पटना: जातिगत जनगणना और जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे पर बिहार में बीजेपी ( BJP ) और जेडीयू ( JDU ) के बीच विवाद गहराता जा रहा है. जेडीयू जहां जातिगत जनगणना को लेकर बीजेपी पर दबाव बना रही है. वहीं जनसंख्या नियंत्रण को लेकर बीजेपी और जेडीयू के बीच का विवाद भी खुलकर सामने आ गया है.
इन दोनों मुद्दे पर बीजेपी (BJP) और जेडीयू (JDU) के बीच शह और मात का खेल भी चल रहा है. जेडीयू जहां जातिगत जनगणना ( Cast Census ) के मुद्दे पर हमलावर है, वहीं बीजेपी जनसंख्या नियंत्रण कानून ( Population Control Law ) के मुद्दे पर जेडीयू को घेरने में जुटी है.
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इसी बीच मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( CM Nitish Kumar ) ने दोनों उप मुख्यमंत्रियों के सामने साफ-साफ कहा कि कोई कानून बनाए या फिर कुछ भी बोले, लेकिन जब तक घर की महिलाएं शिक्षित नहीं होंगी, तब तक जनसंख्या पर नियंत्रण नहीं पाया जा सकता है.
'अगर कोई राज्य जनसंख्या नियंत्रण कानून बना रहा है, वो उनका अपना अधिकार है. बिहार में हमलोगों ने सर्वे कराया कि जहां पत्नी पढ़ी-लिखी होती है, वहां जनसंख्या नियंत्रित रहती है. हमारा जनसंख्या रेशियो 4 से भी ज्यादा था, अब हम 3 से भी कम हो गए.' - नीतीश कुमार मुख्यमंत्री, बिहार
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इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले पांच-सात साल में हमलोग 2 पर भी पहुंच जाएंगे. बाकी जो लोग करते हैं और कहते हैं, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है. बता दें कि जिस वक्त उक्त बाते नीतीश कुमार बोल रहे थे, उस दौरान उनके पीछे उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद और रेणु देवी भी मौजूद थीं.
मुख्यमंत्री पटना में पत्रकारों से जब बात कर रहे थे और जनसंख्या नियंत्रण कानून पर तो वो पीछे घूमे और पीछे खड़े उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने हामी भरी. ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि क्या उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद पार्टी लाइन से हटकर इस मुद्दे पर सीएम नीतीश के साथ हैं? अगर ऐसा नहीं है तो उन्होंने हामी क्यों भरी? इस सवाल का जवाब तारकिशोर प्रसाद ही दे सकते हैं.
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गौरतलब है कि सोमवार को बीजेपी कोटे से नीतीश सरकार में मंत्री नीरज सिंह बबलू ने जनसंख्या नियंत्रण कानून को पहले तरजीह देने की बात कही थी. उनके इस बयान के बाद बिहार की सियासी गलियारे में चर्चा गर्म हो गई है. हालांकि इस मुद्दे पर जेडीयू ने अपनी अलग राय दी थी.