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जहरीली शराब क्यों कर देती है आंखें खराब, क्या लौट सकती है रोशनी... जानिए विशेषज्ञों की राय - methyl alcohol

छपरा में जहरीली शराब (poisonous alcohol in Chapra) पीने से 11 लोगों की मौत हो गई और 30 से अधिक लोगों की आंखों की रोशनी खत्म हो गई है. आखिर जहरीली शराब से क्यों आंखों की रोशनी चली जाती है, पढ़ें ये खास रिपोर्ट...

जहरीली शराब का आंखों पर असर
जहरीली शराब का आंखों पर असर
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Published : Aug 6, 2022, 8:36 AM IST

पटना: बिहार के छपरा में जहरीली शराब का कहर 11 लोगों पर मौत बनकर टूटा. साथ ही इससे 30 से अधिक लोगों के आंखों की रोशनी खत्म हो गई है. कुछ लोग ऐसे हैं, जिनकी आंखों की रोशनी पूरी तरह से खत्म हो गई तो कुछ लोग ऐसे हैं जिनकी रोशनी थोड़ी बहुत ही बची है. जहरीली शराब से मौत पर विशेषज्ञों की राय (Opinion of expert on death due to poisonous liquor) को समझना जरूरी हो जाता है. डॉ. धर्मेंद्र कुमार कहते हैं कि जिन लोगों की आंखों की रोशनी जहरीली शराब पीने की वजह से चली गई है, उनकी रोशनी दोबारा से वापस नहीं आ सकती लेकिन चिकित्सकों की मदद और बेहतरीन इलाज से रोशनी थोड़ी साफ हो सकती है.

ये भी पढ़ेः सारण जहरीली शराबकांड: अस्पताल में लगा था प्रशासनिक जमघट और शख्स दे रहा था 'सिस्टम को चैलेंज'

मेथेनॉल से खत्म हाेती है रोशनी: पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. धर्मेंद्र कुमार बताते हैं कि जो जहरीली शराब होती है, उसमें मिथाइल अल्कोहल (methyl alcohol) यानी कि मेथेनॉल की मात्रा 90% से अधिक हो जाती है. मेथेनॉल की अत्यधिक मात्रा शरीर के नर्वस सिस्टम को ब्रेक डाउन करता है और इसका सबसे पहला असर आंखों पर देखने को मिलता है. आंखों की रोशनी कमजोर होने लगती है और कई मामलों में आंखों की रोशनी पूरी तरह से चली जाती है.

कई और अंग हाेते जाते हैं खराबः डॉ. धर्मेंद्र बताते हैं कि मेथेनॉल आंखों के बाद शरीर के अन्य ऑर्गन को डैमेज करना शुरू करता है. उन्होंने बताया कि आंखों के खराब होने बाद लीवर फेल्योर, किडनी फेल्योर, हार्ट ब्लॉकेज, लंग्स फेल्योर जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं. डॉ धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि आंखों की खराब होती रोशनी सबसे पहले समझ में और ध्यान में आ जाती है इस वजह से लगता है कि असर सिर्फ आंखों पर ही हुआ है, लेकिन जहरीली शराब शरीर के कई अंगों को डैमेज करता है.

''काफी संख्या में ऐसे लोग हैं जो आंखों के खराब होने के बावजूद घर में छुप कर बैठे हुए हैं, लेकिन ऐसे लोगों के लिए जरूरी है कि जब जहरीली शराब पी ली है तो अविलंब चिकित्सक के पास जाएं, ताकि चिकित्सक शरीर की पूरी जांच करके पता कर सके कि शरीर में कौन-कौन से ऑर्गन डैमेज हो रहे हैं और तुरंत उस पर प्रभावी इलाज शुरू करें'' -डॉ. धर्मेंद्र, वरिष्ठ चिकित्सक

दोबारा नहीं आ सकती आंखों की रोशनीः डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि जिन लोगों की आंखों की रोशनी जहरीली शराब पीने की वजह से चली गई है, उनकी रोशनी दोबारा से वापस नहीं आ सकती, लेकिन चिकित्सकों की मदद और बेहतरीन इलाज से रोशनी थोड़ी साफ हो सकती है और स्टेबल हो सकती है. उन्होंने कहा कि वह लोगों से अपील करेंगे कि यदि गलत शराब पी है तो पुलिस के डर से अस्पताल नहीं जाने से खतरा है, इसलिए अविलंब अस्पताल पहुंचे. क्योंकि प्रशासन को जो कार्रवाई करना है, वह करेगा मगर व्यक्ति की जान तो बचाई जा सकेगी. साथ ही बिहार एक ड्राई स्टेट है, ऐसे में लोगों को शराब का सेवन नहीं करना चाहिए.

