पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( CM Nitish Kumar ) कुछ दिनों पहल पटना के मंदिरी नाले पर सड़क निर्माण कार्य की शुरुआत की थी. इसके पहले आशियाना दीघा रोड में भी नाले को ढक कर सड़क बनाई जा चुकी है, जिसके बेहद सकारात्मक परिणाम सामने आए. राजधानी के कई और नालों को ढक कर सड़क बनाने की मांग जोर पकड़ रही है. ज्यादा रास्ते का नेटवर्क उपलब्ध होने पर ट्रैफिक कंजेशन कम होने के साथ प्रदूषण नियंत्रण ( Pollution Control in Patna ) में भी बड़ी मदद मिलने की संभावना है.
अति व्यस्त इनकम टैक्स चौराहे ( Income Tax Golambar ) के पास मंदिरी नाले पर 1300 मीटर लंबी सड़क का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत मंंदिरी नाला पर सड़क का निर्माण होने से इनकम टैक्स गोलंबर से लेकर काली मंदिर तक एक नया रास्ता लोगों को मिलेगा, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या का निदान काफी हद तक हो जाएगा. इस बारे में बिहार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि इस सड़क के बन जाने से अशोक राजपथ और दीघा के बीच लोगों को एक नई कनेक्टिविटी मिल जाएगी. बेली रोड और डाक बंगला के रास्ते पर दबाव भी काफी कम होगा. यानी ट्रैफिक कंजेशन कम होगा और नए बनने वाले रास्ते को गंगा मरीन ड्राइव से जोड़ने का भी प्रयास किया जाएगा.
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इसके अलावा सरपेंटाइन रोड नाला और राजीव नगर नाले पर भी सड़क बनाने की मांग जोर शोर से हो रही है और इस पर काम भी शुरू हो चुका है क्योंकि डीपीआर तैयार हो रही है. पथ निर्माण विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, राजीव नगर में बाबा चौक से अटल पथ तक नाले पर सड़क बनाने की भी तैयारी है. इससे दीघा में जाम की समस्या का समाधान होगा. वहीं अनिसाबाद पुलिस कॉलोनी के सेक्टर ए, बी, सी और डी में भी नाले पर सड़क बनाने की तैयारी है. इसके अलावा राजीव नगर रोड नंबर 23 और 24 होते हुए सिक्स लेन सड़क बनाई जाएगी.
वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय ने बताया कि भविष्य में इन तमाम सड़कों के बन जाने पर लोगों को व्यस्त रास्ते से गुजरने की मजबूरी नहीं होगी. उन्होंने बताया कि फिलहाल डाक बंगला चौराहा, बेली रोड, अशोक राजपथ और राजीव नगर जैसे इलाकों में हर समय जाम की समस्या रहती है. लोगों को अपने डेस्टिनेशन तक पहुंचने में अच्छा खासा समय लग जाता है. रवि उपाध्याय ने कहा कि लेकिन जब इन नालों पर सड़क बन जाएगी तो कनेक्टिविटी बढ़ेगी और जाहिर तौर पर लोग वैकल्पिक मार्ग का प्रयोग करते हुए आसानी से कम समय में अपनी मंजिल तक पहुंच सकेंगे. इससे प्रदूषण की समस्या पर भी लगाम लगेगी और लोगों का समय और पैसा भी बचेगा.
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इधर, बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष डॉक्टर अशोक घोष ने कहा कि कार्बन न्यूट्रल स्टेट बनाने के लिए हमने यूएनइपी से समझौता किया है और कार्बन एमिशन को कम करने के तमाम प्रयास हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि इसके लिए विभिन्न विभागों से समन्वय के साथ ही काम हो सकता है. इसमें परिवहन विभाग, पथ निर्माण विभाग, भवन निर्माण विभाग और कृषि विभाग समेत कई अन्य विभागों की मुख्य भूमिका है.
डॉ अशोक कुमार घोष ने कहा कि शहरों में अगर ट्रैफिक कंजेशन को कम कर दिया जाए तो काफी हद तक वायु प्रदूषण पर लगाम लग सकती है क्योंकि जहां ट्रैफिक जाम लगता है, वहां यह देखा गया है कि उत्सर्जन ज्यादा होता है. अगर ज्यादा सड़कें बनेंगी तो ट्रैफिक जाम नहीं होगा. उन्होंने बताया कि नालों को ढक दिया जाएगा तो इससे निश्चित तौर पर इससे भी कार्बन का एडमिशन कम होगा और लोगों के लिए बेहतर विकल्प भी उपलब्ध होगा.
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