पटना: बिहार में जातीय जनगणना को लेकर सियासत (Bihar Caste Census) तेज हो गई है. बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने एक बार फिर जातीय जनगणना को लेकर नीतीश सरकार (Tejashwi yadav attack CM Nitish Kumar) को घेरा है. तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 72 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. उन्होंने कहा है कि बिहार में जातीय जनगणना को लेकर जल्द फैसला होना चाहिए.
ये भी पढ़ें : Caste Census In Bihar: 'हमें और कोई चारा नहीं आ रहा नजर.. अब बिहार से दिल्ली तक होगा पैदल मार्च'
नीतीश को दिया 72 घंटे का अल्टीमेटम : पटना में प्रेस को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार जातीय जनगणना पर अगले 72 घंटे में अपना स्टैंड साफ करें. उन्होंने कहा कि अब बहुत हुआ, अब देरी बर्दाश्त नहीं की जा सकती है. नीतीश सरकार को तत्काल कैबिनेट की बैठक बुलाकर बिहार में जातीय जनगणना कराने पर फैसला लेना होगा. अगर ऐसा नहीं होता है तो हम सड़क पर उतरेंगे.
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि, विधानसभा से इस पर प्रस्ताव पारित हो चुका है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हम प्रधानमंत्री जी से भी मिले थे. पीएम से मिलने के बाद केंद्र सरकार ने जातीय जनगणना कराने में असमर्थता जतायी थी. केंद्र सरकार ने कहा था कि राज्य सरकार स्वत्रंत्र है वो चाहे तो अपने स्तर से जातीय जनगणना करा सकते हैं. सरकार इसे लेकर सर्वदलीय बैठक जल्द करेगी लेकिन आज तक बैठक नहीं बुलाई गयी.
''इस मामले के लगातार टाला जा रहा है. मुख्यमंत्री जी सभी लोगों से बात करे और अपनी स्थिति को स्पष्ट करे. यदि जातीय जनगणना करना चाहते है तो कब तक करेंगे यह भी बताएं. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले इसकी मांग भी पहले लगातार उठायी जा रही थी लेकिन अब उस मामले पर भी चुप्पी साध ली गयी है. हम मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगेंगे. पूछेंगे कि इस मसले पर आप क्या करने जा रहे है." - तेजस्वी यादव नेता प्रतिपक्ष
बता दें कि इससे पहले सोमवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ऐलान किया था कि वे जल्द ही बिहार में जातीय जनगणना कराने के मुद्दे पर पटना से दिल्ली तक पैदल मार्च करेंगे. जातीय जनगणना कराने के मुद्दे पर नीतीश सरकार को घेरते हुए तेजस्वी ने कहा था कि उन्हें अब ऐसा लगता है कि जातीय जनगणना के मुद्दे पर उन्हें पटना से दिल्ली तक पैदल यात्रा करनी होगी.
''आरजेडी के प्रयास से पूर्व में दो बार बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों से जातीय जनगणना कराने का प्रस्ताव पास हुआ है. इस मुद्दे पर हम लोग प्रधानमंत्री से भी मिल चुके हैं और अब मुझे कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है. अब एक ही रास्ता नजर आ रहा है और वह है सड़क पर उतरना और बिहार से दिल्ली तक पैदल यात्रा करना पड़ेगा''. - तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष
CM नीतीश कुमार ने क्या कहा : नीतीश कुमार ने बिहार में राज्य स्तर पर जातीय जनगणना कराने को लेकर सोमवार को कहा था कि वह चाहते हैं कि सभी राजनीतिक दल बैठकर इस पर मंथन करें मगर कोविड-19 के वजह से सर्वदलीय बैठक में देरी हो रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इसको लेकर यहां के सभी दलों के लोग प्रधानमंत्री से जाकर मिले थे.
''केंद्र सरकार इसे नहीं करेगी, लेकिन कहा है कि राज्य सरकार अपने यहां कर सकती है. यहां सभी दलों के लोग आपस में बातचीत कर लेंगे. कुछ राज्य इसे अपने ढंग से कर रहे हैं, लेकिन बिहार में जब यह होगी, तो पूरे तौर पर होगी. उसके लिए सब पार्टियों की बैठक होगी. आपस में चर्चा होगी. नीतीश ने कहा कि सब लोगों की राय लेंगे, तभी आगे काम करेंगे.'' - नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री बिहार
ये भी पढ़ें : कब होगी बिहार में जातीय जनगणना? सुनिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जवाब
जातीय जनगणना पर केन्द्र की दलील : बता दें कि जातीय जनगणना को लेकर केंद्र का कहना है कि 2011 में ओबीसी की संख्या जानने के लिए जातिगत जनगणना नहीं हुई थी. परिवारों का पिछड़ापन जानने के लिए सर्वे हुआ था. लेकिन, वह आंकड़ा त्रुटिपूर्ण है और इस्तेमाल करने लायक नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में केंद्र सरकार की दलील को स्वीकार कर लिया है.
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP