पटना : कहते हैं राजनीति में हर एक इशारे का 'मतलब' होता है. जरूरी नहीं कि बातों से उसे समझाया जाए. बल्कि 'मतलब' की बात 'मतलब' वाले तक पहुंच जाए तो बात बन जाए. अब देखिए न, आरजेडी के प्रदेश कार्यालय का एक गेट क्या खुल गया (RJD Office Door Open In Patna), लोग इसके 'मतलब' निकालने लगे. कई लोग इसे नीतीश-तेजस्वी की बढ़ी नजदीकियों से जोड़ने लगे तो कई अगड़े-पिछड़े से.
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राजद ऑफिस में दूसरा गेट खुला : दरअसल, पिछले कई महीनों से आरजेडी कार्यालय का एक ही गेट खुलता था, वो भी पूरी नहीं. जब तेजस्वी-लालू-राबड़ी पहुंचते थे तो इसे पूर्ण रूप से खोला जाता था. दूसरा गेट बंद ही था. अचनाक आज यह गेट खोल दिया गया है. ऐसे दौर में जब बिहार की राजनीति करवट ले रही है, लोग इस गेट के खुलने के 'मायने मतलब' लगा रहे हैं. हालांकि आरजेडी नेता इससे इनकार कर रहे हैं.
''यह एक सामान्य बात है. इस गेट को तब बंद किया गया था जब कोरोना का प्रकोप बढ़ रहा था. अब जबकि कोरोना का प्रसार कम हो गया है तो इसे खोल दिया गया है. राष्ट्रीय अध्यक्ष व प्रदेश अध्यक्ष के कहने पर इस गेट को बंद गिया गया था. अब उन्हीं की अनुमति पर इसे खोल दिया गया है. इसे अन्यथा में लेने की आवश्यकता नहीं है. हमलोग अनुशासन को मानने वाले लोग हैं. उसी के अनुरूप यह कार्य किया गया है.''- एजाज अहमद, प्रदेश प्रवक्ता, आरजेडी
तेज प्रताप ने जगदानंद सिंह को कहा था हिटलर : वो वक्त हर किसी को याद है जब लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को हिटलर कहा था. तेज प्रप यादव ने गेट नहीं खुलने को लेकर इस शब्द का इस्तेमाल किया था. वो अलग बात है कि गेट नंबर 2 का कुछ हिस्सा खुलने के बावजूद भी जगदानंद सिंह सहित बड़े नेताओं की गाड़ी बाहर ही पार्क होती रही है. अब जब गेट नंबर 1 को खोला गया है तो पुरानी बात याद आ गयी.
No Entry से Entry तक की कहानी : आपको याद ही होगा वर्ष 2018 में तेज प्रताप ने एक बोर्ड लगाया था, जिसमें लिखा था, ''No Entry नीतीश चाचा''. इसके बाद से नीतीश कुमार लालू परिवार से दूर ही रहे थे. लेकिन अचानक इस साल 10 अप्रैल को रामनवमी के अवसर पर तेज प्रताप ने ''Entry नीतीश चाचा'' का बोर्ड लगाया और नीतीश कुमार राजद के इफ्तार में पहुंच गए. तेजस्वी-तेज प्रताप भी नीतीश के इफ्तार में शामिल हुए थे.
अब ऐसे में जब आरजेडी कार्यालय का दोनों गेट पूरी तरह से खुल गया तो सबकी निगाह इसपर टिकी है कि आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में कौन 1 नंबर गेट से Entry करेगा. क्या यह नीतीश के लिए इशारा है या फिर तेजस्वी के A टू Z समीकरण का हिस्सा.
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