पटना : बिहार में इंटर्न डॉक्टरों के हड़ताल का असर हुआ (stipend increased of intern doctor ) है. इंटर्न डॉक्टरों का स्टाइपेंड 15 हजार से बढ़ाकर 20 हजार प्रति माह किया गया है. नीतीश कैबिनेट में इसपर मुहर लगी (Nitish Cabinet Decision) है. इसके अनुसार, मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों का इंटर्नशिप 15000 से बढ़ाकर 20000 रुपए हर महीने कर दिया गया है. वहीं फिजियो थेरेपी का इंटर्नशिप 11,000 से बढ़ाकर 15000 कर दिया गया है.
ये भी पढ़ें - नीतीश कैबिनेट का फैसला, 4 विश्वविद्यालयों में 459 पदों के सृजन की स्वीकृति
दरअसल, बिहार में इंटर्न डॉक्टरों ने पिछले दिनों हड़ताल किया था. आईजीआईएमएस और पटना एम्स को छोड़कर प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों के इंटर्न 4 दिनों तक प्रदर्शन किया था. उनका कहना था कि पांच साल से उन्हें 15 हजार ही स्टाइपेंड दिया जा रहा है. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत से मिले आश्वासन के बाद हड़ताल खत्म किया गया था. उस हड़ताल का ही असर है कि नीतीश कैबिनेट ने इंटर्न डॉक्टरों की मांग को माना है.
19 एजेंडो पर मुहर : बिहार में नीतीश सरकार द्वारा 19 एजेंडे पर मुहर लग गई है. इसके तहत कई बड़ी योजनाओं को हरी झंडी दिखाई गई है. वहीं पटना विश्वविद्यालय, पूर्णिया विश्वविद्यालय, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय और मुंगेर विश्वविद्यालय प्राध्यापक 370 और शिक्षकेतर कर्मचारी 89, कुल 459 पदों के सृजन की स्वीकृति मिली है. दूसरी ओर राज्य के 8 जिलों के 11 सड़कों के चौड़ीकरण और मजबूती करण कार्य के लिए 109.51 करोड़ की स्वीकृति दे दी गई है.
चिकित्सक प्रभाकर कुमार बर्खास्त: मोतिहारी सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉक्टर प्रभाकर कुमार को 2015 से लगातार अनुपस्थित रहने की वजह से सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. डॉक्टर प्रभाकर को 27 जुलाई 2014 से लगातार अनुपस्थित रहने के आरोप में सेवा से बर्खास्त किया गया है. बिहार कॉलेज आफ फिजियोथैरेपी पटना के लिए 21 पद, विकलांग भवन अस्पताल कंकड़बाग के लिए 45 पद, एवं कृत्रिम अवयव निर्माण केंद्र कंकड़बाग के लिए 3 पद कुल मिलाकर विभिन्न कोटि के 67 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है. इस पर तीन करोड़ 31 लाख का खर्च आयेगा.