पटना: राष्ट्रीय जनता दल ने विधान परिषद की 24 सीटों पर होने वाले चुनाव को (Elections to Be Held on seats of Legislative Council) लेकर ना सिर्फ अपने सहयोगी कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है. बल्कि, तेजप्रताप यादव की मांग को अनसुना करते हुए. 11 सीटों पर उम्मीदवार भी तय कर दिए हैं. नतीजा यह हुआ कि तेज प्रताप यादव को अपनी 6 सीटों की डिमांड वापस लेनी पड़ी.
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तेजप्रताप यादव ने जिस तरह से अपने छात्र जनशक्ति परिषद के हवाले से 6 सीटों की डिमांड की थी. उसके बाद, एक बार फिर इस बात के कयास लगने लगे थे कि वो तेजस्वी और राष्ट्रीय जनता दल को मुसीबत में डालने की तैयारी कर चुके हैं. क्योंकि, लोकसभा चुनाव 2019 में जहानाबाद सीट का मामला हो या फिर उसके बाद बिहार विधानसभा चुनाव और फिर उपचुनाव का मामला. हर बार तेज प्रताप यादव ने टिकट को लेकर पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी की.
इस बार भी विधान परिषद चुनाव में स्थानीय निकाय की 24 में से 6 सीटों की मांग करके तेज प्रताप यादव ने राजद के लिए मुश्किलें खड़ी करने की कोशिश की थी. लेकिन, राष्ट्रीय जनता दल की तरफ से इसे पूरी तरह इग्नोर कर दिया गया. राजद ने चुनाव की घोषणा से पहले ही 11 सीटों पर प्रत्याशी भी तय कर दिए हैं.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक जिन नामों पर मुहर लग चुकी है. उनमें, पश्चिम चंपारण से सौरव कुमार, पूर्वी चंपारण से बबलू देव, कोसी से डॉ अजय सिंह, औरंगाबाद से अनुज कुमार सिंह, गया से रिंकू यादव, भोजपुर से अनिल सम्राट, मुंगेर से अजय सिंह, रोहतास से कृष्ण कुमार सिंह, सीतामढ़ी से खब्बू खिरहर, वैशाली से सुबोध कुमार और दरभंगा से उदय शंकर यादव शामिल हैं.
पहले तेज प्रताप यादव ने छात्र जनशक्ति परिषद के हवाले से विधान परिषद की 24 सीटों में से 25% सीटों की मांग की थी. छात्र जनशक्ति परिषद के प्रवक्ता और प्रदेश अध्यक्ष प्रशांत प्रताप यादव ने कहा था कि बिना श्री कृष्ण के अर्जुन कोई जंग नहीं जीत सकता. इसलिए छात्रों के महत्व को समझते हुए, कम से कम 6 सीटों पर छात्र जनशक्ति परिषद के उम्मीदवारों को राजद को मौका देना चाहिए.
हालांकि, उनकी इस मांग को कोई तवज्जों राजद की ओर से नहीं मिली. आखिरकार आज तेज प्रताप यादव ने खुद यह स्पष्ट कर दिया कि ऐसी कोई मांग उन्होंने की ही नहीं है. इधर कांग्रेस के लिए भी राजद की तरफ से स्पष्ट संदेश दे दिया गया है. कि स्थानीय निकाय की 24 सीटों पर होने वाले चुनाव में कांग्रेस को कोई सीट नहीं मिलने वाली. माना जा रहा है कि तेजस्वी यादव ने कांग्रेस के साथ-साथ तेज प्रताप यादव का भी इलाज कर दिया है.
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