पटना: राजधानी पटना में आतंकी (Terrorists In Capital Patna) और उनके ठिकानों को लेकर नये-नये खुलासे हो रहे हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि आतंकी गतिविधियों के लिए सेफ जोन पटना बनता जा रहा है. पीएफआई की गतिविधियां पिछले कई सालों से चल रही थी और अब वह संगठित रूप अख्तियार कर चुका है. पीएफआई (PFI) और सिमी के बीच गहरे ताल्लुकात हैं. कई बार इस बात का खुलासा भी हो चुका है, हुंकार रैली के दौरान सिमी संगठन की भूमिका उजागर हुई थी. पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के भाषण के दौरान सीरियल ब्लास्ट गांधी मैदान में हुए थे. एक बार फिर बिहार में पीएफआई की सक्रियता अलग रूप में सामने आई है. बकायदा प्रशिक्षण शिविर चलाए जा रहे थे, खास बात यह है कि पटना के एसएसपी मनजीत सिंह ढिल्लो ने पीएफआई के कार्य प्रणाली की तुलना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से कर दी. जिसके बाद बिहार में राजनीतिक बवाल (Political Ruckus In Bihar After Patna SSP Statement) मचा हुआ है.
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पटना SSP के बयान पर बिहार में मचा राजनीतिक घमासान : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर उंगली उठी तो भाजपा खेमे में भूचाल मच गया. भाजपा के तमाम बड़े नेता मैदान-ए-जंग में कूद गए और एसएसपी पर कार्रवाई की मांग उठने लगी. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, सुशील मोदी, सम्राट चौधरी, हरी भूषण ठाकुर जैसे सरीखे नेता एसएसपी पर सीधे हमलावर हो गए. पटना एसएसपी पर कार्रवाई को लेकर भाजपा नेता आक्रमक हैं, हालांकि जदयू की ओर से कुछ नेता मैदान में आए और बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की. लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुप्पी साध रखी है. गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर हमला किसी भी सूरत में भाजपा को गवारा नहीं है. क्योंकि आरएसएस की बुनियाद पर ही भाजपा खड़ी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह. राजनाथ सिंह जैसे सरीखे नेता संघ से ही आए हैं. ऐसे में पार्टी नेता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छवि बिगाड़ने की कोई भी कोशिश बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है.
पटना एसएसपी को लेकर नीतीश कुमार ने साधी चुप्पी : दरअसल पूरा विवाद तब खड़ा हुआ, जब पीएफआई की गतिविधियों का खुलासा हुआ और पटना के एसएसपी ने यह कह दिया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तर्ज पर पीएफआई के लोग प्रशिक्षण शिविर चला रहे थे. बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने पूरे घटनाक्रम पर भाजपा की मुहिम पर ही सवाल खड़े किए हैं. अशोक चौधरी ने कहा है कि आरएसएस पर टिप्पणी करने वाले लोग आज केंद्र की सरकार में मंत्री हैं. एसएसपी पर कार्रवाई को लेकर कहा कि भाजपा की हर एक मांग को मानी नहीं जा सकती है.
पटना एसएसपी के बयान पर जेडीयू-बीजेपी आमने-सामने : अशोक चौधरी के बयान पर भाजपा ने पलटवार किया. पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि- 'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, राष्ट्र निर्माण में लगी है और भाजपा के तमाम बड़े नेता संघ से ही आए हैं. हमने एसएसपी पर कार्रवाई की मांग की है. अशोक चौधरी होते कौन हैं, हमने मांग तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से की है.'
'आईपीएस अधिकारियों के लिए सर्विस कोड है. ऐसे मामले विभाग के सीनियर अधिकारी देखते हैं. अगर एसएसपी ने कुछ गलत कहा है तो विभाग के अधिकारी देखेंगे. यह राजनीतिक विषय नहीं है. यह देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ विषय है.' - उपेंद्र कुशवाहा, अध्यक्ष, जदयू पार्लियामेंट्री बोर्ड
'भारत और बिहार की जनता आरएसएस पर किसी भी व्यक्ति या दल के की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं करेगी. अगर किसी आईपीएस ऑफिसर को राष्ट्रवादी संगठन और आतंकवादी संगठन के बीच में अंतर पता नहीं है तो उसे पटना जैसे जगह में रहने का अधिकार नहीं है. सरकार उस पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करे. हमारा पीछे का रिकॉर्ड भी रहा है, हमने राम मंदिर के लिए चार-चार सरकारों की कुर्बानी दी है. आरएसएस पर कोई भी कुठाराघात करेगा तो उसे हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. बिहार के विकास के लिए हम सरकार में साथ हैं और सरकार चला रहे हैं. यह हमारी मंशा है, लेकिन हमारी मंशा को कोई कमजोरी ना समझे.' - डॉ राम सागर सिंह, बीजेपी प्रवक्ता
'नीतीश कुमार के लिए इस बार दोहरे दबाव को झेलना आसान नहीं होगा. भाजपा और संघ दोनों एसएसपी के बयान से नाराज हैं. भाजपा के तमाम बड़े नेता एसएसपी के खिलाफ कार्रवाई को लेकर आक्रमक हैं. हालात से निपटना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए बड़ी चुनौती है. क्योंकि भाजपा आर-पार की लड़ाई के मूड में है. संभव है कि नीतीश कुमार को एसएसपी पर कार्रवाई करनी पड़े.' - कौशलेंद्र प्रियदर्शी, वरिष्ठ पत्रकार
पटना SSP ने RSS की तुलना PFI से की : गौरतलब है कि पटना में पीएम नरेंद्र मोदी के विधानसभा शताब्दी वर्ष समापन समारोह कार्यक्रम में शामिल होने के दौरान दो संदिग्धों की गिरफ्तारी हुई थी. बाद में पता चला था कि ये लोग लंबे समय से यहां आतंकी गतिविधियां चला रहे हैं. उसके बाद इसको लेकर पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने एक प्रेस कॉंफ्रेंस की. उस दौरान उन्होंने आतंकी संगठन पीएफआई की कार्यप्रणाली की तुलना आरएसएस से कर दी. इसी को लेकर पूरे बिहार में राजनीतिक बवाल मचा हुआ है.
क्या कहा था पटना SSP ने? : बता दें कि पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने गुरुवार को गिरफ्तार संदिग्धों का खुलासा करते हुए कहा था कि- 'ये लोग मस्जिदों में युवाओं को कठोर बनाने के साथ-साथ मोबिलाइज करते थे और उन बच्चों को कट्टर बना रहे थे. इसका मकसद वैसे ही था जैसे आरएसएस का होता है. उन्होंने कहा था कि जैसे संघ की शाखा आयोजित की जाती है और लाठी की ट्रेनिंग होती है, वैसे ही ये फिजिकल ट्रेनिंग के नाम पर यूथ को प्रशिक्षण दे रहे थे. ये अपने एजेंडे और प्रोपोगेंडे के माध्यम से ब्रेनवाश कर रहे थे.
पटना एसएसपी को कारण बताओ नोटिस : एसएसपी के बयान पर विवाद बढ़ गया और बीजेपी भड़क गई. बीजेपी ने बिहार के मुख्मयंत्री नीतीश कुमार से एसएसपी को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की. हालांकि, एडीजी मुख्यालय ने एसएसपी को 'कारण बताओ नोटिस' जारी किया है. एडीजी पुलिस मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने पटना के पुलिस कप्तान मानवजीत सिंह ढिल्लो को नोटिस जारी कर पूछा है कि ''आखिर ऐसा बयान क्यों दिया.'' उन्हें 48 घंटे के अंदर जवाब देना है.