पटना: केंद्रीय मंत्री (Central Minister) पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) आज पूर्व मुख्यमंत्री (Former CM) जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) के आवास पर पहुंचे. उन्होंने मांझी के साथ वर्तमान समय में बिहार और केंद्र की राजनिति को लेकर चर्चा की. रामविलास पासवान की पुण्यतिथि में आने का न्योता भी दिया.
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आगामी 8 अक्टूबर को पशुपति कुमार पारस के आवास पर पुण्यतिथि का आयोजन होना है. उसमें मांझी को शामिल होने का उन्होंने न्योता दिया है. आपको बता दें कि चिराग पासवान ने भी अपने पिता रामविलास पासवान की दिल्ली में पुण्य तिथि मनाने की बात कही है.
फिलहाल जो हालात है, उसमें उपचुनाव को लेकर चिराग और पशुपति पारस के बीच फिर से तल्खी बढ़ी हुई है. उपचुनाव में चिराग ने जदयू के खिलाफ उम्मीदवार उतारने की बात कही थी. वहीं, चुनाव आयोग ने बंगला चुनाव चिन्ह को फ्रीज किया है.
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चुनाव चिन्ह को फ्रीज करने को लेकर पशुपति पारस ने दावा किया है कि चुनाव आयोग से उन्होंने ही शिकायत की थी. इसके बाद चुनाव चिन्ह को फ्रीज कर दिया गया. अब जल्द ही उपचुनाव को लेकर नामांकन भी होना है. ऐसे में चिराग क्या करेंगे, ये समय बताएगा लेकिन फिलहाल चुनाव चिन्ह को लेकर एक बार फिर से चाचा-भतीजा में तनातनी शुरू हो गयी है.
बता दें कि लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में बंगले (चुनाव चिह्न) पर कब्जे की लड़ाई नये मोड़ पर पहुंच गई है. चुनाव आयोग (Election Commission) ने चुनाव चिह्न 'बंगला' को जब्त कर लिया है. केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) और लोजपा सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) दोनों अभी इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते.
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बताते चलें कि इसी साल जून में लोजपा दो धड़ों में बंट गई थी. पांच सांसदों के साथ रामविलास के छोटे भाई पशुपति कुमार पारस ने अपने आप को एलजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर लिया था. अगल-थलग पड़े चिराग पासवान ने पार्टी पर अपनी दावेदारी जताते हुए निर्वाचन आयोग के समक्ष इसकी शिकायत की थी.
लोजपा में टूट के बाद पशुपति पारस गुट और चिराग गुट के बीच पार्टी और पार्टी के चुनाव चिह्न पर कब्जे की जंग चल रही है. दोनों गुट खुद को असली लोजपा और दूसरे को फर्जी बता रहे हैं. बिहार में मुंगेर जिले के तारापुर और दरभंगा जिले के कुशेश्वरस्थान सीट पर विधानसभा का उपचुनाव होगा. दोनों गुटों ने दोनों सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है. चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि अब दोनों गुटों के चुनाव चिह्न अलग होंगे. दोनों को सिंबल चुनने का मौका दिया जाएगा.
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