पटना: बिहार के सबसे बड़े सियासी परिवार ( Lalu Family ) के दावेदार दो भाइयों के बीच इस बार विवाद की जड़ें कुछ ज्यादा ही गहरा गई हैं. यह हम नहीं कह रहे, बल्कि दोनों के बीच की दूरी सबकुछ बयां कर रही है. हर विवाद की खबर के बाद फोटो के एक फ्रेम में एक साथ नजर आने वाले तेजस्वी ( Tejashwi Yadav ) और तेज प्रताप ( Tej Pratap Yadav ) इस बार, जब से विवाद शुरू हुआ है, तब से अलग-अलग नजर आ रहे हैं.
दोनों भाइयों के बीच विवाद की खबर कोई नई बात नहीं है. पहले भी कई मौकों पर दोनों भाइयों के बीच विवाद की खबरें आती रहती थी. लेकिन तब और अब में बड़ा फर्क है. पहले जब भी तेजस्वी और तेजप्रताप के बीच किसी विवाद की चर्चा होती थी तो कुछ वक्त बाद ही दोनों भाई फोटो के एक फ्रेम में नजर आते थे.
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यानी दोनों की एक साथ तस्वीर सामने आ जाती थी और सोशल मीडिया के जरिए भी इस बात की तस्दीक कर दी जाती थी कि हम दोनों एक हैं और हमारे बीच कोई विवाद नहीं है. यह काम अक्सर तेज प्रताप यादव ही किया करते थे, लेकिन अब पहले जैसी बात नहीं रही.
पिछले हफ्ते जिस तरह जगदानंद सिंह ( Jagdanand Singh ) और संजय यादव ( Sanjay Yadav ) के बहाने तेज प्रताप यादव ने तेजस्वी पर निशाना साधा और उसके बाद दोनों भाई दिल्ली गए. वहां से भी जो तस्वीरें सोशल मीडिया पर दिखीं, उसने यह साबित कर दिया कि इस बार दोनों के बीच का विवाद कुछ ज्यादा ही गहरा है.
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तेज प्रताप की नाराजगी और दोनों भाइयों के बीच विवाद शुरू हुए दो हफ्ते से ज्यादा बीत चुके हैं. राखी में दोनों भाइयों ने दिल्ली में अपनी बहनों से राखी बंधवाई लेकिन जो फोटो सोशल मीडिया पर आई, उसमें दोनों भाई कहीं एक साथ नजर नहीं आए.
राखी के बाद तेज प्रताप यादव अपने दोस्तों के साथ दिल्ली के एक मॉल में मस्ती करते नजर आए फिर भी अपने छोटे भाई के साथ उनकी कोई तस्वीर अब तक सामने नहीं आयी है. हालांकि राखी के बाद विवाद पर दोनों भाइयों ने चुप्पी साध रखी है लेकिन दोनों एक साथ नहीं नजर आ रहे हैं.
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तेज प्रताप यादव का पत्नी से विवाद के बाद दोनों के बीच डाइवोर्स का मामला कोर्ट में चल रहा है और उसके बाद से ही तेज प्रताप यादव परिवार से अलग होकर अकेले रहते हैं. लोकसभा चुनाव के वक्त मनमाफिक उम्मीदवार नहीं उतारे जाने से नाराज तेजप्रताप यादव ने तब 'लालू राबड़ी मोर्चा' बनाकर जहानाबाद में पार्टी का खेल बिगाड़ दिया था.
विधानसभा चुनाव के वक्त भी अपनी पसंद के उम्मीदवारों को टिकट नहीं देने को लेकर तेज प्रताप यादव ने नाराजगी जताई थी. लेकिन इस बार पार्टी और संगठन में अपनी अनदेखी से नाराज तेज प्रताप यादव ने महाभारत के कौरव और पांडवों की पटकथा ही सामने रख दी है. जबकि पहले वे हमेशा कृष्ण और अर्जुन के तौर पर खुद को और तेजस्वी को पेश करते रहे हैं.