पटना: रूस और यूक्रेन में युद्ध (Russia Ukraine War) के चलते करीब 20 हजार भारतीयों के फंसे होने की खबर है. रूसी हमले के बाद यूक्रेन से विमान सेवाएं बंद कर दी गई हैं. ऐसे में वहां रह रहे भारतीय नागरिकों की स्वदेश वापसी की कोशिश जारी है. इसी बीच यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों का धैर्य अब जवाब देने लगा है. उनका कहना है कि अब तक कोई मदद नहीं पहुंची है. सिवान के छात्र राघवेंद्र ने वीडियो जारी कर मदद की गुहार लगायी है. इस वीडियो में उस छात्र की हताशा साफ झलक रही है.
वीडियो में रोते हुए राघवेंद्र कह रहे हैं हम 10 घंटे से इंतजार कर रहे हैं इस बॉर्डर पर लेकिन हमें कोई यहां से कोई नहीं निकाला. किसी ऑफिशियल ने हमसे कांटेक्ट नहीं किया. अब कितना संभालें. अपने जूनियर्स को संभालते-संभालते. कल दोपहर दो बजे से निकले हैं. अभी तक कोई कांटेक्ट नहीं हुआ. इससे अच्छा तो मर जाते हैं. वहीं कोई मिसाइल मार देता हमें. यहां कोई पूछने वाला नहीं है. सिर्फ बातें हो रही हैं कि ऑफिसर्स आपके लिए खड़े हैं. कौन ऑफिसर खड़ा है? कोई नहीं खड़ा है यहां पर. कैसे निकलेंगे हम.
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आपको बता दें कि भारत सरकार की यूक्रेन में फंसे भारतीयों को रोमानिया और हंगरी के रास्ते निकालने की योजना है. वहां फंसे छात्रों को सीमा चौकियों पर पहुंचने के लिए कहा गया है. पोलैंड और लिथुआनिया में भारत के दूतावास ने नई एडवाइजरी भी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि जो पोलैंड के रास्ते निकलना चाहते हैं वो भारतीय नागरिक सड़क मार्ग से यूक्रेन-रोमानिया सीमा पर बस से पहुंचे. दूतावास ने कहा कि इन सीमा जांच चौकियों के करीब रह रहे भारतीय नागरिकों, विशेष कर छात्रों को विदेश मंत्रालय के दलों के साथ समन्वय कर व्यवस्थित तरीके से रवाना होने की सलाह दी गई है.
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उसने कहा कि एक बार जब ये मार्ग चालू हो जाएंगे तो भारतीय नागरिकों को खुद से यात्रा करने के लिए सीमा जांच चौकियों की ओर बढ़ने की सलाह दी जाएगी. दूतावास ने भारतीयों को अपना पासपोर्ट, नकदी (प्राथमिक रूप से डॉलर में) अन्य आवश्यक वस्तुएं और कोविड टीकाकरण प्रमाणपत्र सीमा जांच चौकियों पर अपने पास रखने की सलाह दी है. दूतावास ने कहा है कि भारतीय ध्वज का (कागज पर) प्रिंट निकाल लें और यात्रा के दौरान वाहनों तथा बसों पर उन्हें चिपका दें.
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