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बढ़ रहे अपराध को रोकने के लिए पुलिस मुख्यालय का रोडमैप तैयार, 4 श्रेणियों में होगी प्रदेश के थानों की ग्रेडिंग - grading of state police stations in 4 categories

400 थानों को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है. इसके अलावा जो 468 थाने हैं, उन्हें सामान्य और अति सामान्य श्रेणी में बांट दिया गया है. अति संवेदनशील थानों को लेकर 50 से ज्यादा तेज-तर्रार अफसरों की प्रतिनियुक्ति की भी बात कही जा रही है.

police headquarters to grade police stations
पुलिस मुख्यालय
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Published : Dec 11, 2019, 8:35 PM IST

पटना: राज्य में बढ़ रहे अपराध और दुष्कर्म की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस मुख्यालय ने खाका तैयार किया है. इसके अंतर्गत प्रदेश के थानों की चार श्रेणियों में बांटकर ग्रेडिंग की जाएगी. इसके लिए रोडमैप भी तैयार किया जाएगा.

नक्सल प्रभावित क्षेत्र में 133 से ज्यादा थाने
आपको बता दें कि 133 से ज्यादा थाने बिहार में ऐसे हैं जो नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आते हैं. उनको अति संवेदनशील माना गया है.इसके अलावा 93 दूसरे थाने भी इसी श्रेणी में आते हैं. 400 थानों को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है. इसके अलावा जो 468 थाने हैं उन्हें सामान्य और अति सामान्य श्रेणी में बांट दिया गया है. अति संवेदनशील थानों को लेकर 50 से ज्यादा तेज-तर्रार अफसरों की प्रतिनियुक्ति की भी बात कही जा रही है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पुलिस बल की भी होगी प्रतिनियुक्ति
श्रेणी के आधार पर पुलिस बल की भी प्रतिनियुक्ति की जाएगी. थाने में हवलदार और सिपाही मिलाकर संख्या 12 से 15 होती है लेकिन अति संवेदनशील थानों में 14 हवलदार, 56 सिपाही सहित दो अधिकारी की प्रतिनियुक्ति की जाएगी. नक्सल प्रभावित क्षेत्र के थाने में चालकों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी. साथ ही पेट्रोलिंग जिप्सी की भी संख्या बढ़ाए जाने की बात कही जा रही है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र के अलावा जो अति संवेदनशील थाने बनाए जाएंगे इसमें भी पुलिस बल की संख्या दोगुनी कर दी जाएगी. निश्चित तौर पर पुलिस मुख्यालय ने इस बार थाने के ग्रेडिंग कर अपराध कम करने की कवायद शुरू कर दी है.

पटना: राज्य में बढ़ रहे अपराध और दुष्कर्म की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस मुख्यालय ने खाका तैयार किया है. इसके अंतर्गत प्रदेश के थानों की चार श्रेणियों में बांटकर ग्रेडिंग की जाएगी. इसके लिए रोडमैप भी तैयार किया जाएगा.

नक्सल प्रभावित क्षेत्र में 133 से ज्यादा थाने
आपको बता दें कि 133 से ज्यादा थाने बिहार में ऐसे हैं जो नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आते हैं. उनको अति संवेदनशील माना गया है.इसके अलावा 93 दूसरे थाने भी इसी श्रेणी में आते हैं. 400 थानों को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है. इसके अलावा जो 468 थाने हैं उन्हें सामान्य और अति सामान्य श्रेणी में बांट दिया गया है. अति संवेदनशील थानों को लेकर 50 से ज्यादा तेज-तर्रार अफसरों की प्रतिनियुक्ति की भी बात कही जा रही है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

