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तेज प्रताप की बैठक का मामला.. BJP हुई आक्रामक तो JDU लीपापोती में जुटी - तेज प्रताप यादव

बिहार के वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री तेज प्रताप यादव की सरकारी बैठक में उनके जीजा शैलेश कुमार की उपस्थिति के मामले ने तूल पकड़ लिया है. एक तरफ जहां बीजेपी इस मामले को लेकर हमलावर है. वहीं दूसरी तरफ आरजेडी ने बीजेपी के शासन की कई ऐसे मामलों को उठाया. वहीं जेडीयू नेता नीतीश सरकार के मंत्री के बचाव में में दिख रही रही है.

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Published : Aug 19, 2022, 7:31 PM IST

पटनाः नीतीश कुमार सरकार में पर्यावरण और वन विभाग के मंत्री बने तेज प्रताप यादव फिर से विवादों (Controversy On Tej Pratap Yadav Meeting) में आ गये हैं. चर्चा की वजह यह है कि बिहार प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की मीटिंग में मीसा भारती के पति और तेज प्रताप यादव के जीजा शैलेश की मौजूदी को लेकर (Misa Bharti Husband Attended Meeting With Tej Pratap) है. बैठक की तस्वीर वायरल होने के बाद जहां बीजेपी हमलावर है. वहीं राजद ने महागठबंधन की सरकार बनने से पहले की बैठकों में बीजेपी के महिला विधायकों के पति की बैठक में शामिल होने का मामला उठाया. वहीं जदयू ने कहा कि यह कोई बड़ी बात नहीं है.

पढ़ें-सरकारी बैठक में जीजा को लेकर पहुंचे मंत्री तेजप्रताप.. सुशील मोदी ने पूछा.. क्या नीतीश जी ने अनुमति दे दी

"मीडिया कल की बात कह रहा है, लेकिन मैं 8 दिन पहले की बात कहती हूं. जिस परिहार विधानसभा से मैंने चुनाव लड़ा था, वहां से भाजपा के विधायक के पति, जो कि कोर्ट में कनविक्टेड हैं और जमानत पर बाहर हैं. वह अगर डीएम और एसपी के साथ बैठकर अधिकारियों की मीटिंग ले रहे थे, तब किसी मीडिया ने यह सवाल नहीं पूछा."-ऋतु जायसवाल, राजद प्रवक्ता

बीजेपी ने सीएम नीतीश कुमार से मांगा इस्तीफाः एनडीए की सरकार में खाना और भूतत्व विभाग के मंत्री जनक राम ने कहा कि इस पूरे मामले को लेकर सीएम नीतीश कुमार को इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने कहा कि मामले को तूल कौन दे रहा है ? सीएम और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी क्या कर रहे हैं? इससे बीजेपी को कुछ लेना देना नहीं है लेकिन जनता जवाब चाहती है.

"जब आप बीजेपी के साथ थे तो सुशासन के सीएम कहलाते थे. अब कितना लाचार और बेबस सीएम हो गए हैं. आप जिसके साथ बैठे हैं, जिसके साथ गए हैं, उसी सरकार के लोग कहते थे कि निकृष्ट, घटिया, भ्रष्ट और कमजोर मुख्यमंत्री हैं. सीएम जवाब क्यों नहीं देते हैं ? सरकारी मीटिंग में परिवार के लोग शामिल हो रहे हैं. आप ही के लोग कह रहे हैं. नाम के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं. यहां सुपर सीएम है. परिवार के सारे सदस्य अलग-अलग दुकानदारी खोलकर बैठे हैं. आपको जवाब देना चाहिए. अगर जवाब नहीं दे रहे हैं तो स्वतः सीएम के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए."-जनक राम, पूर्व मंत्री सह बीजेपी नेता

