पटना: जम्मू-कश्मीर में एक बारूदी सुरंग विस्फोट में शहीद होने वाले बेगूसराय के रहने वाले लेफ्टिनेंट ऋषि कुमार (Rishi Kumar) का पार्थिव शरीर रविवार को पटना लाया गया है. एयरपोर्ट पर उन्हें सलामी दी गई. जहां डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और मंत्री जीवेश मिश्रा भी मौजूद थे. पटना से सड़क मार्ग से उनका शव बेगूसराय भेजा जाएगा, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा.
पटना एयरपोर्ट पर शहीद ऋषि कुमार को सलामी दी गई. वहां मौजूद तमाम लोगों की आंखें नम थीं और पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा था. तारकिशोर प्रसाद, गिरिराज सिंह और मंत्री जीवेश मिश्रा ने उनकी शहादत को याद करते हुए कहा कि भारत इसका बदला पाकिस्तान से जरूर लेगा.
हम सब बहुत दुखी हैं कि बिहार का एक लाल असामयिक काल कालवित हो गए. काफी कम उम्र थी उनकी, मात्र साल के थे ऋषि"- तारकिशोर प्रसाद, उपमुख्यमंत्री, बिहार
"पाकिस्तान के कायराना और नापाक हरकतों के कारण ही ऋषि शहीद हो गए, लेकिन उनकी शहादत बेकार नहीं जाएगी. इसका बदला हम पाकिस्तान से जरूर लेंगे"- गिरिराज सिंह, केंद्रीय मंत्री
"बड़ा ही दुखद है, इस समय कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हूं. घर का चिराग ही बुत गया. भारत मां ने एक वीर सपूत को खो दिया, इसका हमें बहुत दुख है"- जीवेश मिश्रा, मंत्री, बिहार सरकार
घटना की सूचना मिलते ही न सिर्फ परिवार बल्कि पूरे बेगूसराय में मातमी सन्नाटा पसर गया है. ऋषि की मौत से परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है. शहीद ऋषि बेगूसराय जिला मुख्यालय के प्रोफेसर कॉलोनी निवासी राजीव रंजन कुमार के पुत्र थे. एक साल पहले ही उन्होंने भारतीय सेना में ज्वाइन किया था. 30 अक्टूबर को सुंदरवन सेक्टर के रजौरी नौशेरा में एक ब्लास्ट के दौरान वे शहीद हो गए.
शहिद ऋषि कुमार मूलतः लखीसराय के पिपरिया के निवासी थे. लेकिन कई दशक पूर्व से ही जीडी कॉलेज के समीप पिपरा रोड में घर बना कर रह रहे थे. ऋषि के दादा रिफाइनरी में कार्यरत थे, जो रिटायरमेंट के बाद बेगूसराय में ही बस गए थे. मौत की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया.
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वे शनिवार की शाम अपनी टीम के साथ पाकिस्तान के बॉर्डर इलाके में गश्त कर रहे थे. इसी दौरान शाम करीब छह बजे हुए विस्फोट में ऋषि समेत दो जवान शहीद हो गए. जबकि चार जवान गंभीर रूप से घायल हो गए.
घटना की सूचना मिलने के बाद ऋषि के रिश्तेदार उनके घर पहुंचे. इधर इकलौते पुत्र के निधन से माता-पिता समेत अन्य परिजन का रो-रो कर बुरा हाल है. ऋषि की दो बहनें हैं. वे इकलौता बेटा थे. परिजनों ने बताया कि ऋषि की छोटी बहन की 29 नवंबर को शादी थी. वे 22 नवंबर को आने वाले थे. लेकिन इसी बीच उनके शहीद होने की सूचना मिली.