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बड़ी पार्टी बनने के बाद भी तेजस्वी सरकार बनाने से 7 कदम दूर, आसान नहीं BJP-JDU में सेंधमारी

बिहार विधानसभा में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी (RJD Largest Party In Bihar Assembly) बन गई है. RJD के 80 विधायकों के साथ सबसे बड़े बड़ी पार्टी बनने के बाद तेजस्वी यादव अब संख्या बल के हिसाब से महागठबंधन को सरकार बनाने के एकदम नजदीक पहुंचा (RJD Close To Forming Government in Bihar) दिए हैं. केवल 7 विधायक बहुमत के लिए और चाहिए फिलहाल महागठबंधन के पास 115 विधायकों का समर्थन है. संख्या बल के हिसाब से महागठबंधन और एनडीए के बीच बहुत ज्यादा अब अंतर नहीं रह गया है. पढ़ें पूरी खबर...

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव
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Published : Jul 3, 2022, 8:37 PM IST

पटना: बिहार विधानसभा में फिलहाल एनडीए के 127 विधायक (NDA 127 MLA In Bihar)हैं जिसमें बीजेपी के 77, जदयू के 45, जीतन राम मांझी के 4 और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन है. दूसरी तरफ महागठबंधन खेमे की बात करें तो महागठबंधन के पास 115 विधायकों का समर्थन प्राप्त है. जिसमें आरजेडी के पास 80, कांग्रेस 19, माले 12, सीपीआई 2, सीपीएम के दो सदस्य है. बिहार विधानसभा में 243 विधायक हैं. उस हिसाब से बहुमत के लिए किसी भी दल या गठबंधन को 122 सीट की जरूरत पड़ती है. एनडीए बहुमत से फिलहाल पांच विधायक अधिक है तो वहीं महागठबंधन खेमा बहुमत से 7 विधायक पीछे है.

ये भी पढ़ें- बिहार में टूट गई ओवैसी की पार्टी, बोले अख्तरुल इमान- सभी 'मीर जाफर' निकले

तेजस्वी सरकार बनाने से सात कदम दूर : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader Of Opposition Tejashwi Yadav) ने संकेत भी दिया है कि बड़ी पार्टी झुनझुना बजाने के लिए तो नहीं बनाया है. साफ इशारा है कि बिहार में आने वाले दिनों में राजनीतिक रूप से बड़ा उलटफेर हो सकता है और इसके कयास भी लग रहे हैं. क्योंकि जीतन राम मांझी के चार विधायक एआईएमआईएम में टूट के बाद भी एक विधायक अख्तरुल इमान के रूप में बचे हुए हैं. एक निर्दलीय विधायक जो अभी जदयू को सपोर्ट कर रहा है, मंत्री भी हैं सुमित. इन सब पर तेजस्वी की नजर है. पिछले दिनों पूर्व मंत्री और सुमित सिंह के पिता नरेंद्र सिंह को देखने तेजस्वी यादव अस्पताल भी गए थे और उन्हें अपने पिता के संघर्षों का साथी बताया था. एक तरह से सुमित सिंह पर डोरे डालने शुरू कर दिए हैं. अख्तरुल इमान भले ही अपने विधायकों के जाने से नाराज हैं लेकिन सरकार बनाने की स्थिति में तेजस्वी यादव को सपोर्ट कर सकते हैं.

कभी भी बिहार में हो सकता है बड़ा उल्टफेर : जीतन राम मांझी भी पाला बदलने में मास्टर हैं जो जगजाहिर है. इसलिए कोई बड़ा फैसला ले लें आश्चर्य की बात नहीं होगी. केवल 1 विधायकों की और जरूरत होगी. लालू यादव राजनीति के बड़े माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं और इन दिनों पटना में हैं. 1 विधायकों का जुगाड़ करना बहुत मुश्किल काम नहीं है. एनडीए की सरकार जब बन रही थी तो लालू प्रसाद यादव ने जेल से ही कई विधायकों को फोन किया था. हालांकि उस समय अभियान सफल नहीं हुआ. बीजेपी के ललन पासवान ने तो इसकी जानकारी भी दी थी. लेकिन राजनीति में कब क्या हो जाए कहना मुश्किल है. फिलहाल बहुमत जरूर एनडीए के पास है लेकिन बीजेपी और जदयू के बीच जिस प्रकार से नूरा-कुश्ती चल रही है. उसको लेकर भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.

