ETV Bharat / city

सुशील मोदी ने 'एलर्जी' विषय पर आयोजित सेमिनार में लिया भाग, आयुर्वेद चिकित्सकों को किया सम्मानित

उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आयुर्वेद को भारत की सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति बताया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस चिकित्सा पद्धति के विकास को लेकर लगातार प्रयत्नशील है और इसे लेकर वह कई योजनाओं पर काम कर रही है.

sushil kumar modi attended seminar on allergy
sushil kumar modi attended seminar on allergy
author img

By

Published : Jan 4, 2020, 11:30 PM IST

पटना: उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को पटना सिटी पहुंचे. इस दौरान बहादुरपुर के बाजार समिति स्थित श्री श्याम सेवा ट्रस्ट में विश्व आयुर्वेद परिषद द्वारा आयोजित 'एलर्जी' विषय पर आयोजित सेमिनार में भाग लिया. इस मौके पर आयुर्वेद चिकित्सकों ने इस बीमारी पर अपने-अपने विचार रखें, वहीं सेमिनार के दौरान आयुष चिकित्सा की दशा और दिशा पर भी गंभीर चर्चा की गयी.

आयुर्वेद भारत की सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आयुर्वेद को भारत की सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति बताया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस चिकित्सा पद्धति के विकास को लेकर लगातार प्रयत्नशील है और इसे लेकर वह कई योजनाओं पर काम कर रही है. उपमुख्यमंत्री का कहना था कि केंद्र सरकार ने इस चिकित्सा पद्धति के विकास के लिए आयुष मंत्रालय का गठन किया है. केंद्र और राज्य सरकार ने आयुष चिकित्सकों को एलोपैथिक चिकित्सकों के बराबर मान्यता दी है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

आयुष चिकित्सकों को एलोपैथिक चिकित्सकों के बराबर मानदेय
उपमुख्यमंत्री का कहना था कि राज्य सरकार ने अनुबंध पर बहाल आयुष चिकित्सकों को एलोपैथिक चिकित्सकों के बराबर 44 हजार प्रतिमाह मानदेय देने का निर्णय लिया है, जिसे मंत्रिपरिषद ने भी अपनी मंजूरी दे दी है. इस मौके पर भारतीय केंद्रीय चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष डॉ जयंत देव पुजारी, विश्व आयुर्वेद परिषद के अध्यक्ष डॉ बजेंद्र मोहन गुप्ता के अलावे कई गणमान्य लोग मौजूद थे.

पटना: उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को पटना सिटी पहुंचे. इस दौरान बहादुरपुर के बाजार समिति स्थित श्री श्याम सेवा ट्रस्ट में विश्व आयुर्वेद परिषद द्वारा आयोजित 'एलर्जी' विषय पर आयोजित सेमिनार में भाग लिया. इस मौके पर आयुर्वेद चिकित्सकों ने इस बीमारी पर अपने-अपने विचार रखें, वहीं सेमिनार के दौरान आयुष चिकित्सा की दशा और दिशा पर भी गंभीर चर्चा की गयी.

आयुर्वेद भारत की सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति
इस मौके पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आयुर्वेद को भारत की सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति बताया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस चिकित्सा पद्धति के विकास को लेकर लगातार प्रयत्नशील है और इसे लेकर वह कई योजनाओं पर काम कर रही है. उपमुख्यमंत्री का कहना था कि केंद्र सरकार ने इस चिकित्सा पद्धति के विकास के लिए आयुष मंत्रालय का गठन किया है. केंद्र और राज्य सरकार ने आयुष चिकित्सकों को एलोपैथिक चिकित्सकों के बराबर मान्यता दी है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

आयुष चिकित्सकों को एलोपैथिक चिकित्सकों के बराबर मानदेय
उपमुख्यमंत्री का कहना था कि राज्य सरकार ने अनुबंध पर बहाल आयुष चिकित्सकों को एलोपैथिक चिकित्सकों के बराबर 44 हजार प्रतिमाह मानदेय देने का निर्णय लिया है, जिसे मंत्रिपरिषद ने भी अपनी मंजूरी दे दी है. इस मौके पर भारतीय केंद्रीय चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष डॉ जयंत देव पुजारी, विश्व आयुर्वेद परिषद के अध्यक्ष डॉ बजेंद्र मोहन गुप्ता के अलावे कई गणमान्य लोग मौजूद थे.

