पटना : राज्य के नीतीश सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार (Bihar Cabinet Expansion) को लेकर सुगबुगाहट जारी है. इसी बीच राजद के मुख्य प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा है कि निश्चित रूप से मंत्रिमंडल में फेरबदल होगा और यह एक हफ्ते के अंदर ही होगा. उन्होंने यह बातें शुक्रवार को पार्टी ऑफिस में पत्रकारों से रूबरू होते हुए कही. उन्होंने कहा कि एनडीए में मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर खिचड़ी पक रही है. शीर्ष स्तर पर जो लोग हैं उनको भी हटाए जाने की सूचना है.
ये भी पढ़ें - नीतीश मंत्रिमंडल में फेरबदल की सुगबुगाहट, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने की CM नीतीश से मुलाकात
काफी समय से आ रही है सूचना : बता दें कि पिछले काफी समय से नीतीश मंत्रिमंडल में फेरबदल किए जाने की सूचना वक्त वक्त पर आती रहती है. जिसे लेकर दोनों दल इंकार भी नहीं करते हैं. केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का पटना आगमन भी हुआ था. जिसके बारे में यह कहा जा रहा है कि प्रधान का अचानक पटना आना मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर हो सकता है. उन्होंने सीएम आवास पर जाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात (Dharmendra Pradhan meet CM Nitish Kumar) की.
धर्मेंद्र प्रधान नीतीश कुमार की मुलाकात : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और धर्मेंद्र प्रधान दोनों नेताओं की काफी देर तक बात हुई. हालांकि अभी तक यह जानकारी नहीं मिल पायी है कि दोनों की किस मुद्दे पर बात हुई लेकिन अटकलें लगायी जा रही हैं कि दोनों नेताओं के बीच बिहार कैबिनेट विस्तार को लेकर चर्चा हुई. इस मुलाकात के बाद बिहार में नीतीश मंत्रिमंडल के विस्तार (Nitish cabinet expansion) को लेकर हलचल तेज हो गई है.
अमित शाह नीतीश कुमार की मुलाकात : बता दें कि इससे पहले 24 अप्रैल को नीतीश कुमार बगैर तय कार्यक्रम के अमित शाह से मिलने पटना एयरपोर्ट पहुंच गए, जब वह एक दिवसीय दौरे पर बिहार आए थे. गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच करीब 15 मिनट तक बातचीत हुई. बताया जाता है कि कुछ मुद्दों पर दोनों के बीच गंभीर मंत्रणा हुई. मिल रही जानकारी के मुताबिक अमित शाह और नीतीश कुमार के बीच राजनीतिक मुद्दों के साथ ही मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर भी चर्चा हुई.
किनकी कुर्सी पर है खतरा : कहा जा रहा है कि कैबिनेट में केवल परफॉर्म करने वाले मंत्रियों को ही जगह दी जाएगी. जो चर्चा है, उसके मुताबिक दोनों डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद और रेणू देवी के साथ-साथ जीवेश मिश्रा, आलोक रंजन झा, अमरेंद्र प्रताप सिंह, सुभाष सिंह, रामप्रीत पासवान, नारायण प्रसाद और रामसूरत राय की कुर्सी खतरे में बताई जा रही है. कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह को अधिक उम्र होने के चलते कुर्सी गंवानी पड़ सकती है तो स्वास्थ्य कारणों से सहकारिता मंत्री सुभाष सिंह मंत्रिमंडल छोड़ सकते हैं. वे गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं और लगातार उनका इलाज चल रहा है.
समीकरण और परफॉर्मेंस पर जोर: मंत्रिमंडल फेरबदल में बीजेपी सामाजिक और जातिगत समीकरण के साथ-साथ परफॉर्मेंस का भी पूरा ख्याल रखेगी. बीजेपी कोटे से जिन नए चेहरों को नीतीश मंत्रिमडल में जगह मिल सकती है, उनमें ब्राह्मण चेहरे के तौर पर नीतीश मिश्रा, भूमिहार जाति से विधान पार्षद देवेश कुमार या सिवान जिले से विधायक देवेश कांत या फिर स्पीकर विजय सिन्हा हो सकते हैं. वहीं, राजपूत जाति से राजू सिंह, सुवर्णा सिंह या राणा रणधीर सिंह की चर्चा है. यादव चेहरे के तौर पर केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय या एमएलसी नवल किशोर यादव हो सकते हैं. दलित चेहरे के तौर पर कृष्ण कुमार ऋषि, ललन पासवान और बोचहां विधानसभा उपचुनाव जीतने पर बेबी देवी के नाम की भी चर्चा है. कुर्मी जाति से प्रेम रंजन पटेल, राजीव रंजन और विधायक मंटू सिंह हैं. वैश्य समुदाय से संजय सरावगी और मोतीलाल प्रसाद जबकि अति पिछड़ा वर्ग से अर्जुन सहनी और प्रमोद चंद्रवंशी को मौका मिल सकता है.
कौन-कौन मंत्री सेफ जोन में?: बीजेपी कोटे से जो मंत्री सुरक्षित हैं यानी जिनकी कुर्सी बची रहेगी, उनमें स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी, वन व पर्यावरण मंत्री नीरज बबलू, उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन और खनन मंत्री जनक राम शामिल हैं. ये तमाम लोग कैबिनेट में बने रहेंगे. हालांकि इनके विभाग में फेरबदल किया जा सकता है. उधर, जेडीयू कोटे में थोड़ी बहुत फेरबदल की संभावना है. चर्चा है कि पूर्व मंत्री नीरज कुमार और विधान पार्षद उपेंद्र कुशवाहा को मंत्रिमंडल में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है.
मंत्रिमंडल में 6 पद खाली: नीतीश मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत कुल 31 मंत्री हैं. इसमें बीजेपी के 16 और जेडीयू के 15 मंत्री हैं. विधायकों की संख्या के हिसाब से 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं. ऐसे में 5 मंत्री और बनने की गुंजाइश है. वहीं मुकेश सहनी का एक पद रिक्त हुआ है. लिहाजा कुल छह मंत्री बनाए जा सकते हैं. पिछले साल सरकार बनने के 84 दिनों के बाद नीतीश मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ था और अब एक बार फिर से मंत्रिमंडल के पुनर्गठन और विस्तार की चर्चा होने लगी है लेकिन 2024 से पहले बिहार में मंत्रिमंडल का अंतिम स्वरूप होगा.
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP