पटना: लखीसराय में विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा के साथ दुर्व्यवहार (Misbehavior with Speaker Vijay Sinha in Lakhisarai) मामले को लेकर आज विधानसभा में विपक्षी दलों और बीजेपी के विधायकों ने जमकर हंगामा किया. विपक्ष की ओर से भाई बिरेंद्र, ललित यादव, महबूब आलम सहित सभी दलों के सदस्यों ने कहा कि जब विधानसभा अध्यक्ष के साथ इस तरह की घटना हो रही है और अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. इससे आसानी से समझा जा सकता है कि विधायकों और आम लोगों के साथ क्या हो सकता है.
कार्रवाई नहीं होने से विधायक नाराज: बीजेपी के विधायक हरिभूषण ठाकुर, शैलेंद्र, संजय सरावगी सहित कई सदस्यों ने कहा कि यह गंभीर मामला है. इस मामले में तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए. सरकार की ओर से उप मुख्यमंत्री रेणु देवी ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री इस मामले में सरकार की तरफ से जवाब देंगे कि डीजीपी ने क्या कार्रवाई की है लेकिन हंगामा कर रहे सदस्य नहीं माने. विजय सिन्हा भी लगातार कहते रहे कि जब तक संसदीय कार्य मंत्री नहीं आ जाते हैं, तब तक प्रश्नकाल चलने दें लेकिन विपक्षी सदस्य वेल में पहुंचकर लगातार नारेबाजी करते रहे. उन्होंने सरकार पर पूरे मामले की लीपापोती करने का आरोप लगाया. हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही विधानसभा अध्यक्ष ने स्थगित कर दी.
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डीजीपी ने मांगा था 15 दिन का वक्त: असल में सरस्वती पूजा के दौरान लखीसराय में विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा के साथ डीएसपी और थाना प्रभारी ने दुर्व्यवहार किया था. उस मामले पर विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्य सचिव और डीजीपी के साथ बैठक भी की थी. डीजीपी ने 15 दिन का समय मांगा था. पहले भी विधानसभा में इस मामले को लेकर खूब हंगामा हो चुका है. कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में विधानसभा अध्यक्ष ने डीएसपी और थाना प्रभारी को अपने प्रभार वाले क्षेत्र से हटाने का निर्देश भी दिया लेकिन उस पर भी अमल नहीं हुआ. इसी को लेकर सदस्यों में काफी नाराजगी है. सदस्य चाहते हैं सरकार ऐसे अधिकारियों पर तुरंत कार्रवाई करे.
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