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बिहार विधान परिषद चुनाव: NDA और महागठबंधन में टिकट पर पेंच फंसा, उम्मीदवारों की मुश्किलें बढ़ाएंगे बागी!

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Published : Jan 19, 2022, 6:18 PM IST

पंचायत चुनाव के कारण विधान परिषद की 24 सीटों पर चुनाव (Election on 24 seats of Legislative Council) का मामला पिछले 6 महीने से लटका हुआ था लेकिन अब रास्ता साफ हो गया है. जल्द ही तिथि की घोषणा भी जल्द होने वाली है. उधर सीटों पर दावेदारी को लेकर एनडीए और महागठबंधन में अबतक तस्वीर साफ नहीं हो पाई है. मांझी ने दो सीटों पर दावा कर परेशानी बढ़ा दी है, जबकि महागठबंधन में भी निर्णय नहीं हो पा रहा है. ऐसे में जितने दावेदार हैं उससे साफ है कि इस बार बड़ी संख्या में बागी भी चुनाव मैदान में होंगे, जो उम्मीदवारों के लिए मुश्किलें पैदा करेंगे.

बिहार विधान परिषद चुनाव
बिहार विधान परिषद चुनाव

पटना: बिहार विधान परिषद चुनाव (Bihar Legislative Council Election) को लेकर सूबे में सियासी हलचल बढ़ने लगी है. 24 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह (Chairman Awadhesh Narayan Singh) ने चुनाव आयोग को लेटर भेजा है. उस पत्र को चुनाव आयोग ने भारत निर्वाचन आयोग को भेज दिया है. जल्द ही चुनाव कराने का आश्वासन दिया है लेकिन बिहार में एक तरफ एनडीए में सीटों को लेकर अभी भी फंसा हुआ है तो वहीं महागठबंधन में भी आरजेडी और कांग्रेस के बीच कुछ भी तय नहीं हो पाया है. दोनों गठबंधन में जिस तरह से दावेदारों की भरमार है, वैसे में बगावत का खतरा भी बढ़ने लगा है.

ये भी पढ़ें: बिहार विधान परिषद चुनाव: 24 सीटों के लिए BJP-JDU में कई दावेदार, मांझी ने भी भरी हुंकार

बिहार विधान परिषद चुनाव को लेकर जेडीयू खेमे से जो सूचना मिल रही है, उसके मुताबिक अभी हाल में ही पार्टी में शामिल कराए गए विनोद कुमार सिंह को मधुबनी से सिंबल दे दिया गया है. हालांकि यह बीजेपी की सीटिंग सीट है. एक तरफ जहां जेडीयू ने अपने उम्मीदवारों को सिंबल देना शुरू कर दिया है, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी की तरफ से भी जल्द सिंबल दिए जाएंगे.

दरअसल, 13 बीजेपी की सीटिंग सीट है और इसलिए सभी 13 सीटों पर दावा हो रहा है लेकिन जेडीयू इनमें से कई सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रहा है. बीजेपी के नेता कह रहे हैं कि सब कुछ तालमेल में हो जाएगा, कहीं कोई परेशानी नहीं होगी. हालांकि बीजेपी जरूर बड़े भाई की भूमिका में रहेगी लेकिन नेता नीतीश कुमार ही रहेंगे. वहीं बागी को लेकर बीजेपी नेताओं का कहना है कि बागियों का कोई असर नहीं होगा, एनडीए समर्थित उम्मीदवार की ही जीत होगी.

यह भी पढ़ें- बिहार विधान परिषद चुनाव: आरजेडी और कांग्रेस में तनातनी तय, सभी 24 सीटों पर 'हाथ' को झटका देने की तैयारी में 'लालटेन'

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वहीं, हम प्रमुख जीतनराम मांझी ने भी 2 सीटों पर पहले से ही दावेदारी कर रखी है. वे अभी भी कह रहे हैं कि विधानसभा चुनाव में जिस प्रकार से 50-50 का फार्मूला जेडीयू और बीजेपी के बीच तय हुआ था, वही फार्मूला इस चुनाव में भी तय होना चाहिए. बीजेपी अपने कोटे से वीआईपी को सीट दें और जेडीयू अपने कोटे से मेरी पार्टी को दें. यह मिल बैठ कर तय कर लेना चाहिए.

