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PM मोदी से सुमो ने कहा -बिहार में बाढ़ के समाधान के लिए बने 'राष्ट्रीय गाद नीति'

उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बिहार के सभी 142 नगर निकायों से निकलने वाले दूषित जल को नदियों में प्रवाहित करने की जगह नमामि गंगे परियोजना की तर्ज पर एसटीपी और सिवरेज नेटवर्क का निर्माण कर शुद्धिकरण की मांग की.

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Published : Dec 14, 2019, 9:54 PM IST

sushil modi urges pm modi
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी

कानपुर/पटना : कानपुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में 'राष्ट्रीय गंगा पर्षद' की पहली बैठक आयोजित हुई. इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अनुपस्थिति में बिहार का पक्ष रखते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने गंगा सहित बिहार की अन्य नदियों में गाद की वजह से बाढ़ की समस्या का जिक्र करते हुए 'राष्ट्रीय गाद नीति' बनाने की मांग की.

सीसामऊ नाले का निरीक्षण
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केन्द्र के अन्य 8 मंत्रियों के साथ कानपुर के 128 साल पुराने बंद किए गए सीसामऊ नाले का गंगा में बोटिंग के जरिए निरीक्षण हुआ. इससे रोजाना 1 करोड़ लीटर गंदा पानी गंगा में प्रवाहित होता था. इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने बिहार के सभी 142 नगर निकायों से निकलने वाले दूषित जल को नदियों में प्रवाहित करने की जगह नमामि गंगे परियोजना की तर्ज पर एसटीपी और सिवरेज नेटवर्क का निर्माण कर शुद्धिकरण की मांग की.

इसे भी पढ़ें- नीतीश कुमार से मिलकर बोले pk- अपने स्टैंड पर हूं कायम, RCP पर कुछ नहीं बोलूंगा

दिसम्बर 2020 तक काम पूरा करने का लक्ष्य
बैठक में सुशील मोदी ने बताया कि नमामि गंगे परियोजना के तहत पटना की 9 सिवरेज प्रोजेक्ट सहित राज्य के अन्य 22 शहरों में 5,186 करोड़ की लागत से 28 परियोजनाओं पर काम चल रहा है. पटना के बेऊर और करमलीचक में जहां एसटीपी का काम पूरा हो गया है वहीं अधिकांश शहरों में दिसम्बर, 2020 तक काम पूरा करने का लक्ष्य है.

कृषि कार्य में किया जायेगा शुद्ध पानी का इस्तेमाल
राज्य सरकार ने नीतिगत निर्णय लिया है कि एसटीपी से शोधित जल को नदी में प्रवाहित नहीं करके उसका उपयोग कृषि कार्य में किया जायेगा. नमामि गंगे के तहत गंगा किनारे के 12 जिलों को जैविक कॉरीडोर के रुप में विकसित करने के लिए 155.88 करोड़ की स्वीकृति दी गयी है. भोजपुर, बक्सर, छपरा, वैशाली व पटना जिले में 103 कलस्टर में जैविक खेती का काम प्रारंभ कर दिया गया है.

इसे भी पढ़ें-रविशंकर प्रसाद का वार- सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाने वाले अब देशभक्तों पर कर रहे हैं टिप्पणी

सुल्तानगंज से कहलगांव तक बिक्रमशिला गांगेय डॉल्फीन सेंचुरी घोषित
उन्होंने पीएम को बताया कि बिहार के सुल्तानगंज से कहलगांव तक के 7 किमी के विस्तार को बिक्रमशिला गांगेय डॉल्फीन सेंचुरी घोषित किया गया है. 2018-19 के सर्वे के अनुसार बिहार की नदियों में 1,455 डॉल्फीन पाए गए हैं. बिहार सरकार शीघ्र ही पटना विश्वविद्यालय में डाल्फीन शोध संस्थान स्थापित करेगी.

कानपुर/पटना : कानपुर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में 'राष्ट्रीय गंगा पर्षद' की पहली बैठक आयोजित हुई. इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अनुपस्थिति में बिहार का पक्ष रखते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने गंगा सहित बिहार की अन्य नदियों में गाद की वजह से बाढ़ की समस्या का जिक्र करते हुए 'राष्ट्रीय गाद नीति' बनाने की मांग की.

सीसामऊ नाले का निरीक्षण
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केन्द्र के अन्य 8 मंत्रियों के साथ कानपुर के 128 साल पुराने बंद किए गए सीसामऊ नाले का गंगा में बोटिंग के जरिए निरीक्षण हुआ. इससे रोजाना 1 करोड़ लीटर गंदा पानी गंगा में प्रवाहित होता था. इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने बिहार के सभी 142 नगर निकायों से निकलने वाले दूषित जल को नदियों में प्रवाहित करने की जगह नमामि गंगे परियोजना की तर्ज पर एसटीपी और सिवरेज नेटवर्क का निर्माण कर शुद्धिकरण की मांग की.

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दिसम्बर 2020 तक काम पूरा करने का लक्ष्य
बैठक में सुशील मोदी ने बताया कि नमामि गंगे परियोजना के तहत पटना की 9 सिवरेज प्रोजेक्ट सहित राज्य के अन्य 22 शहरों में 5,186 करोड़ की लागत से 28 परियोजनाओं पर काम चल रहा है. पटना के बेऊर और करमलीचक में जहां एसटीपी का काम पूरा हो गया है वहीं अधिकांश शहरों में दिसम्बर, 2020 तक काम पूरा करने का लक्ष्य है.

कृषि कार्य में किया जायेगा शुद्ध पानी का इस्तेमाल
राज्य सरकार ने नीतिगत निर्णय लिया है कि एसटीपी से शोधित जल को नदी में प्रवाहित नहीं करके उसका उपयोग कृषि कार्य में किया जायेगा. नमामि गंगे के तहत गंगा किनारे के 12 जिलों को जैविक कॉरीडोर के रुप में विकसित करने के लिए 155.88 करोड़ की स्वीकृति दी गयी है. भोजपुर, बक्सर, छपरा, वैशाली व पटना जिले में 103 कलस्टर में जैविक खेती का काम प्रारंभ कर दिया गया है.

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सुल्तानगंज से कहलगांव तक बिक्रमशिला गांगेय डॉल्फीन सेंचुरी घोषित
उन्होंने पीएम को बताया कि बिहार के सुल्तानगंज से कहलगांव तक के 7 किमी के विस्तार को बिक्रमशिला गांगेय डॉल्फीन सेंचुरी घोषित किया गया है. 2018-19 के सर्वे के अनुसार बिहार की नदियों में 1,455 डॉल्फीन पाए गए हैं. बिहार सरकार शीघ्र ही पटना विश्वविद्यालय में डाल्फीन शोध संस्थान स्थापित करेगी.

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sushil modi urges pm modi to make national silt policy to solve floods in bihar


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