पटना: रोहतास जिले के नासरीगंज प्रखंड क्षेत्र में अमियावर स्थित आरा मुख्य नहर पर बना लोहे का 60 फीट लंबा पुल चोरी (60 Feet Long Bridge Theft in Rohtas) हो गया है. जर्जर हो चुके इस पुल को चोरों ने सिंचाई विभाग का अधिकारी बनकर चोरी कर लिया. वे जेसीबी व गैस कटर की मदद से पूरे पुल को काट और उखाड़कर वाहनों से लाद ले गए. अब बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस घटना को लेकर सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर हमला (Tejashwi Yadav attacked CM Nitish Kumar) बोला है.
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उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, '45 वर्ष पुराने 500 टन लोहे के पुल को 17 वर्षों की भाजपा-नीतीश सरकार ने दिनदहाड़े लुटवा दिया. चोर गैस कटर, JCB व सैंकड़ों मजदूरों के साथ आए और पुल को उखाड़ ले गए. चोर जनादेश चोरी से बनी NDA सरकार से प्रेरित है. जब BJP और नीतीश जी बिहार में सरकार चुरा सकते हैं तो पुल क्या है?'
दरअसल, यहां चोरों ने 60 फीट लंबा और 20 टन वजनी लोहे का पुल चोरी (60 Feet Long Bridge Theft in Rohtas) कर लिया है. सबसे बड़ी बात यह कि चोरों ने इस हैरतअंगेज चोरी की वारदात को दिनदहाड़े अंजाम दिया. लेकिन स्थानीय अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी. अब मामले सामने आने के बाद ग्रामीण हैरान परेशान हैं तो दूसरी ओर प्रशासन में खलबली मच गई है.
पुल चोरी हो गया : पुल चोरी की यह घटना बिहार के रोहतास जिला के नासरीगंज थाना क्षेत्र के अमियावर की है. बताया जाता है कि कुछ लोग खुद को सिंचाई विभाग का अधिकारी बताकर आए और नहर पर बने लोहे के पुराने पुल को काटना व उखाड़ना शुरू कर दिया. चोरों ने पुल को गैस कटर से काट दिया. जेसीबी से उसे उखाड़ कर गाड़ी पर लादा और आराम से चलते बने. इस दौरान आसपास के लोगों ने सवाल पूछा तो उन्होंने खुद को सिंचाई विभाग का अफसर बताया. बाद में पता चला कि वे सिंचाई विभाग के अधिकारी नहीं, बल्कि शातिर चोर थे. हकीकत जानकर जहां ग्रामीण भी हैरत में पड़ गए तो दूसरी तरफ स्थानीय प्रशासन में भी पुल चोरी होने की घटना से हड़कंप मच गया. बता दें कि इस पुल का इस्तेमाल नहीं हो रहा था.
कई खेप में पिकअप पर लाद कर ले गए: ग्रामीणों ने बताया कि उक्त पुल से निकले लोहे को कई खेप में पिकअप पर लाद कर ले जाया गया. उक्त पुल से निकले बीस टन से अधिक लोहे को लगभग दिन दहाड़े लूट लिया गया है. घटना को लेकर राजनीतिक गलियारे में हलचल है. पक्ष व विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी है. इधर, ग्रामीण उक्त घटना को हजम नहीं कर पा रहे हैं. कुछ ग्रामीणों ने उक्त पुल को पूरे लाव लश्कर के साथ अपराधियों को काटते देखा भी. उनसे पूछने पर उन्होंने पूरे आत्मविश्वास के साथ खुद को विभागीय कर्मी बताया. साथ ही विभागीय आदेश पर पुल काटने का दावा किया. इसलिए ग्रामीणों ने अनदेखी कर दी.
पुल तोड़ने के लिए JCB मशीन का किया इस्तेमाल : बता दें कि 50 साल पुराने लोहे के पुल को उखाड़कर इसके मलबे को ट्रक पर लादकर अपराधी दिनदहाड़े ले गए. लेकिन विभाग और प्रशासन को इसकी भनक नहीं लगी. ग्रामीण बताते हैं कि पुल को जेसीबी मशीन की मदद से उखाड़ कर एवं गैस कटर से काटकर मलबे को वाहनों में लाद कर कहीं ले जाया गया है. यह पुल सोन नहर अवर प्रमंडल नासरीगंज के अमियावर गांव स्थित आरा मुख्य नहर पर स्थित कंक्रीट के पुल के समानांतर लगभग 25 फीट की दूरी पर स्थित था.
पुल चोरी, विभाग को खबर नहीं: आधे दर्जन गांवों को जोड़ने वाला आरा कैनाल पर करीब 50 साल पहले बने 60 फीट लंबा, दस फीट चौड़ा व बारह फीट ऊंचा, एक हजार किलो वजनी ऐतिहासिक लोहे का पुल जर्जर हो जाने के कारण इस्तेमाल नहीं हो रहा था. ग्रामीण पुल को हटाने के लिए आवेदन भी दे चुके थे. लेकिन जिस तरह से दिनदहाड़े पुल चोरी हो गया, इसको लेकर विभागीय अधिकारी हैरान हैं.
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क्या कहते हैं अधिकारी? : पुलिस चोरी की घटना को लेकर सिंचाई विभाग के एसडीओ राधेश्याम सिंह के निर्देश पर विभागीय जेई अरशद कमाल शम्शी ने स्थानीय थाने में अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराई है. जेई ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर विभागीय वरीय अधिकारी, अवर प्रमंडल अभियंता व एक्जक्यूटिव इंजीनियर को इसकी सूचना दे दी गई है. थानाध्यक्ष सुभाष कुमार ने प्राथमिकी की पुष्टि की. उन्होंने बताया कि विभागीय जेई द्वारा प्राप्त आवेदन के आलोक में प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस जांच में जुट गई है. उक्त पुल की चोरी की घटना से सभी लोग हैरान हैं.
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