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बिहार NDA में मचे घमासान पर बोले HAM नेता- 'शीर्ष नेतृत्व दें ध्यान, नहीं तो गठबंधन को हो सकता है नुकसान' - etv bharat

शराबबंदी के मुद्दे पर बिहार एनडीए में घमासान मचा हुआ है. जिस पर हम प्रवक्ता दानिश रिजवान (HAM spokesperson Danish Rizwan) ने कहा कि ''ऐसी बयानबाजी से गठबंधन कमजोर हो रहा है. हम चाहते हैं कि शीर्ष नेता इस पर संज्ञान लें.''

हम प्रवक्ता दानिश रिजवान
हम प्रवक्ता दानिश रिजवान
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Published : Jan 15, 2022, 12:26 PM IST

पटना: बिहार में शराबबंदी का मुद्दा (Liquor ban issue in Bihar) को लेकर अब एनडीए गठबंधन के दल ही आमने-सामने हैं. सोशल मीडिया के जरिए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और जेडीयू प्रवक्ता में बयानबाजी (Statement rhetoric between Sanjay Jaiswal and Abhishek Jha) रुकने का नाम नहीं ले रही है. इसी बीच हम प्रवक्ता दानिश रिजवान ने इसे गलत बताया है और कहा है कि ऐसी बयानबाजी से गठबंधन कमजोर हो रहा है और बड़े नेता इसको लेकर कुछ नहीं बोल रहे हैं, जो कि गलत है. हम चाहते हैं कि शीर्ष नेता इस पर संज्ञान लें.

ये भी पढ़ें- BJP-JDU में सियासी 'पटका-पटकी' जारी, कद 'नापा-नापी' से बात 'आचरण' तक आयी

''जो माहौल फिलहाल एनडीए के अंदर जेडीयू और बीजेपी ने बना दिया है. उससे हम जैसी पार्टी सकते में है, ऐसा होना भी नहीं चाहिए था. इसीलिए हम बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से आग्रह करेंगे कि इस पर संज्ञान लें. आखिर ऐसा क्यों हो रहा है. माहौल को बदलना जरूरी है.''- दानिश रिजवान, हम प्रवक्ता

हम प्रवक्ता दानिश रिजवान

बता दें कि बिहार के दोनों सत्ताधारी दल बीजेपी और जेडीयू आमने-सामने हैं. 12 जनवरी को जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा सोशल मीडिया पर बिहार बीजेपी अध्यक्ष को टैग कर कुछ सवाल पूछे थे. जेडीयू प्रवक्ता के बयान पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (Bihar BJP President Sanjay Jaiswal) भड़क गए और उन्होंने सोशल मीडिया पर लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखकर सीएम नीतीश को भी लपेट लिया.

अभिषेक झा ने ट्वीट कर लिखा था "बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष @sanjayjaiswalMP जी, आप आत्मचिंतन कीजिए और अपने गिरेबान में झांक कर देखिए कि बीते एक वर्ष में आपने एनडीए गठबंधन के खिलाफ कितने बयान दिए हैं?

इसके बाद अभिषेक झा लिखते हैं कि "यदि स्मरण ना हो तो सभी बयानों का संकलन करके आपको भेज सकता हूं. शराबबंदी सरकार की नीति रही है लेकिन जहरीली शराब पीने से आपके लोकसभा क्षेत्र में जब कुछ लोगों की मृत्यु हुई थी, आप संवेदना व्यक्त करने और सांत्वना स्वरूप पैसे बांटने गए थे. एनडीए सरकार की नीति के हिसाब से आपका यह आचरण सही था या गलत?

ये भी पढ़ें- जोर तो है लेकिन जोड़ नहीं.. फिर Regional से National पार्टी कैसे बनेगी JDU?

जेडीयू प्रवक्ता के इस ट्वीट पर बिहार बीजेपी अध्यक्ष भड़क गए. संजय जायसवाल ने फेसबुक पर लिखा कि 'मेरी प्रवृत्ति नहीं है कि मैं अपने ऊपर किए गए व्यक्तिगत आरोपों का जवाब दूं. आज मुझे पता चला कि जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा जी मेरे लोकसभा क्षेत्र में जहरीली शराब के कारण हुए मृत्यु में, मेरे जाने पर मुझसे जवाब मांग रहे हैं. जदयू के प्रवक्ता का मुझसे सवाल करना बताता है कि यह सवाल जदयू के द्वारा है क्योंकि प्रवक्ता दल की बातें रखता है, अपनी व्यक्तिगत नहीं.'

संजय जायसवाल के पोस्ट पर अभिषेक झा ने जवाब दिया. जेडीयू प्रवक्ता ने लिखा- माननीय संजय जायसवाल जी, आपके लंबे प्रवचन का जवाब देने का कोई अर्थ नहीं है. 12 जनवरी को आपने एक बयान जारी किया था. उस दिन आपने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को कमजोर करने वाली बात कही थी. आज भी आपने एक बयान जारी किया है। दोनों बयानों में इतना विरोधाभास है कि यही आपका राजनीतिक आचरण उजागर करता है. आपने जदयू प्रवक्ता से जदयू पार्टी को जोड़ने की बात कही. बिहार प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष के रूप में जो भी आप बोलते हैं या जो आपका राजनीतिक आचरण है वही पूरी पार्टी का आचरण है ना?