AIMIM में टूट से RJD बनी सबसे बड़ी पार्टी : हालांकि लगातार दोनों तरफ से सरकार चलने के दावे किए जाते रहे हैं लेकिन हाल में अग्निपथ योजना को लेकर जिस प्रकार से जदयू नेताओं का बयान आया और फिर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने बयान दिया और केंद्र सरकार की ओर से बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं, विधायकों और बीजेपी कार्यालयों को सुरक्षा दी गई. उसको लेकर भी जदयू खेमा खुश नहीं है. विधानसभा सत्र के दौरान उत्कृष्ट विधायक के चर्चा के दौरान भी अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई थी, विपक्ष के साथ जदयू के विधायक भी सदन नहीं पहुंचे थे. बीजेपी और जदयू के बीच एक के बाद एक कई मुद्दों पर नाराजगी है और ऐसे में कोई बड़ा खेल हो जाए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए.

बिहार विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या- 243

एनडीए का आंकड़ा-127


बीजेपी- 77
जदयू- 45
HAM- चार
निर्दलीय-1


महागठबंधन का आंकड़ा-115
आरजेडी- 80
कांग्रेस-19
माले- 12
CPI- 2
CPM- 2
AIMIM-1

'सबसे बड़ा दल बनने के बाद तेजस्वी यादव ने जिस प्रकार से बयान दिया था की बड़ा दल झुनझुना बजाने के लिए थोड़े बनाए हैं. इससे भी समझा जा सकता है और आरजेडी प्रवक्ता भी खुलकर कह रहे हैं कि सरकार में बीजेपी और जदयू के बीच जिस प्रकार से विवाद है. ऐसे में एनडीए सरकार का बिहार में क्या भविष्य होगा समझा जा सकता है. हर दल तैयारी करता है हम लोग भी तैयारी कर रहे हैं.' - मृत्युंजय तिवारी, प्रवक्ता आरजेडी


'पहले सत्ताधारी दल में विधायक शामिल होते थे लेकिन पहली बार ऐसा हो रहा है कि विपक्ष में विधायक शामिल हो रहे हैं. इसके राजनीतिक मायने बड़े हैं और आने वाले दिनों में बिहार में बड़ा खेला हो सकता है.' - रवि उपाध्याय, राजनीतिक विशेषज्ञ


'आरजेडी 80 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी जरूर बन गई है लेकिन अभी भी बहुमत से काफी दूर है क्योंकि महागठबंधन में अब तो कांग्रेस रही नहीं इसलिए सिर्फ सपना देख सकते हैं. सरकार नहीं बन सकती है.' - अभिषेक झा, प्रवक्ता, जदयू

बिहार में सरकार बदलने की तैयारी में RJD : बीजेपी जदयू के बीच पहले से भी कई मुद्दों पर विरोधाभास रहा है और हाल के दिनों में बयानबाजी दोनों दलों के बीच बढ़ी है. बीजेपी बड़ा दल भी विधानसभा में अब नहीं है. एक तरह से कह सकते हैं कि तेजस्वी यादव के पक्ष में बहुत सारी चीजें जा रही हैं. हालांकि इसके बाद भी सरकार बनाना आसान नहीं है क्योंकि इसके लिए सेंधमारी तेजस्वी यादव को जदयू नहीं तो फिर बीजेपी खेमे में कुछ सीटों के लिए करनी होगी जो आसान नहीं है.