पुलिस बल की भी होगी प्रतिनियुक्ति
श्रेणी के आधार पर पुलिस बल की भी प्रतिनियुक्ति की जाएगी. थाने में हवलदार और सिपाही मिलाकर संख्या 12 से 15 होती है लेकिन अति संवेदनशील थानों में 14 हवलदार, 56 सिपाही सहित दो अधिकारी की प्रतिनियुक्ति की जाएगी. नक्सल प्रभावित क्षेत्र के थाने में चालकों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी. साथ ही पेट्रोलिंग जिप्सी की भी संख्या बढ़ाए जाने की बात कही जा रही है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र के अलावा जो अति संवेदनशील थाने बनाए जाएंगे इसमें भी पुलिस बल की संख्या दोगुनी कर दी जाएगी. निश्चित तौर पर पुलिस मुख्यालय ने इस बार थाने के ग्रेडिंग कर अपराध कम करने की कवायद शुरू कर दी है.

Intro:एंकर राज्य में बढ़ रहे अपराध और बलात्कार की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस मुख्यालय ने खाका तैयार किया है इसके अंतर्गत सूबे के थानों की ग्रेडिंग की जाएगी चार श्रेणियों में बांटकर इन थाने का ग्रेडिंग किया जाएगा आपको बता दें कि 133 से ज्यादा थाने बिहार में ऐसे हैं जो नक्सल प्रभावित क्षेत्र में निश्चित तौर पर उस को अति संवेदनशील माना गया है साथ ही इसके अलावे 93 थाना भी इसी श्रेणी में आते हैं उसके साथ-साथ 400 थाना को संवेदनशील की श्रेणी में रखा गया है इसके अलावा जो 468 थाने हैं उन्हें सामान्य और अति सामान्य श्रेणी में बांट दिया गया है अति संवेदनशील थाने को लेकर 50 सें ज्यादा तेज़तर्रार अफसरों की प्रतिनियुक्ति की भी बात कही जा रही है


Body: श्रेणी के आधार पर पुलिस बल की भी प्रतिनियुक्ति की जाएगी सामान्यतः थाना में हवलदार और सिपाही मिलाकर संख्या 12 से 15 होती है लेकिन अति संवेदनशील थानों में 14 हवलदार 56 सिपाही सहित दो अधिकारी की प्रतिनियुक्ति की जाएगी नक्सल प्रभावित क्षेत्र के थाने में चालकों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी साथ ही पेट्रोलिंग जिप्सी की भी संख्या बढ़ाए जाने की बात कही जा रही है नक्सल प्रभावित क्षेत्र के अलावे जो अति संवेदनशील थाने बनाए जाएंगे इसमें भी पुलिस बल की संख्या दोगुनी कर दी जाएगी निश्चित तौर पर पुलिस मुख्यालय ने इस बार थाने के ग्रेडिंग कर अपराध कम करने की कवायद शुरू कर दी है सूत्रों के अनुसार बहुत जल्द ही थानों के ग्रेडिंग की व्यवस्था लागू हो जाएगी और जहां पुलिस बल की कमी है या जहां अधिकारी नहीं है वहां पर अधिकारियों की तैनाती हो जाएगी यह तैनाती पुलिस बल की है जरूरत के मुताबिक बीएमपी और होमगार्ड के जवान भी अलग से उन थानों में उपलब्ध कराए जाएंगे जहां पर की निरंतर अपराध की घटनाएं बढ़ रही है


Conclusion:राज्य में बढ़ते अपराध को रोकने के लिए पुलिस ने थानों की ग्रेडिंग तो कर दी है लेकिन जिस तरह पुलिसिया सुस्ती पूरे बिहार में देखने को मिलता है निश्चित तौर पर ग्रेडिंग करने के बाद वह सुस्ती कम हो पाएगी या नहीं यह तो समय ही बताएगा लेकिन फिलहाल राज्य में बढ़ रहे अपराध और बलात्कार की घटना पुलिस मुख्यालय के लिए सिरदर्द है और उसके उपाय के लिए फिलहाल थानों की ग्रेडिंग कर पुलिस मुख्यालय अपराधियों पर नकेल कसना चाहती है। वाक थ्रू पटना से कुंदन कुमार
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