"जब आप नए डिपार्टमेंट में ज्वाइन करने के लिए जाते हैं तो आपके करीबी, मित्र, साथी, शुभचिंतक, परिवार के सदस्य भी चले जाते हैं. ऐसा मेरे साथ होता रहा है. मैं पांचवी बार मंत्री बना हूं. मैं जब-जब ज्वाइन करने गया हूं तो मेरे साथ समर्थक या कोई ना कोई साथ में रहा है." -अशोक चौधरी, मंत्री सह जदयू नेता


अशोक चौधरी बोले, शैलेश जी को रखना चाहिए था ध्यानः वहीं महागठबंधन की सहयोगी जदयू का कहना है कि इस मीटिंग को लेकर शैलेश जी को ध्यान रखना चाहिए था. जदयू के वरिष्ठ नेता और मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि इस बार भी जब मैं ज्वाइन करने गया था तो राजद के एमएलसी अजय सिंह हमारे साथ थे. मिलने आए थे तो वह भी हमारे साथ बैठे थे. शैलेश जी चले गए होंगे, क्योंकि तेजप्रताप पहली बार पॉल्यूशन बोर्ड जा रहे थे. ऐसा मुझे लगता है लेकिन शैलेश जी को ध्यान रखना चाहिए था की ऑफिशियल मीटिंग हो रही है. यह मेरा व्यक्तिगत सोच है. लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह बड़ा मुद्दा है. बहुत बार ऐसा हुआ है. मुकेश साहनी के भाई कार्यक्रम में चले गए थे. यह कोई बहुत बड़ी राजनीतिक घटना नहीं है. इससे यह नहीं कहा जा सकता है कि मंत्री को कोई हाईजैक कर रहा है और कोई ऐसा मामला नहीं है.

राजद ने पूर्व उद्योग मंत्री पर एफआईआर दर्ज नहीं होने का मामला उठायाः राजद प्रवक्ता ऋतु जायसवाल ने कहा कि तब बीजेपी के कलेजे पर सांप नहीं लोय रहा था, जब एक विधायक का पति अधिकारियों के साथ मीटिंग ले रहा था. और आज आप लोगों में इतनी बौखलाहट क्यों. सत्ता छिन जाने की बौखलाहट होती है, लेकिन इतनी भी ज्यादा नहीं होनी चाहिए. वह कहती हैं कि एक तरफ कैसे-कैसे आरोप लगाए जाते हैं. वहीं दूसरी तरफ एक धारा 376 और 375 आरोपी हैं. ऐसे मामलों में तुरंत केस दर्ज होने चाहिए. पूर्व उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन पर एक महिला ने एफआईआर करना चाह रही थी, उसमें एफआईआर दर्ज नहीं होना शर्मनाक है.

एफआईआर दर्ज करने में 4 साल से ज्यादा समय लगने पर उठाया सवालः ऋतु जायसवाल आरोप यह भी कहती हैं, तारीख पर तारीख हमने सुना हुआ है. न्याय मिलने में तारीख पर तारीख लग जाता है. यहां तारीख मिलना तो दूर की बात है. ऐसे गंभीर आरोप में एफआईआर दर्ज करने में 4 साल से ज्यादा लग गए. यहां किसका चेहरा दिख गया यह मुद्दा है. अगर कोई ऐसी चीज आई है तो उसे बाद में देखेंगे. यह एक छोटी सी बात है जो किसी कॉर्नर में पड़ी हुई रह सकती है. सरकारी मीटिंग में गैर सरकारी व्यक्ति का होना एक छोटी सी बात है जिस पर ध्यान भी नहीं जाना चाहिए. हो सकता हो कि वह कहीं गए हो, कहीं वेटिंग का टाइम हो. वेटिंग के लिए बोल दिया गया हो. मिलने गए हों ऐसा हो सकता है. मुझे नहीं लगता कि मीटिंग का पार्ट हुए होंगे या मीटिंग ले रहे होंगे.