AIMIM के चार विधायक RJD में शामिल : गौरतलब है कि एआईएमआईएम के 4 विधायक राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो गए हैं. उसके बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि पहले ही 75 विधायक हमारे थे. उसके बाद एक सीट हमने बोचहां जीता, राजद की 76 सीट हो गयी थी लेकिन अब चार विधायक जो एआईएमआईएम के थे वह हमारे साथ आ गए हैं. अब राजद के विधायकों की संख्या 80 (RJD Become Biggest Party In Bihar) हो गई है.

ये भी पढ़ें- बिहार में ओवैसी की पार्टी टूटी, AIMIM के 4 विधायक RJD में शामिल

ये भी पढ़ें- AIMIM के 4 विधायक RJD में हुए शामिल तो बोले तेजस्वी- 'ये तो घर वापसी है'

पटना: बिहार विधानसभा में फिलहाल एनडीए के 127 विधायक (NDA 127 MLA In Bihar)हैं जिसमें बीजेपी के 77, जदयू के 45, जीतन राम मांझी के 4 और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन है. दूसरी तरफ महागठबंधन खेमे की बात करें तो महागठबंधन के पास 115 विधायकों का समर्थन प्राप्त है. जिसमें आरजेडी के पास 80, कांग्रेस 19, माले 12, सीपीआई 2, सीपीएम के दो सदस्य है. बिहार विधानसभा में 243 विधायक हैं. उस हिसाब से बहुमत के लिए किसी भी दल या गठबंधन को 122 सीट की जरूरत पड़ती है. एनडीए बहुमत से फिलहाल पांच विधायक अधिक है तो वहीं महागठबंधन खेमा बहुमत से 7 विधायक पीछे है.

ये भी पढ़ें- बिहार में टूट गई ओवैसी की पार्टी, बोले अख्तरुल इमान- सभी 'मीर जाफर' निकले

तेजस्वी सरकार बनाने से सात कदम दूर : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader Of Opposition Tejashwi Yadav) ने संकेत भी दिया है कि बड़ी पार्टी झुनझुना बजाने के लिए तो नहीं बनाया है. साफ इशारा है कि बिहार में आने वाले दिनों में राजनीतिक रूप से बड़ा उलटफेर हो सकता है और इसके कयास भी लग रहे हैं. क्योंकि जीतन राम मांझी के चार विधायक एआईएमआईएम में टूट के बाद भी एक विधायक अख्तरुल इमान के रूप में बचे हुए हैं. एक निर्दलीय विधायक जो अभी जदयू को सपोर्ट कर रहा है, मंत्री भी हैं सुमित. इन सब पर तेजस्वी की नजर है. पिछले दिनों पूर्व मंत्री और सुमित सिंह के पिता नरेंद्र सिंह को देखने तेजस्वी यादव अस्पताल भी गए थे और उन्हें अपने पिता के संघर्षों का साथी बताया था. एक तरह से सुमित सिंह पर डोरे डालने शुरू कर दिए हैं. अख्तरुल इमान भले ही अपने विधायकों के जाने से नाराज हैं लेकिन सरकार बनाने की स्थिति में तेजस्वी यादव को सपोर्ट कर सकते हैं.

कभी भी बिहार में हो सकता है बड़ा उल्टफेर : जीतन राम मांझी भी पाला बदलने में मास्टर हैं जो जगजाहिर है. इसलिए कोई बड़ा फैसला ले लें आश्चर्य की बात नहीं होगी. केवल 1 विधायकों की और जरूरत होगी. लालू यादव राजनीति के बड़े माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं और इन दिनों पटना में हैं. 1 विधायकों का जुगाड़ करना बहुत मुश्किल काम नहीं है. एनडीए की सरकार जब बन रही थी तो लालू प्रसाद यादव ने जेल से ही कई विधायकों को फोन किया था. हालांकि उस समय अभियान सफल नहीं हुआ. बीजेपी के ललन पासवान ने तो इसकी जानकारी भी दी थी. लेकिन राजनीति में कब क्या हो जाए कहना मुश्किल है. फिलहाल बहुमत जरूर एनडीए के पास है लेकिन बीजेपी और जदयू के बीच जिस प्रकार से नूरा-कुश्ती चल रही है. उसको लेकर भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.