"विधानसभा चुनाव में जिस प्रकार से 50-50 का फार्मूला जेडीयू और बीजेपी के बीच तय हुआ था, वही फार्मूला इस चुनाव में भी तय होना चाहिए. बीजेपी अपने कोटे से वीआईपी को सीट दें और जेडीयू अपने कोटे से मेरी पार्टी को दें. यह मिल बैठ कर तय कर लेना चाहिए"- जीतनराम मांझी, पूर्व सीएम

उधर, महागठबंधन खेमे में भी स्थिति कुछ भी स्पष्ट नहीं है. आरजेडी और कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि सबकुछ तालमेल में हो जाएगा और बागियों की कोई भूमिका नहीं रहेगी. बिहार कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और विधान पार्षद समीर सिंह को भरोसा है कि बगावत की स्थिति नहीं बनेगी. वे कहते हैं कि नेतृत्व की ओर से बातचीत की जा रही है, हमें पूरी उम्मीद है कि तालमेल हो जाएगा.

"वार्ता अंतिम दौर में है, दो-तीन दिनों में सब कुछ फाइनल हो जाएगा. सीटिंग सीट तो मांगेंगे ही, इसके अलावे भी कई सीटों पर दावेदारी है. हमें उम्मीद है कि आरजेडी के साथ तालमेल हो जाएगा और गठबंधन बचा रह जाएगा, चिंता की कोई बात नहीं"- समीर सिंह, विधान पार्षद, कांग्रेस

ये भी पढ़ें: Bihar Vidhan Parishad Chunav: अखिलेश सिंह का दावा- 'लालू से हो रही बात, कांग्रेस-राजद साथ लड़ेगी चुनाव'

वहीं, विधान परिषद की 24 सीटों को लेकर चुनाव आयोग की ओर से भी तैयारी शुरू कर दी गई, जल्द ही वोटर लिस्ट भी जारी हो जाएगा. इस बारे में सभापति अवधेश नारायण सिंह ने भी कहा है कि हमने पत्र बिहार निर्वाचन आयोग को भेजा है और निर्वाचन आयोग ने उसे भारत निर्वाचन आयोग को भेज दिया है. जो जवाब आया है, उसके अनुसार जल्द चुनाव होगा.

"हमने इस बारे में बिहार निर्वाचन आयोग को पत्र भेजा है. निर्वाचन आयोग ने उसे भारत निर्वाचन आयोग को भेज दिया है. जो जवाब आया है, उसके अनुसार जल्द चुनाव होगा"- अवधेश नारायण सिंह, सभापति, बिहार विधान परिषद

ये भी पढ़ें: बिहार विधान परिषद चुनावः सभी 24 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी चिराग की पार्टी LJP(R)

बता दें कि बिहार विधान परिषद की 24 सीट 16 जुलाई 2021 से ही खाली हैं. वैसे तो 4 सीट पहले से ही खाली थे. जिसमें तीन सीट विधानसभा चुनाव में विधायक बनने के कारण खाली हुई थी. वहीं, 16 जुलाई को 20 सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो गया. मनोज कुमार, रीतलाल यादव और दिलीप राय विधानसभा चुनाव में जीते थे और इसके कारण इनकी सीट खाली हुई. जबकि 2 सदस्य हरिनारायण चौधरी और सुनील कुमार सिंह का निधन हो चुका है. शेष 19 सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हुआ, उसमें मनोरमा देवी, रीना यादव, राधाचरण साह संतोष कुमार सिंह, सलमान रागिब, राजन कुमार सिंह, सच्चिदानंद राय, टुन्न जी पांडे, बबलू गुप्ता, दिनेश प्रसाद सिंह, सुबोध कुमार, राजेश राम, दिलीप जायसवाल, संजय प्रसाद, अशोक अग्रवाल, नूतन सिंह, सुमन कुमार, आदित्य नारायण पांडे और रजनीश कुमार शामिल हैं.