4 दिन में जंगलराज और पहले मंगल राज: राजद प्रवक्ता ऋतु जायसवाल ने कहा कि कि दोहरा चरित्र नहीं अपनाना चाहिए. अगर चरित्र रखना ही है तो एक समान होना चाहिए. 4 दिन में जंगलराज और 4 दिन से पहले महा मंगल राज. एक जगह चेहरा दिख जाना और दूसरा किसी की जगह पर जाकर के उद्घाटन करना, दोनों में बहुत बड़ा अंतर है.

पढ़ें-तेजप्रताप की विभागीय बैठक में शामिल हुए लालू के दामाद, BJP ने लालू परिवार पर कसा तंज

पटनाः नीतीश कुमार सरकार में पर्यावरण और वन विभाग के मंत्री बने तेज प्रताप यादव फिर से विवादों (Controversy On Tej Pratap Yadav Meeting) में आ गये हैं. चर्चा की वजह यह है कि बिहार प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की मीटिंग में मीसा भारती के पति और तेज प्रताप यादव के जीजा शैलेश की मौजूदी को लेकर (Misa Bharti Husband Attended Meeting With Tej Pratap) है. बैठक की तस्वीर वायरल होने के बाद जहां बीजेपी हमलावर है. वहीं राजद ने महागठबंधन की सरकार बनने से पहले की बैठकों में बीजेपी के महिला विधायकों के पति की बैठक में शामिल होने का मामला उठाया. वहीं जदयू ने कहा कि यह कोई बड़ी बात नहीं है.

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"मीडिया कल की बात कह रहा है, लेकिन मैं 8 दिन पहले की बात कहती हूं. जिस परिहार विधानसभा से मैंने चुनाव लड़ा था, वहां से भाजपा के विधायक के पति, जो कि कोर्ट में कनविक्टेड हैं और जमानत पर बाहर हैं. वह अगर डीएम और एसपी के साथ बैठकर अधिकारियों की मीटिंग ले रहे थे, तब किसी मीडिया ने यह सवाल नहीं पूछा."-ऋतु जायसवाल, राजद प्रवक्ता

बीजेपी ने सीएम नीतीश कुमार से मांगा इस्तीफाः एनडीए की सरकार में खाना और भूतत्व विभाग के मंत्री जनक राम ने कहा कि इस पूरे मामले को लेकर सीएम नीतीश कुमार को इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने कहा कि मामले को तूल कौन दे रहा है ? सीएम और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी क्या कर रहे हैं? इससे बीजेपी को कुछ लेना देना नहीं है लेकिन जनता जवाब चाहती है.

"जब आप बीजेपी के साथ थे तो सुशासन के सीएम कहलाते थे. अब कितना लाचार और बेबस सीएम हो गए हैं. आप जिसके साथ बैठे हैं, जिसके साथ गए हैं, उसी सरकार के लोग कहते थे कि निकृष्ट, घटिया, भ्रष्ट और कमजोर मुख्यमंत्री हैं. सीएम जवाब क्यों नहीं देते हैं ? सरकारी मीटिंग में परिवार के लोग शामिल हो रहे हैं. आप ही के लोग कह रहे हैं. नाम के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं. यहां सुपर सीएम है. परिवार के सारे सदस्य अलग-अलग दुकानदारी खोलकर बैठे हैं. आपको जवाब देना चाहिए. अगर जवाब नहीं दे रहे हैं तो स्वतः सीएम के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए."-जनक राम, पूर्व मंत्री सह बीजेपी नेता

"जब आप नए डिपार्टमेंट में ज्वाइन करने के लिए जाते हैं तो आपके करीबी, मित्र, साथी, शुभचिंतक, परिवार के सदस्य भी चले जाते हैं. ऐसा मेरे साथ होता रहा है. मैं पांचवी बार मंत्री बना हूं. मैं जब-जब ज्वाइन करने गया हूं तो मेरे साथ समर्थक या कोई ना कोई साथ में रहा है." -अशोक चौधरी, मंत्री सह जदयू नेता


