पटना: राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी में बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक नवनियुक्त शिक्षकों (Bihar Panchayat Nagar Newly Appointed Teacher) ने 28 जुलाई से अनिश्चितकालीन धरना पर जाने की घोषणा कर दी है. दरअसल शिक्षक 3 साल के बकाए वेतनमान की मांग को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. बीते 23 जुलाई को प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के समक्ष विरोध प्रदर्शन करने के दौरान टीचरों को आश्वासन मिला था कि उनका बकाया पैसा मिल जाएगा. लेकिन अभी तक कोई पहल नहीं होने से नाराज सभी शिक्षकों ने एक बार फिर से कल यानी गुरुवार 28 जुलाई से अनिश्चितकालीन धरना पर बैठने की घोषणा की है.
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बकाया वेतन नहीं मिलने से नाराज शिक्षक : दरअसल शिक्षक 2016 से लेकर 2019 तक के बकाए अंतर वेतनमान समेत छह सूत्री मांग को लेकर लगातार कई दिनों से मसौढ़ी से लेकर जिला मुख्यालय तक प्रदर्शन कर रहे है. लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं हो रही है. जिससे नाराज सभी शिक्षकों ने हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी है और 28 जुलाई से अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ कर अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन करेंगे. इस प्रदर्शन में तकरीबन 300 शिक्षक शामिल होंगे. जिसकी सूचना प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से लेकर जिला पदाधिकारी तक को दे दिया गया है.
'कल यानी 28 जुलाई से हमलोग अनश्चितकालीन धरना पर जा रहे हैं. एरियर विपत्र जब तक जिला में जमा नहीं हो रहा है तबतक हमलोग अनश्चितकालीन धरने से नहीं उठेंगे. 21 तारीख को मसौढ़ी के सैकड़ों शिक्षक नवप्रशिक्षित अंतरराशि के लिए सर से संपर्क किए थे, अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. सर 23 जुलाई को निराकरण के लिए बुलाए थे. प्रखंड मुख्यालय पर आए तो शिक्षा पदाधिकारी भी गायब थे और लेखपाल प्रमोद कुमार भी गायब थे. कॉल करने पर फोन भी नहीं उठाए.' - प्रेम प्रकाश सिंह, संयोजक, बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक
क्या है शिक्षकों की मांग : डीएलएड पास नवनियुक्त शिक्षकों ने 28 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठने का ऐलान कर दिया है और इसमें तकरीबन 300 शिक्षक शामिल होंगे. बता दें कि राजधानी से सटे मसौढ़ी प्रखंड में डीएलएड शिक्षकों का 2016 से 2019 तक का अंतर वेतन लंबित है. इसको लेकर बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ (Bihar State Elementary Teachers Association) के बैनर तले गुरुवार को मसौढ़ी प्रखंड के डीएलएड उत्तीर्ण शिक्षकों ने बीआरसी कार्यालय के सामने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान शिक्षकों ने बीआरसी कार्यालय में भ्रष्टाचार (Corruption in BRC Office) और शिक्षकों को अनावश्यक परेशान करने का आरोप लगाया और प्रदर्शन के बाद शिक्षकों ने छह सूत्री मांगों का ज्ञापन प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को सौंपा था.