पटनाः पूर्व उपमुख्यमंत्री व सांसद सुशील कुमार मोदी ने जदयू अध्यक्ष ललन सिंह के उस बयान को चुनौती दी है जिसमें उन्हाेंने गुजरात के गांधी नगर का निकाय चुनाव ओबीसी वर्ग को बिना आरक्षण दिये कराये जाने का दावा किया था. मोदी ने कहा कि ललन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को बदनाम करने लिए गलतबयानी की है. इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए.
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बिहार सरकार आयोग नहीं बना सकीः सुशील मोदी ने दावा किया कि गुजरात में पिछले वर्ष ओबीसी को 10 प्रतिशत आरक्षण देकर निकाय चुनाव कराये गए थे. वहां के राज्य निर्वाचन आयोग ने जब बिना आरक्षण दिये निकाय चुनाव कराने की सिफारिश की, तब गुजरात की भाजपा सरकार ने उसकी सिफारिश नामंजूर कर निर्णय किया कि अब निकाय चुनाव सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार पिछड़ों को आरक्षण देकर ही कराये जाएंगे. गुजरात ने आरक्षण देने के लिए झवेरी आयोग का गठन किया था, जबकि बिहार सरकार महाधिवक्ता के मंतव्य देने पर भी विशेष आयोग नहीं बना सकी.
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नीतीश कुमार का राजहठः भाजपा सांसद ने कहा कि झारखंड में राजद-कांग्रेस के समर्थन से चलने वाली झामुमो सरकार ने निकाय चुनाव में आरक्षण खत्म करने का निर्णय किया है. वहां पंचायत चुनाव भी ओबीसी का 14 फीसदी आरक्षण समाप्त करके कराये गए थे. उन्होंने कहा कि यदि नीतीश कुमार विपक्ष को जोड़ने का दावा करते हैं, तो वे झारखंड में बिना आरक्षण के होना वाला निकाय चुनाव रुकवाएं. मोदी ने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार के राजहठ के कारण निकाय चुनाव स्थगित हुए और अतिपिछड़ों को नुकसान उठाना पड़ा.
"ललन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को बदनाम करने लिए गलतबयानी की है. इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए. गुजरात में पिछले वर्ष ओबीसी को 10 प्रतिशत आरक्षण देकर निकाय चुनाव कराये गए थे. बिहार में नीतीश कुमार के राजहठ के कारण निकाय चुनाव स्थगित हुए और अतिपिछड़ों को नुकसान उठाना पड़ा"- सुशील कुमार मोदी, सांसद