अशोक चौधरी बोले, शैलेश जी को रखना चाहिए था ध्यानः वहीं महागठबंधन की सहयोगी जदयू का कहना है कि इस मीटिंग को लेकर शैलेश जी को ध्यान रखना चाहिए था. जदयू के वरिष्ठ नेता और मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि इस बार भी जब मैं ज्वाइन करने गया था तो राजद के एमएलसी अजय सिंह हमारे साथ थे. मिलने आए थे तो वह भी हमारे साथ बैठे थे. शैलेश जी चले गए होंगे, क्योंकि तेजप्रताप पहली बार पॉल्यूशन बोर्ड जा रहे थे. ऐसा मुझे लगता है लेकिन शैलेश जी को ध्यान रखना चाहिए था की ऑफिशियल मीटिंग हो रही है. यह मेरा व्यक्तिगत सोच है. लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह बड़ा मुद्दा है. बहुत बार ऐसा हुआ है. मुकेश साहनी के भाई कार्यक्रम में चले गए थे. यह कोई बहुत बड़ी राजनीतिक घटना नहीं है. इससे यह नहीं कहा जा सकता है कि मंत्री को कोई हाईजैक कर रहा है और कोई ऐसा मामला नहीं है.

राजद ने पूर्व उद्योग मंत्री पर एफआईआर दर्ज नहीं होने का मामला उठायाः राजद प्रवक्ता ऋतु जायसवाल ने कहा कि तब बीजेपी के कलेजे पर सांप नहीं लोय रहा था, जब एक विधायक का पति अधिकारियों के साथ मीटिंग ले रहा था. और आज आप लोगों में इतनी बौखलाहट क्यों. सत्ता छिन जाने की बौखलाहट होती है, लेकिन इतनी भी ज्यादा नहीं होनी चाहिए. वह कहती हैं कि एक तरफ कैसे-कैसे आरोप लगाए जाते हैं. वहीं दूसरी तरफ एक धारा 376 और 375 आरोपी हैं. ऐसे मामलों में तुरंत केस दर्ज होने चाहिए. पूर्व उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन पर एक महिला ने एफआईआर करना चाह रही थी, उसमें एफआईआर दर्ज नहीं होना शर्मनाक है.

एफआईआर दर्ज करने में 4 साल से ज्यादा समय लगने पर उठाया सवालः ऋतु जायसवाल आरोप यह भी कहती हैं, तारीख पर तारीख हमने सुना हुआ है. न्याय मिलने में तारीख पर तारीख लग जाता है. यहां तारीख मिलना तो दूर की बात है. ऐसे गंभीर आरोप में एफआईआर दर्ज करने में 4 साल से ज्यादा लग गए. यहां किसका चेहरा दिख गया यह मुद्दा है. अगर कोई ऐसी चीज आई है तो उसे बाद में देखेंगे. यह एक छोटी सी बात है जो किसी कॉर्नर में पड़ी हुई रह सकती है. सरकारी मीटिंग में गैर सरकारी व्यक्ति का होना एक छोटी सी बात है जिस पर ध्यान भी नहीं जाना चाहिए. हो सकता हो कि वह कहीं गए हो, कहीं वेटिंग का टाइम हो. वेटिंग के लिए बोल दिया गया हो. मिलने गए हों ऐसा हो सकता है. मुझे नहीं लगता कि मीटिंग का पार्ट हुए होंगे या मीटिंग ले रहे होंगे.



4 दिन में जंगलराज और पहले मंगल राज: राजद प्रवक्ता ऋतु जायसवाल ने कहा कि कि दोहरा चरित्र नहीं अपनाना चाहिए. अगर चरित्र रखना ही है तो एक समान होना चाहिए. 4 दिन में जंगलराज और 4 दिन से पहले महा मंगल राज. एक जगह चेहरा दिख जाना और दूसरा किसी की जगह पर जाकर के उद्घाटन करना, दोनों में बहुत बड़ा अंतर है.

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