ये भी पढ़ेः सारण जहरीली शराबकांड में मौत पर बड़ी लापरवाही, बिना पोस्टमार्टम किए एक शव जलाया

पटना: बिहार के छपरा में जहरीली शराब का कहर 11 लोगों पर मौत बनकर टूटा. साथ ही इससे 30 से अधिक लोगों के आंखों की रोशनी खत्म हो गई है. कुछ लोग ऐसे हैं, जिनकी आंखों की रोशनी पूरी तरह से खत्म हो गई तो कुछ लोग ऐसे हैं जिनकी रोशनी थोड़ी बहुत ही बची है. जहरीली शराब से मौत पर विशेषज्ञों की राय (Opinion of expert on death due to poisonous liquor) को समझना जरूरी हो जाता है. डॉ. धर्मेंद्र कुमार कहते हैं कि जिन लोगों की आंखों की रोशनी जहरीली शराब पीने की वजह से चली गई है, उनकी रोशनी दोबारा से वापस नहीं आ सकती लेकिन चिकित्सकों की मदद और बेहतरीन इलाज से रोशनी थोड़ी साफ हो सकती है.

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मेथेनॉल से खत्म हाेती है रोशनी: पटना के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. धर्मेंद्र कुमार बताते हैं कि जो जहरीली शराब होती है, उसमें मिथाइल अल्कोहल (methyl alcohol) यानी कि मेथेनॉल की मात्रा 90% से अधिक हो जाती है. मेथेनॉल की अत्यधिक मात्रा शरीर के नर्वस सिस्टम को ब्रेक डाउन करता है और इसका सबसे पहला असर आंखों पर देखने को मिलता है. आंखों की रोशनी कमजोर होने लगती है और कई मामलों में आंखों की रोशनी पूरी तरह से चली जाती है.

कई और अंग हाेते जाते हैं खराबः डॉ. धर्मेंद्र बताते हैं कि मेथेनॉल आंखों के बाद शरीर के अन्य ऑर्गन को डैमेज करना शुरू करता है. उन्होंने बताया कि आंखों के खराब होने बाद लीवर फेल्योर, किडनी फेल्योर, हार्ट ब्लॉकेज, लंग्स फेल्योर जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं. डॉ धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि आंखों की खराब होती रोशनी सबसे पहले समझ में और ध्यान में आ जाती है इस वजह से लगता है कि असर सिर्फ आंखों पर ही हुआ है, लेकिन जहरीली शराब शरीर के कई अंगों को डैमेज करता है.

''काफी संख्या में ऐसे लोग हैं जो आंखों के खराब होने के बावजूद घर में छुप कर बैठे हुए हैं, लेकिन ऐसे लोगों के लिए जरूरी है कि जब जहरीली शराब पी ली है तो अविलंब चिकित्सक के पास जाएं, ताकि चिकित्सक शरीर की पूरी जांच करके पता कर सके कि शरीर में कौन-कौन से ऑर्गन डैमेज हो रहे हैं और तुरंत उस पर प्रभावी इलाज शुरू करें'' -डॉ. धर्मेंद्र, वरिष्ठ चिकित्सक

दोबारा नहीं आ सकती आंखों की रोशनीः डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि जिन लोगों की आंखों की रोशनी जहरीली शराब पीने की वजह से चली गई है, उनकी रोशनी दोबारा से वापस नहीं आ सकती, लेकिन चिकित्सकों की मदद और बेहतरीन इलाज से रोशनी थोड़ी साफ हो सकती है और स्टेबल हो सकती है. उन्होंने कहा कि वह लोगों से अपील करेंगे कि यदि गलत शराब पी है तो पुलिस के डर से अस्पताल नहीं जाने से खतरा है, इसलिए अविलंब अस्पताल पहुंचे. क्योंकि प्रशासन को जो कार्रवाई करना है, वह करेगा मगर व्यक्ति की जान तो बचाई जा सकेगी. साथ ही बिहार एक ड्राई स्टेट है, ऐसे में लोगों को शराब का सेवन नहीं करना चाहिए.

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