पटना: राजधानी में बिहार प्रारंभिक माध्यमिक शिक्षक संघ के जरिए सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. इस दौरान समाज में पठन-पाठन के अलावा उत्कृष्ट कार्य करने वाले 17 शिक्षकों को सम्मानित किया गया. सम्मान पाकर सभी शिक्षकों के चेहरे खुशी से खिल उठे.
समाज को बदलते हैं शिक्षक
संघ के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ने बताया कि शिक्षक दिवस के मौके पर हम हर साल ऐसे शिक्षकों को सम्मानित करते हैं. जैसे गरीब बच्चों को नि:शुल्क पढ़ाना, स्लम इलाके में जाकर बच्चों के बीच मुफ्त शिक्षा के प्रति जागरूक करने सामाजिक कार्यक्रमों में भागीदारी निभाने वाले शिक्षकों को चुनते हैं.
राज्य सरकार की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि पता नहीं सरकार शिक्षकों को किस नजरिए से देखती है. शिक्षक समाज को बदलने को आतुर है. सरकार ने उनके हाथ बांध रखे हैं. पठन-पाठन के अलावा स्कूलों में कई तरह की सरकारी योजनाओं का बोझ भी शिक्षकों पर ही थोप दिया गया है.

प्रभावित हो रही शिक्षा
कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि सरकारी योजनाओं का बोझ होने के चलते पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है. राज्य में इन दिनों प्रारंभिक शिक्षक, नियोजित शिक्षकों का हाल किसी से छुपा नहीं है. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार योजनाओं को संचालित करने के लिए नीतियों का अनुपालन नहीं कर पा रही है.