AIMIM में टूट से RJD बनी सबसे बड़ी पार्टी : हालांकि लगातार दोनों तरफ से सरकार चलने के दावे किए जाते रहे हैं लेकिन हाल में अग्निपथ योजना को लेकर जिस प्रकार से जदयू नेताओं का बयान आया और फिर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने बयान दिया और केंद्र सरकार की ओर से बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं, विधायकों और बीजेपी कार्यालयों को सुरक्षा दी गई. उसको लेकर भी जदयू खेमा खुश नहीं है. विधानसभा सत्र के दौरान उत्कृष्ट विधायक के चर्चा के दौरान भी अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई थी, विपक्ष के साथ जदयू के विधायक भी सदन नहीं पहुंचे थे. बीजेपी और जदयू के बीच एक के बाद एक कई मुद्दों पर नाराजगी है और ऐसे में कोई बड़ा खेल हो जाए तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए.

बिहार विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या- 243

एनडीए का आंकड़ा-127


बीजेपी- 77
जदयू- 45
HAM- चार
निर्दलीय-1


महागठबंधन का आंकड़ा-115
आरजेडी- 80
कांग्रेस-19
माले- 12
CPI- 2
CPM- 2
AIMIM-1

'सबसे बड़ा दल बनने के बाद तेजस्वी यादव ने जिस प्रकार से बयान दिया था की बड़ा दल झुनझुना बजाने के लिए थोड़े बनाए हैं. इससे भी समझा जा सकता है और आरजेडी प्रवक्ता भी खुलकर कह रहे हैं कि सरकार में बीजेपी और जदयू के बीच जिस प्रकार से विवाद है. ऐसे में एनडीए सरकार का बिहार में क्या भविष्य होगा समझा जा सकता है. हर दल तैयारी करता है हम लोग भी तैयारी कर रहे हैं.' - मृत्युंजय तिवारी, प्रवक्ता आरजेडी


'पहले सत्ताधारी दल में विधायक शामिल होते थे लेकिन पहली बार ऐसा हो रहा है कि विपक्ष में विधायक शामिल हो रहे हैं. इसके राजनीतिक मायने बड़े हैं और आने वाले दिनों में बिहार में बड़ा खेला हो सकता है.' - रवि उपाध्याय, राजनीतिक विशेषज्ञ


'आरजेडी 80 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी जरूर बन गई है लेकिन अभी भी बहुमत से काफी दूर है क्योंकि महागठबंधन में अब तो कांग्रेस रही नहीं इसलिए सिर्फ सपना देख सकते हैं. सरकार नहीं बन सकती है.' - अभिषेक झा, प्रवक्ता, जदयू

बिहार में सरकार बदलने की तैयारी में RJD : बीजेपी जदयू के बीच पहले से भी कई मुद्दों पर विरोधाभास रहा है और हाल के दिनों में बयानबाजी दोनों दलों के बीच बढ़ी है. बीजेपी बड़ा दल भी विधानसभा में अब नहीं है. एक तरह से कह सकते हैं कि तेजस्वी यादव के पक्ष में बहुत सारी चीजें जा रही हैं. हालांकि इसके बाद भी सरकार बनाना आसान नहीं है क्योंकि इसके लिए सेंधमारी तेजस्वी यादव को जदयू नहीं तो फिर बीजेपी खेमे में कुछ सीटों के लिए करनी होगी जो आसान नहीं है.

AIMIM के चार विधायक RJD में शामिल : गौरतलब है कि एआईएमआईएम के 4 विधायक राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो गए हैं. उसके बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि पहले ही 75 विधायक हमारे थे. उसके बाद एक सीट हमने बोचहां जीता, राजद की 76 सीट हो गयी थी लेकिन अब चार विधायक जो एआईएमआईएम के थे वह हमारे साथ आ गए हैं. अब राजद के विधायकों की संख्या 80 (RJD Become Biggest Party In Bihar) हो गई है.

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