पटना : पुरानी पेंशन योजना लागू करने का मुद्दा एक बार फिर से विधानसभा में (Old Pension scheme matter raised in Bihar Assembly) उठा. आरजेडी विधायक आलोक मेहता ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने को लेकर विधानसभा में प्रश्न उठाया. इसका जवाब उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तार किशोर प्रसाद ने दिया. उन्होंने साफ कर दिया कि फिलहाल ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है.
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विधानसभा में क्या बोले आलोक मेहता और तारकिशोर प्रसाद : आलोक मेहता के सवाल पर उप मुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद (Dy CM Tarkishor Prasad) ने कहा कि देश के किसी भी राज्य में पुरानी पेशन स्कीम को लागू नहीं किया गया है. आलोक मेहता ने राजस्थान के नाम का जिक्र किया. साथ ही उत्तर प्रदेश चुनाव में उठे इस मुद्दे पर भी सरकार का ध्यान आकृष्ट किया. इसपर तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि 1-9-2005 से पुरानी पेंशन स्कीम की जगह नई पेंशन स्कीम लागू है. सरकार का कोई प्रस्ताव पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने की नहीं है.
पहले भी उठ चुका है मुद्दा : दरअसल, राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जब से राज्य कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की घोषणा की है, उसके बाद से ही बिहार समेत सभी राज्यों से यह मांग उठने लगी है. बिहार में पुरानी पेंशन योजना लागू (Old Pension scheme in Bihar) होनी चाहिए. इस मांग को लेकर राष्ट्रीय जनता दल ने पहले भी कहा था कि वह सदन में सरकार से इस बात की मांग करेंगे कि बिहार के कर्मचारियों के लिए भी पुरानी पेंशन सरकार को लागू करनी चाहिए. इधर भाजपा ने कहा है कि इसमें बहुत ज्यादा बेचैनी की जरूरत नहीं है. सरकार समय आने पर सही निर्णय लेगी.
आपको बता दें कि 1 जनवरी 2004 या इसके बाद नियुक्त हुए कार्यों के लिए सरकार ने नई पेंशन योजना लागू की थी. नई पेंशन सिस्टम में कर्मचारी को भी खुद ईपीएफ में पैसा कटवाना होता है. जबकि पुरानी पेंशन बहाल होने से वेतन का आधा पेंशन रिटायरमेंट के बाद मिलेगा. पुरानी पेंशन स्कीम में जीपीएफ की सुविधा थी और पेंशन के लिए वेतन से कटौती नहीं होती थी.
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पुरानी पेंशन स्कीम में क्या था : पुरानी पेंशन स्कीम के तहत रिटायरमेंट पर निश्चित पेंशन यानी अंतिम वेतन का 50% निश्चित तौर पर कर्मचारी को मिलता था और पूरा पेंशन सरकार देती थी. रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी यानी अंतिम वेतन के अनुसार 16.5 माह का वेतन भी कर्मचारी को मिलता था. सेवाकाल में मौत होने पर डेथ ग्रेच्युटी की सुविधा मिलती थी. सेवाकाल में मौत होने पर कर्मचारी के आश्रित को पारिवारिक पेंशन और नौकरी मिलती थी. हर 6 महीने के बाद महंगाई भत्ता और जीपीएफ से लोन लेने की सुविधा भी पुरानी पेंशन योजना में शामिल थी.
नई पेंशन स्कीम में क्या है : 1 जनवरी 2004 से लागू नई पेंशन स्कीम की बात करें तो इसमें कर्मचारियों को ईपीएफ में अपने वेतन से प्रतिमाह 10 से 12 फीसदी की कटौती करनी होती है. जीपीएस की सुविधा भी नई पेंशन स्कीम में उपलब्ध नहीं है. इसमें निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं है. नई पेंशन का पूरा कार्यभार बीमा कंपनी को दिया गया है, जो पूरी तरह शेयर बाजार पर निर्भर है. रिटायरमेंट के बाद मेडिकल भत्ता बंद हो जाता है. मेडिकल बिल की प्रतिपूर्ति भी नहीं होती. इसमें पारिवारिक पेंशन की सुविधा उपलब्ध नहीं है और ना ही कोई लोन की सुविधा उपलब्ध है.
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