विधान परिषद की 24 सीटों में से ज्यादातर बीजेपी के हैं. भोजपुर, सीतामढ़ी-शिवहर, मुंगेर-जमुई-लखीसराय के विधान पार्षद आरजेडी के समर्थन से चुनाव जीते थे, लेकिन जेडीयू में शामिल हो गए और उस पर भी जेडीयू की दावेदारी हो रही है. पटना-जेडीयू,भोजपुर-जेडीयू (आरजेडी से जेडीयू में शामिल), गया-जहानाबाद-अरवल-जेडीयू, नालंदा-जेडीयू, रोहतास-कैमूर-बीजेपी, नवादा- जेडीयू, औरंगाबाद-बीजेपी, सारण-बीजेपी, सिवान-बीजेपी, दरभंगा-बीजेपी, पूर्वी चंपारण-बीजेपी, मुजफ्फरपुर-जेडीयू, वैशाली-आरजेडी, समस्तीपुर-बीजेपी, पश्चिमी चंपारण-कांग्रेस, सीतामढ़ी-शिवहर-जेडीयू (आरजेडी से जेडीयू में शामिल), पूर्णिया-अररिया-किशनगंज-बीजेपी, भागलपुर-बांका- जेडीयू, मुंगेर-जमुई-लखीसराय -जेडीयू (आरजेडी से जेडीयू में शामिल), कटिहार-बीजेपी, सहरसा-मधेपुरा-सुपौल-बीजेपी, मधुबनी-बीजेपी, गोपालगंज-बीजेपी और बेगूसराय-खगड़िया-बीजेपी के खाते में थी.

जेडीयू में हाल ही में विधान परिषद के पूर्व उपसभापति सलीम परवेज भी शामिल हुए हैं. सारण क्षेत्र से इनकी भी दावेदारी है. इसके अलावा भी जेडीयू में कई लोग शामिल हुए हैं, जिसमें सदानंद सिंह के पुत्र शुभानंद भी हैं. वहीं, विधानसभा का चुनाव हारने वाले कई नेता चाहते हैं कि उन्हें भी टिकट मिले. बीजेपी में भी एक दर्जन ऐसे उम्मीदवार हैं, जो एमएलसी का टिकट चाहते हैं और वे पार्टी नेताओं का चक्कर भी लगाने लगे हैं. हालांकि अभी कुछ खुलकर नहीं बोल रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि टिकट मिल जाएगा लेकिन 24 सीटों में जिस प्रकार से मारामारी है, वैसे में टिकट नहीं मिलने पर कई बागी होकर भी चुनाव लड़ेंगे. लिहाजा विधान परिषद की लोकल बॉडी से होने वाले 24 सीटों का चुनाव दिलचस्प होना तय है. वैसे में इसमें सीमित संख्या में वोटर हैं और धनबल का जमकर खेल भी होगा. अभी से उसकी तैयारी भी हो रही है.

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पटना: बिहार विधान परिषद चुनाव (Bihar Legislative Council Election) को लेकर सूबे में सियासी हलचल बढ़ने लगी है. 24 सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह (Chairman Awadhesh Narayan Singh) ने चुनाव आयोग को लेटर भेजा है. उस पत्र को चुनाव आयोग ने भारत निर्वाचन आयोग को भेज दिया है. जल्द ही चुनाव कराने का आश्वासन दिया है लेकिन बिहार में एक तरफ एनडीए में सीटों को लेकर अभी भी फंसा हुआ है तो वहीं महागठबंधन में भी आरजेडी और कांग्रेस के बीच कुछ भी तय नहीं हो पाया है. दोनों गठबंधन में जिस तरह से दावेदारों की भरमार है, वैसे में बगावत का खतरा भी बढ़ने लगा है.

