछे धकेल दिया जाएगा. पिछले दशक में राष्ट्रीय बैंकों के मुनाफे में गिरावट हुई है. इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी बताया कि निजीकरण से देश में रोजगार के समान अवसरों में कमी आएगी. बेरोजगारी में बेतहाशा बढ़ोतरी होगी. सरकारी बैंक प्रत्येक वर्ष लगभग 7.30 लाख से ज्यादा लोगों को नौकरी प्रदान करते हैं. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय ने पहले ही कर्मचारियों की छटनी और बैंक शाखा बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
ऐसे में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की कुल कर्मचारी की संख्या मार्च 2018 में 8.44 लाख से गिरकर मार्च 2021 में लगभग 7.7 लाख रह गई है. सरकार की इन नीतियों को लेकर 16 और 17 दिसंबर को दो दिवसीय देशव्यापी बैंक हड़ताल का निर्णय लिया है. इस निर्णय से ग्राहकों को थोड़ी सी असुविधा जरूर होगी लेकिन यह लड़ाई ना कि सिर्फ बैंक कर्मचारियों के लिए है बल्कि देश के उन तमाम नागरिकों के लिए है जो बैंकिंग से जुड़े हुए हैं.
दिसंबर का आधा महीना बीत चुका है और इस महीने के अब 16 दिन बचे हैं. लेकिन इन 16 दिनों में से भी 10 दिन बैंक बंद रहेंगे. इसलिये बैंक हॉलिडे के बारे में जानकारी लेकर ही बैंक का रुख कीजिए क्योंकि बैंक की छुट्टियां अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग दिन है.
तारीख | क्यों बंद रहेंगे बैंक | कहां बंद रहेंगे |
16 दिसंबर | बैंक हड़ताल | देशव्यापी |
17 दिसंबर | बैंक हड़ताल | देशव्यापी |
18 दिसंबर | यू सो सो थाम की डेश एनिवर्सरी | शिलॉन्ग |
19 दिसंबर | रविवार | सभी जगह |
24 दिसंबर | क्रिसमस | आइजोल |
25 दिसंबर | क्रिसमस और चौथा शनिवार | देशव्यापी |
26 दिसंबर | रविवार | सभी जगह |
27 दिसंबर | क्रिसमस सेलिब्रेशन | आइजोल |
28 दिसंबर | यू किआंग नांगबाह | शिलॉन्ग |
31 दिसंबर | न्यू इयर ईव | आइजोल |
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