शराबबंदी की नीति के खिलाफ या सरकार के खिलाफ आपने जो भी बातें कहीं हैं वह पार्टी का बयान है ना? राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की बात हो या पार्टी की बात, हर आदमी स्वतंत्र है. आपके बयान से साफ मालूम चल रहा है कि आप अपने द्वारा दिए गए दो विरोधाभासी बयानों पर सफाई देने की कोशिश कर रहे हैं. आप दया प्रकाश सिन्हा जैसे व्यक्ति के पद्मश्री एवं अन्य पुरस्कार वापसी की मांग का समर्थन करते हैं या नहीं? स्पष्ट करने की कृपा करें.

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पटना: बिहार में शराबबंदी का मुद्दा (Liquor ban issue in Bihar) को लेकर अब एनडीए गठबंधन के दल ही आमने-सामने हैं. सोशल मीडिया के जरिए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और जेडीयू प्रवक्ता में बयानबाजी (Statement rhetoric between Sanjay Jaiswal and Abhishek Jha) रुकने का नाम नहीं ले रही है. इसी बीच हम प्रवक्ता दानिश रिजवान ने इसे गलत बताया है और कहा है कि ऐसी बयानबाजी से गठबंधन कमजोर हो रहा है और बड़े नेता इसको लेकर कुछ नहीं बोल रहे हैं, जो कि गलत है. हम चाहते हैं कि शीर्ष नेता इस पर संज्ञान लें.

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''जो माहौल फिलहाल एनडीए के अंदर जेडीयू और बीजेपी ने बना दिया है. उससे हम जैसी पार्टी सकते में है, ऐसा होना भी नहीं चाहिए था. इसीलिए हम बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से आग्रह करेंगे कि इस पर संज्ञान लें. आखिर ऐसा क्यों हो रहा है. माहौल को बदलना जरूरी है.''- दानिश रिजवान, हम प्रवक्ता

हम प्रवक्ता दानिश रिजवान

बता दें कि बिहार के दोनों सत्ताधारी दल बीजेपी और जेडीयू आमने-सामने हैं. 12 जनवरी को जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा सोशल मीडिया पर बिहार बीजेपी अध्यक्ष को टैग कर कुछ सवाल पूछे थे. जेडीयू प्रवक्ता के बयान पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (Bihar BJP President Sanjay Jaiswal) भड़क गए और उन्होंने सोशल मीडिया पर लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखकर सीएम नीतीश को भी लपेट लिया.

अभिषेक झा ने ट्वीट कर लिखा था "बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष @sanjayjaiswalMP जी, आप आत्मचिंतन कीजिए और अपने गिरेबान में झांक कर देखिए कि बीते एक वर्ष में आपने एनडीए गठबंधन के खिलाफ कितने बयान दिए हैं?

इसके बाद अभिषेक झा लिखते हैं कि "यदि स्मरण ना हो तो सभी बयानों का संकलन करके आपको भेज सकता हूं. शराबबंदी सरकार की नीति रही है लेकिन जहरीली शराब पीने से आपके लोकसभा क्षेत्र में जब कुछ लोगों की मृत्यु हुई थी, आप संवेदना व्यक्त करने और सांत्वना स्वरूप पैसे बांटने गए थे. एनडीए सरकार की नीति के हिसाब से आपका यह आचरण सही था या गलत?

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जेडीयू प्रवक्ता के इस ट्वीट पर बिहार बीजेपी अध्यक्ष भड़क गए. संजय जायसवाल ने फेसबुक पर लिखा कि 'मेरी प्रवृत्ति नहीं है कि मैं अपने ऊपर किए गए व्यक्तिगत आरोपों का जवाब दूं. आज मुझे पता चला कि जदयू प्रवक्ता अभिषेक झा जी मेरे लोकसभा क्षेत्र में जहरीली शराब के कारण हुए मृत्यु में, मेरे जाने पर मुझसे जवाब मांग रहे हैं. जदयू के प्रवक्ता का मुझसे सवाल करना बताता है कि यह सवाल जदयू के द्वारा है क्योंकि प्रवक्ता दल की बातें रखता है, अपनी व्यक्तिगत नहीं.'

संजय जायसवाल के पोस्ट पर अभिषेक झा ने जवाब दिया. जेडीयू प्रवक्ता ने लिखा- माननीय संजय जायसवाल जी, आपके लंबे प्रवचन का जवाब देने का कोई अर्थ नहीं है. 12 जनवरी को आपने एक बयान जारी किया था. उस दिन आपने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को कमजोर करने वाली बात कही थी. आज भी आपने एक बयान जारी किया है। दोनों बयानों में इतना विरोधाभास है कि यही आपका राजनीतिक आचरण उजागर करता है. आपने जदयू प्रवक्ता से जदयू पार्टी को जोड़ने की बात कही. बिहार प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष के रूप में जो भी आप बोलते हैं या जो आपका राजनीतिक आचरण है वही पूरी पार्टी का आचरण है ना?

शराबबंदी की नीति के खिलाफ या सरकार के खिलाफ आपने जो भी बातें कहीं हैं वह पार्टी का बयान है ना? राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की बात हो या पार्टी की बात, हर आदमी स्वतंत्र है. आपके बयान से साफ मालूम चल रहा है कि आप अपने द्वारा दिए गए दो विरोधाभासी बयानों पर सफाई देने की कोशिश कर रहे हैं. आप दया प्रकाश सिन्हा जैसे व्यक्ति के पद्मश्री एवं अन्य पुरस्कार वापसी की मांग का समर्थन करते हैं या नहीं? स्पष्ट करने की कृपा करें.

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