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बिहार विधान परिषद चुनाव को लेकर जेडीयू खेमे से जो सूचना मिल रही है, उसके मुताबिक अभी हाल में ही पार्टी में शामिल कराए गए विनोद कुमार सिंह को मधुबनी से सिंबल दे दिया गया है. हालांकि यह बीजेपी की सीटिंग सीट है. एक तरफ जहां जेडीयू ने अपने उम्मीदवारों को सिंबल देना शुरू कर दिया है, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी की तरफ से भी जल्द सिंबल दिए जाएंगे.

दरअसल, 13 बीजेपी की सीटिंग सीट है और इसलिए सभी 13 सीटों पर दावा हो रहा है लेकिन जेडीयू इनमें से कई सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रहा है. बीजेपी के नेता कह रहे हैं कि सब कुछ तालमेल में हो जाएगा, कहीं कोई परेशानी नहीं होगी. हालांकि बीजेपी जरूर बड़े भाई की भूमिका में रहेगी लेकिन नेता नीतीश कुमार ही रहेंगे. वहीं बागी को लेकर बीजेपी नेताओं का कहना है कि बागियों का कोई असर नहीं होगा, एनडीए समर्थित उम्मीदवार की ही जीत होगी.

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वहीं, हम प्रमुख जीतनराम मांझी ने भी 2 सीटों पर पहले से ही दावेदारी कर रखी है. वे अभी भी कह रहे हैं कि विधानसभा चुनाव में जिस प्रकार से 50-50 का फार्मूला जेडीयू और बीजेपी के बीच तय हुआ था, वही फार्मूला इस चुनाव में भी तय होना चाहिए. बीजेपी अपने कोटे से वीआईपी को सीट दें और जेडीयू अपने कोटे से मेरी पार्टी को दें. यह मिल बैठ कर तय कर लेना चाहिए.

"विधानसभा चुनाव में जिस प्रकार से 50-50 का फार्मूला जेडीयू और बीजेपी के बीच तय हुआ था, वही फार्मूला इस चुनाव में भी तय होना चाहिए. बीजेपी अपने कोटे से वीआईपी को सीट दें और जेडीयू अपने कोटे से मेरी पार्टी को दें. यह मिल बैठ कर तय कर लेना चाहिए"- जीतनराम मांझी, पूर्व सीएम

उधर, महागठबंधन खेमे में भी स्थिति कुछ भी स्पष्ट नहीं है. आरजेडी और कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि सबकुछ तालमेल में हो जाएगा और बागियों की कोई भूमिका नहीं रहेगी. बिहार कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और विधान पार्षद समीर सिंह को भरोसा है कि बगावत की स्थिति नहीं बनेगी. वे कहते हैं कि नेतृत्व की ओर से बातचीत की जा रही है, हमें पूरी उम्मीद है कि तालमेल हो जाएगा.

"वार्ता अंतिम दौर में है, दो-तीन दिनों में सब कुछ फाइनल हो जाएगा. सीटिंग सीट तो मांगेंगे ही, इसके अलावे भी कई सीटों पर दावेदारी है. हमें उम्मीद है कि आरजेडी के साथ तालमेल हो जाएगा और गठबंधन बचा रह जाएगा, चिंता की कोई बात नहीं"- समीर सिंह, विधान पार्षद, कांग्रेस

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वहीं, विधान परिषद की 24 सीटों को लेकर चुनाव आयोग की ओर से भी तैयारी शुरू कर दी गई, जल्द ही वोटर लिस्ट भी जारी हो जाएगा. इस बारे में सभापति अवधेश नारायण सिंह ने भी कहा है कि हमने पत्र बिहार निर्वाचन आयोग को भेजा है और निर्वाचन आयोग ने उसे भारत निर्वाचन आयोग को भेज दिया है. जो जवाब आया है, उसके अनुसार जल्द चुनाव होगा.

