पटना: बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban in Bihar) को और प्रभावी बनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल के दिनों में शराबबंदी पर समीक्षा बैठक (CM Nitish Review meeting) की थी. मुख्यमंत्री द्वारा की गई समीक्षा बैठक के बाद पुलिस राजधानी पटना में शराब पीने वालों पर नकेल कसने (Crackdown on Liquor Drinkers in Patna) का काम लगातार कर रही है.
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इसी कड़ी में राजधानी पटना के चौक चौराहों पर देर शाम मौजूद पुलिसकर्मी ब्रेथ एनालाइजर (Breath Analyzer) के जरिए शराब पीने वाले लोगों की जांच कर उन्हें जेल भेजने का भी काम कर रही है. हालांकि, इस पूरे मामले पर राजधानी पटना के डॉक्टर डॉ. दिवाकर तेजस्वी कहते हैं कि ब्रेथ एनालाइजर के एक ही स्ट्रिप से कई लोगों की जांच करने से लोगों में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है.
''बिहार में जारी शराबबंदी और शराबियों पर नकेल कसने की कार्रवाई जो पुलिस कर रही है वह सराहनीय है. हालांकि, जिस ब्रेथ एनालाइजर के जरिए पटना पुलिस सड़कों पर घूमने वाले लोगों की जांच कर रही है, उस ब्रेथ एनालाइजर के कारण कई तरह के संक्रमण फैलने के आसार हैं.''- डॉक्टर दिवाकर तेजस्वी, चिकित्सक
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दरअसल, जिस ब्रेथ एनालाइजर से लोगों की जांच की जाती है, उस ब्रेथ एनालाइजर के स्ट्रीप को भी नहीं बदला जाता है और ना ही उस ब्रेथ एनालाइजर को संक्रमण मुक्त करने के कोई उपाय पटना पुलिस के पास मौजूद होते हैं. ऐसे में अगर किसी एक व्यक्ति को कोरोना या अन्य कोई संक्रमण हो तो दूसरी व्यक्ति के मुंह लगाते ही वह संक्रमण दूसरे से तीसरे और तीसरे से चौथे व्यक्ति में फैलने की प्रबल संभावना बढ़ जाती है.
वहीं, दूसरी ओर इस पूरे मामले पर राजद प्रवक्ता इजाज अहमद कहते हैं कि शराबबंदी को लेकर सरकार के पास कोई प्रभावी नीति नहीं है. ऐसे में थानों में दिए गए ब्रेथ एनालाइजर के मुकम्मल किट भी पुलिस कर्मियों के पास मौजूद नहीं है. कहीं ना कहीं अनजाने में ही सही पुलिसकर्मी कोरोना और अन्य संक्रमण को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं.
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