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जहरीली शराब कांड पर बोले राजद महासचिव श्याम रजक, कहा- मौत के लिए नीतीश सरकार जिम्मेदार - Poisonous liquor death case in Bihar

बिहार में पूर्ण शराबबंदी को कड़ाई से पालन करने के लिए कानून भी बनाए गए, लेकिन 5 साल के बाद भी शराब पर रोक नहीं लग पाई. इस साल 100 से ज्यादा लोगों की जहरीली शराब से मौत हो चुकी है. वहीं इस सिसायत थमने का नाम नहीं ले रही है. राजद के वरिष्ठ नेता श्याम रजक ने शराब से हो रही मौत के लिए बिहार सरकार को जिम्मेदार बताया है. पढ़ें पूरी खबर...

जहरीली शराब कांड पर बोले राजद महासचिव श्याम रजक
जहरीली शराब कांड पर बोले राजद महासचिव श्याम रजक
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Published : Nov 8, 2021, 9:35 PM IST

पटना: बिहार में शराबबंदी कानून लागू है. कड़े कानून के बावजूद राज्य में शराब की बिक्री चोरी-छिपे जारी है. जहरीली शराब से मौत ( Death by Drinking Spurious Liquor ) का सिलसिला भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस साल लगभग 100 से ज्यादा की मौत जहरीली शराब पीने से हो चुकी है. वहीं, अब इन मौते पर राजद महासचिव श्याम रजक ने कहा कि पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, समस्तीपुर में जहरीली शराब से हुई मौतों का जिम्मेवार बिहार सरकार है. क्योंकि सीएम नीतीश कुमार दावा करते नहीं थकते हैं कि बिहार में शराबबंदी है.

इसे भी पढ़ें : जिस शराबबंदी के कारण नीतीश कुमार को मिली थी वाहवाही, अब उसी मॉडल पर उठने लगे गंभीर सवाल

पटनासिटी पहुंचे राजद के प्रधान महासचिव श्याम रजक ने कहा कि शराब बंदी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बड़े-बड़े दावा करते हैं, लेकिन जमीन पर सच्चाई कुछ और ही बयां हो रही है. शराब मामले में नीतीश सरकार की नीति अच्छी नहीं है, जहां मरनेवालों के प्रति संवेदना एवं उनके परिजनों के बीच सहानभूति होनी चाहिये थी. वहीं सरकार में रहने वाले लोग उनकी मौत को कोस रहे हैं. राजद शराब बंदी के पक्षधर है लेकिन सरकार और उनके अधिकारी धड़ल्ले से शराब कारोबारियों को मदद पहुंचा रहे हैं.

देखें वीडियो

'शराबबंदी है तो गोपालगंज, चंपारण में इतना भयानक हादसा कैसे हो गया. जहरीली शराब से लोग कैसे मर गये, नीतीश कुमार ने शराबबंदी पर प्रचार-प्रसार कर लोगों को गुमराह किया है. शराबबंदी पर उनका नीति सही होती तो शायद दर्जनों घर के दीए नहीं बुझते. राजद मांग करता है कि शराबबंदी पर मुख्यमंत्री नीति और कानून को सख्त करें. मरे हुए लोगों के परिजनों को हर सम्भव सुविधा मुहैया कराया जाया. जहां मरने वालों के प्रति सरकार को संवेदना जताना चााहिए. वहां जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष कहते हैं कि जहर पीयेगा तो मरेगा ही, तो वो ही बताये की जहर किसके इशारे पर बिक रही है. ' :- श्याम रजक, राजद महासचिव

बता दें कि बिहार में साल 2016 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने शराबबंदी कानून (Prohibition Law) लागू किया. कड़े कानून के बावजूद राज्य में शराब की बिक्री चोरी-छिपे जारी है. जहरीली शराब से मौत (Death by Drinking Spurious Liquor) का सिलसिला भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. जहरीली शराब पीने से दो सेना के जवान भी मौत के मुंह में समा गए. इस साल लगभग 100 से ज्यादा की मौत जहरीली शराब पीने से हो चुकी है. एक सर्वे के मुताबिक बिहार में शराबबंदी के बाद 17 फीसदी शराब की खपत बढ़ गई है. हांलाकि मुख्यमंत्री छठ बाद कानून की समीक्षा की बात कही है.

ये भी पढ़ें: शराबबंदी वाले बिहार में 15 दिन में 41 की गई जान, CM नीतीश बोले-छठ बाद लेंगे फैसला

पटना: बिहार में शराबबंदी कानून लागू है. कड़े कानून के बावजूद राज्य में शराब की बिक्री चोरी-छिपे जारी है. जहरीली शराब से मौत ( Death by Drinking Spurious Liquor ) का सिलसिला भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस साल लगभग 100 से ज्यादा की मौत जहरीली शराब पीने से हो चुकी है. वहीं, अब इन मौते पर राजद महासचिव श्याम रजक ने कहा कि पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, समस्तीपुर में जहरीली शराब से हुई मौतों का जिम्मेवार बिहार सरकार है. क्योंकि सीएम नीतीश कुमार दावा करते नहीं थकते हैं कि बिहार में शराबबंदी है.

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पटनासिटी पहुंचे राजद के प्रधान महासचिव श्याम रजक ने कहा कि शराब बंदी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बड़े-बड़े दावा करते हैं, लेकिन जमीन पर सच्चाई कुछ और ही बयां हो रही है. शराब मामले में नीतीश सरकार की नीति अच्छी नहीं है, जहां मरनेवालों के प्रति संवेदना एवं उनके परिजनों के बीच सहानभूति होनी चाहिये थी. वहीं सरकार में रहने वाले लोग उनकी मौत को कोस रहे हैं. राजद शराब बंदी के पक्षधर है लेकिन सरकार और उनके अधिकारी धड़ल्ले से शराब कारोबारियों को मदद पहुंचा रहे हैं.

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'शराबबंदी है तो गोपालगंज, चंपारण में इतना भयानक हादसा कैसे हो गया. जहरीली शराब से लोग कैसे मर गये, नीतीश कुमार ने शराबबंदी पर प्रचार-प्रसार कर लोगों को गुमराह किया है. शराबबंदी पर उनका नीति सही होती तो शायद दर्जनों घर के दीए नहीं बुझते. राजद मांग करता है कि शराबबंदी पर मुख्यमंत्री नीति और कानून को सख्त करें. मरे हुए लोगों के परिजनों को हर सम्भव सुविधा मुहैया कराया जाया. जहां मरने वालों के प्रति सरकार को संवेदना जताना चााहिए. वहां जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष कहते हैं कि जहर पीयेगा तो मरेगा ही, तो वो ही बताये की जहर किसके इशारे पर बिक रही है. ' :- श्याम रजक, राजद महासचिव

बता दें कि बिहार में साल 2016 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने शराबबंदी कानून (Prohibition Law) लागू किया. कड़े कानून के बावजूद राज्य में शराब की बिक्री चोरी-छिपे जारी है. जहरीली शराब से मौत (Death by Drinking Spurious Liquor) का सिलसिला भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. जहरीली शराब पीने से दो सेना के जवान भी मौत के मुंह में समा गए. इस साल लगभग 100 से ज्यादा की मौत जहरीली शराब पीने से हो चुकी है. एक सर्वे के मुताबिक बिहार में शराबबंदी के बाद 17 फीसदी शराब की खपत बढ़ गई है. हांलाकि मुख्यमंत्री छठ बाद कानून की समीक्षा की बात कही है.

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