"हमने इस बारे में बिहार निर्वाचन आयोग को पत्र भेजा है. निर्वाचन आयोग ने उसे भारत निर्वाचन आयोग को भेज दिया है. जो जवाब आया है, उसके अनुसार जल्द चुनाव होगा"- अवधेश नारायण सिंह, सभापति, बिहार विधान परिषद

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बता दें कि बिहार विधान परिषद की 24 सीट 16 जुलाई 2021 से ही खाली हैं. वैसे तो 4 सीट पहले से ही खाली थे. जिसमें तीन सीट विधानसभा चुनाव में विधायक बनने के कारण खाली हुई थी. वहीं, 16 जुलाई को 20 सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो गया. मनोज कुमार, रीतलाल यादव और दिलीप राय विधानसभा चुनाव में जीते थे और इसके कारण इनकी सीट खाली हुई. जबकि 2 सदस्य हरिनारायण चौधरी और सुनील कुमार सिंह का निधन हो चुका है. शेष 19 सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हुआ, उसमें मनोरमा देवी, रीना यादव, राधाचरण साह संतोष कुमार सिंह, सलमान रागिब, राजन कुमार सिंह, सच्चिदानंद राय, टुन्न जी पांडे, बबलू गुप्ता, दिनेश प्रसाद सिंह, सुबोध कुमार, राजेश राम, दिलीप जायसवाल, संजय प्रसाद, अशोक अग्रवाल, नूतन सिंह, सुमन कुमार, आदित्य नारायण पांडे और रजनीश कुमार शामिल हैं.

विधान परिषद की 24 सीटों में से ज्यादातर बीजेपी के हैं. भोजपुर, सीतामढ़ी-शिवहर, मुंगेर-जमुई-लखीसराय के विधान पार्षद आरजेडी के समर्थन से चुनाव जीते थे, लेकिन जेडीयू में शामिल हो गए और उस पर भी जेडीयू की दावेदारी हो रही है. पटना-जेडीयू,भोजपुर-जेडीयू (आरजेडी से जेडीयू में शामिल), गया-जहानाबाद-अरवल-जेडीयू, नालंदा-जेडीयू, रोहतास-कैमूर-बीजेपी, नवादा- जेडीयू, औरंगाबाद-बीजेपी, सारण-बीजेपी, सिवान-बीजेपी, दरभंगा-बीजेपी, पूर्वी चंपारण-बीजेपी, मुजफ्फरपुर-जेडीयू, वैशाली-आरजेडी, समस्तीपुर-बीजेपी, पश्चिमी चंपारण-कांग्रेस, सीतामढ़ी-शिवहर-जेडीयू (आरजेडी से जेडीयू में शामिल), पूर्णिया-अररिया-किशनगंज-बीजेपी, भागलपुर-बांका- जेडीयू, मुंगेर-जमुई-लखीसराय -जेडीयू (आरजेडी से जेडीयू में शामिल), कटिहार-बीजेपी, सहरसा-मधेपुरा-सुपौल-बीजेपी, मधुबनी-बीजेपी, गोपालगंज-बीजेपी और बेगूसराय-खगड़िया-बीजेपी के खाते में थी.

जेडीयू में हाल ही में विधान परिषद के पूर्व उपसभापति सलीम परवेज भी शामिल हुए हैं. सारण क्षेत्र से इनकी भी दावेदारी है. इसके अलावा भी जेडीयू में कई लोग शामिल हुए हैं, जिसमें सदानंद सिंह के पुत्र शुभानंद भी हैं. वहीं, विधानसभा का चुनाव हारने वाले कई नेता चाहते हैं कि उन्हें भी टिकट मिले. बीजेपी में भी एक दर्जन ऐसे उम्मीदवार हैं, जो एमएलसी का टिकट चाहते हैं और वे पार्टी नेताओं का चक्कर भी लगाने लगे हैं. हालांकि अभी कुछ खुलकर नहीं बोल रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि टिकट मिल जाएगा लेकिन 24 सीटों में जिस प्रकार से मारामारी है, वैसे में टिकट नहीं मिलने पर कई बागी होकर भी चुनाव लड़ेंगे. लिहाजा विधान परिषद की लोकल बॉडी से होने वाले 24 सीटों का चुनाव दिलचस्प होना तय है. वैसे में इसमें सीमित संख्या में वोटर हैं और धनबल का जमकर खेल भी होगा. अभी से उसकी तैयारी भी हो रही है.

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