पटना: राज्य में बढ़ रहे अपराध और दुष्कर्म की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस मुख्यालय ने खाका तैयार किया है. इसके अंतर्गत प्रदेश के थानों की चार श्रेणियों में बांटकर ग्रेडिंग की जाएगी. इसके लिए रोडमैप भी तैयार किया जाएगा.
नक्सल प्रभावित क्षेत्र में 133 से ज्यादा थाने
आपको बता दें कि 133 से ज्यादा थाने बिहार में ऐसे हैं जो नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आते हैं. उनको अति संवेदनशील माना गया है.इसके अलावा 93 दूसरे थाने भी इसी श्रेणी में आते हैं. 400 थानों को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है. इसके अलावा जो 468 थाने हैं उन्हें सामान्य और अति सामान्य श्रेणी में बांट दिया गया है. अति संवेदनशील थानों को लेकर 50 से ज्यादा तेज-तर्रार अफसरों की प्रतिनियुक्ति की भी बात कही जा रही है.
पुलिस बल की भी होगी प्रतिनियुक्ति
श्रेणी के आधार पर पुलिस बल की भी प्रतिनियुक्ति की जाएगी. थाने में हवलदार और सिपाही मिलाकर संख्या 12 से 15 होती है लेकिन अति संवेदनशील थानों में 14 हवलदार, 56 सिपाही सहित दो अधिकारी की प्रतिनियुक्ति की जाएगी. नक्सल प्रभावित क्षेत्र के थाने में चालकों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी. साथ ही पेट्रोलिंग जिप्सी की भी संख्या बढ़ाए जाने की बात कही जा रही है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र के अलावा जो अति संवेदनशील थाने बनाए जाएंगे इसमें भी पुलिस बल की संख्या दोगुनी कर दी जाएगी. निश्चित तौर पर पुलिस मुख्यालय ने इस बार थाने के ग्रेडिंग कर अपराध कम करने की कवायद शुरू कर दी है.