पटना: बिहार और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में अब दोनों राज्यों की पुलिस फरार अपराधियों पर शिकंजा कसने की योजना (Crime control on Border Areas) बनाई है. इसके तहत दोनों राज्यों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की एक बैठक भी हो चुकी है. बताया जा रहा है कि दोनों पुलिस ऐसे अपराधियों की सूची भी तैयार कर ली है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दोनों राज्यों की पुलिस की हुई बैठक (Crime meeting at adg of bihar and UP) में बिहार के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) (विधि व्यवस्था) संजय सिंह और एडीजी सीआइडी जितेंद्र कुमार के साथ यूपी के गोरखपुर जोन के एडीजी अखिल कुमार शामिल रहे. इस दौरान सीमावर्ती जिलों में सक्रिय अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर खास तौर से चर्चा हुई.
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पुलिस का मानना है कि अपराधी एक राज्य में अपराध की घटनाओं को अंजाम देकर आसानी से सीमा पारकर दूसरे राज्यों में सुरक्षित ठिकाना बना रहे हैं. अधिकारी बताते है कि दोनों राज्यों के कई जिले एक-दूसरे से लगते हैं, लिहाजा कई बार अपराधी सुरक्षित ठिकाने की तलाश में पड़ोसी राज्य भाग जाते हैं. ऐसे में इनकी गिरफ्तारी के लिए दोनों राज्यों की पुलिस की आपसी तालमेल बैठा कर एक रणनीति के तहत आपरेशन को अंजाम देने पर भी चर्चा की गई है.
सूत्रों का कहना है कि इस दौरान दोनों राज्यों की पुलिस द्वारा ऐसे अपराधियों की सूची का आदान-प्रदान किया गया है. सूत्रों का कहना है कि लंबे समय तक फरार अपराधियों की संपति जब्त करने पर भी सहमति बनी है. कहा जा रहा है कि संपत्ति का ब्योरा मिलने के बाद पुलिस उनके फरार रहने की स्थित में अदालत के आदेश के बाद उनकी संपति जब्तीकरण की कार्रवाई करेगी, जिससे अपराधियों का मनोबल तोड़ा जा सके. सूत्रों का दावा है कि जल्द ही दोनों राज्यों के सीमावर्ती इलाकों के थाना प्रभारियों की भी बैठक होगी, जिसमें इस पर आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी.
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