पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) बिहार विधानसभा के शताब्दी वर्ष के समापन समारोह में शिरकत करने मंगलवार शाम पटना पहुंचे. इस मंच पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (RJD Leader Tejashwi yadav ) भी पहुंचे थे. लेकिन इस दौरान लिखा हुए भाषण में कई बार अटक अटक के पढ़ते दिखे. 10 मिनट के भाषण में वह करीब 6 बार अटके (Tejashwi Yadav Fumbles Badly Before Modi). इससे उनके चेहरे पर तनाव भी साफ झलका था. पूरे मसले से जुड़ा वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया है, जिसे लेकर उन्हें घेरा गया है. आखिर क्या वजह थी कि नेता प्रतिपक्ष लिखा हुआ भाषण भी नहीं पढ़ पा रहे थे.
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बताया जाता है कि प्रधानमंत्री के पटना दौरे के दौरान उनका भाषण सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने गुरुवार को नेत्र रोग विशेषज्ञ से मुलाकात की. तेजस्वी यादव के राजनीतिक सलाहकार संजय यादव ने बताया कि नेता प्रतिपक्ष ने पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद के बेटे व प्रख्यात नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ राजवर्धन आजाद से अपनी आंखों को दिखाया है, (Eye Specialist Doctor Rajyavardhan Azad), जिनका क्लिनिक राजधानी पटेल नगर इलाके में स्थित है. जांच के दौरान पता चला कि उसकी आंखों का दबाव बढ़ गया था और यही वजह थी कि वह मंच पर ठीक से नहीं पढ़ पा रहे थे. तेजस्वी के करीबी सूत्रों ने बताया की वो दो बार डॉक्टर के पास जा चुके हैं और पता चला है कि उनकी आंख का दबाव बढ़ गया था, जिससे यह घटना हुई. हमने कल रात (बुधवार) और आज (गुरुवार) भी डॉक्टर से मिले.
सूत्रों के अनुसार प्रारंभिक रिपोर्ट बताती है कि बहुत अधिक फ्लूड प्रोड्यूस हो रहा है जिससे आंखों का दबाव बढ़ जाता है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के मामले को लेकर पटना नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ सुनील कुमार ने बताया कि, 'कुछ समय के लिए अगर दबाव बढ़ जाये तो, आंखों की रोशनी जाने की संभावना होती है.''
"यह सच है कि यदि आंख का दबाव सामान्य से अधिक बढ़ जाता है तो कई रोगियों की दृष्टि खो जाती है. हम इसे क्षणिक दृष्टि हानि (Transient Loss of Vision) कहते हैं, जिसमें अंतः कोशिकीय दबाव बढ़ जाता है. एक डॉक्टर के रूप में हमें विश्वास करना चाहिए कि वह क्या कह रहे है और आंखों की ठीक से जांच की जानी चाहिए. कई बार जब बीपी और शुगर की समस्या होने पर दिमाग पर दबाव बढ़ जाता है, तो कुछ समय के लिए आंखों की रोशनी चली जाती है. ऐसी संभावना हो सकती है कि दबाव सामान्य से ऊपर चला गया होगा, जिसके कारण उन्हें पढ़ने में परेशानी हो रही होगी.'' - डॉ सुनील कुमार, नेत्र रोग विशेषज्ञ
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ सुनील कुमार की माने तो सामान्य आंख का दबाव 10 से 21 मिमी एचजी के बीच होता है और यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अलग-अलग होता है, लेकिन औसत आंख का दबाव लगभग 15 मिमी एचजी होता है. दरअसल, आंखों के फ्रंट एरिया में फ्लूइड रहता है. जब यह फ्लूइड आंख से पूरी तरह से सूखता नहीं, तो आंखों के अंदर प्रेशर बिल्डअप होता है. नॉर्मल से ज्यादा प्रेशर होने पर उसे ऑक्युलर हायपरटेंशन कहा जाता है. ऑक्युलर हायपरटेंशन (Ocular Hypertension) ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचा सकता है, आंख के अंदर ज्यादा दबाव होने से ग्लूकोमा का खतरा बढ़ सकता है. हालांकि, ओकुलर हाइपरटेंशन वाले सभी लोगों में ग्लूकोमा विकसित नहीं होगा.
ऑक्युलर हायपरटेंशन के क्या कारण हैं? : आंखों का आगे का हिस्से में फ्लूइड रहता है, जिसे एक्वोइस ह्यूमर (Aqueous humor) कहते हैं. यह इस भाग के टिशूज को पोषण देने और आंख से शेप को मेंटेन रखने में मदद करता है. चूंकि आंखें इस फ्लूइड को लगातार बनाती हैं इसका सूखना जरूरी है. यह फ्लूइड सूखने की प्रक्रिया आंख के एक क्षेत्र में होती है. जिसे ड्रेनेज एंगल कहा जाता है. यह ड्रेनेज सिस्टम एक्वोइस ह्यूमर (Aqueous humor) के बिल्डअप को रोक कर आई प्रेशर को मैनेज करने में मदद करता है. जब यह पूरी तरह सूख नहीं पता तो यह जमा हो जाता है. यह आंखों में प्रेशर बढ़ाने के साथ ही ऑक्युलर हायपरटेंशन (Ocular Hypertension) का कारण बनता है.
ऑक्युलर हायपरटेंशन के रिस्क फैक्टर, लक्षण व उपाय : किसी को भी ऑक्युलर हायपरटेंशन (Ocular Hypertension) हो सकता है. अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज है. उम्र 40 से अधिक होने पर, पहले कभी आंखों में चोट या सर्जरी हुई हो. अगर आप लंबे समय से स्टेरॉयड दवाओं का उपयोग कर रहे हो. हालांकि, ऑक्युलर हाइपरटेंशन के आमतौर पर लक्षण नहीं दिखाई देते हैं. ऐसे में डॉक्टर के दिशा निर्देश के अनुसार दवा को आंख पर अप्लाई करना बहुत जरूरी है. दवाएं, आमतौर पर आय ड्रॉप के रूप में, इंट्राऑकुलर प्रेशर को कम करने में मदद करने के लिए निर्धारित की जाती हैं.
आम तौर पर, तेजस्वी अपने भाषण के दौरान बहुत धाराप्रवाह होते हैं और यहां तक की उनके प्रतिद्वंद्वी भी विधानसभा के दौरान और कई अन्य अवसर पर उनके बोलने के तरीके की प्रशंसा करते हैं. बीजेपी के सीनियर नेता नन्द किशोर यादव ने तेजस्वी के भाषण की तारीफ की थी जब 2017 में पहली बार विपक्ष के नेता बनने के बाद उन्होंने विधानसभा में अपना पहला भाषण दिया था. हालांकि, तेजस्वी को एक तेजतर्रार वक्ता माना जाता है जब भी वो एक्सटेम्पोर बोलते हैं. यह पहली बार था जब 32 वर्षीय राजद नेता पीएम नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा कर रहे थे. राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा कि जब पीएम ने टेलीप्रॉम्प्टर से पढ़ते हुए डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद के नाम को संबोधित किया तो किसी ने यह मुद्दा नहीं उठाया लेकिन कार्यक्रम के दौरान तारकिशोर मौजूद नहीं थे.