Intro:उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आयुर्वेद को भारत की सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति बताते हुए कहा कि राज्य सरकार इस चिकित्सा पद्धति के विकास को लेकर लगातार प्रयत्नशील है और इसे लेकर वह कई योजनाओं पर काम कर रही है। उप मुख्यमंत्री का कहना था कि केंद्र सरकार ने इस चिकित्सा पद्धति के विकास को लेकर आयुष मंत्रालय का गठन किया है।Body:स्टोरी:-शुशील कुमार मोदी एट सिटी।
रिपोर्ट:-पटनासिटी से अरुण कुमार।
दिनाँक:-04-01-2020.
एंकर:-पटनासिटी,उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज पटना सिटी का दौरा कर बहादुरपुर के बाजार समिति स्थित श्री श्याम सेवा ट्रस्ट में विश्व आयुर्वेद परिषद द्वारा आयोजित "एलर्जी" विषय पर आयोजित सेमिनार में भाग लिया। इस मौके पर आयुर्वेद चिकित्सकों ने जहां इस बीमारी पर अपने-अपने विचार रखें, वही सेमिनार के दौरान आयुष चिकित्सा की दशा और दिशा पर भी गंभीर चर्चा की गयी। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आयुर्वेद को भारत की सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति बताते हुए कहा कि राज्य सरकार इस चिकित्सा पद्धति के विकास को लेकर लगातार प्रयत्नशील है और इसे लेकर वह कई योजनाओं पर काम कर रही है। उप मुख्यमंत्री का कहना था कि केंद्र सरकार ने इस चिकित्सा पद्धति के विकास को लेकर आयुष मंत्रालय का गठन किया है, उनका कहना था कि केंद्र और राज्य सरकार ने आयुष चिकित्सकों को एलोपैथिक चिकित्सकों के समकक्ष मान्यता प्रदान की है। उपमुख्यमंत्री का कहना था कि राज्य सरकार ने अनुबंध पर बहाल आयुष चिकित्सकों को एलोपैथिक चिकित्सकों के बराबर 44 हजार प्रतिमाह मानदेय देने का निर्णय लिया है, जिसे मंत्रिपरिषद ने भी अपनी मंजूरी दे दी है। इस मौके पर भारतीय केंद्रीय चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष डॉ जयंत देव पुजारी, विश्व आयुर्वेद परिषद के अध्यक्ष डॉ बजेंद्र मोहन गुप्ता के अलावे कई गणमान्य लोग मौजूद थे।। बाइट, सुशील मोदी, उपमुख्यमंत्री, बिहार सरकार ।।Conclusion: श्री श्याम सेवा ट्रस्ट में विश्व आयुर्वेद परिषद द्वारा आयोजित "एलर्जी" विषय पर आयोजित सेमिनार में भाग लिया। इस मौके पर आयुर्वेद चिकित्सकों ने जहां इस बीमारी पर अपने-अपने विचार रखें, वही सेमिनार के दौरान आयुष चिकित्सा की दशा और दिशा पर भी गंभीर चर्चा की गयी। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आयुर्वेद को भारत की सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति बताते हुए कहा कि राज्य सरकार इस चिकित्सा पद्धति के विकास को लेकर लगातार प्रयत्नशील है और इसे लेकर वह कई योजनाओं पर काम कर रही है। उप मुख्यमंत्री का कहना था कि केंद्र सरकार ने इस चिकित्सा पद्धति के विकास को लेकर आयुष मंत्रालय का गठन किया है, उनका कहना था कि केंद्र और राज्य सरकार ने आयुष चिकित्सकों को एलोपैथिक चिकित्सकों के समकक्ष मान्यता प्रदान की है। उपमुख्यमंत्री का कहना था कि राज्य सरकार ने अनुबंध पर बहाल आयुष चिकित्सकों को एलोपैथिक चिकित्सकों के बराबर 44 हजार प्रतिमाह मानदेय देने का निर्णय लिया है, जिसे मंत्रिपरिषद ने भी अपनी मंजूरी दे दी है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.