नयी दिल्ली: बिहार के मुंगेर जिले में बिना अनिवार्य पंजीकरण के बड़ी संख्या में अस्पतालों के चलने (Hospitals Running Without Registration in Munger) को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार के मुख्य सचिव, बिहार सरकार, केद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय तथा नेशनल मेडिकल कमीशन (National Medical Commission) के चेयरमैन को (NHRC notice to Bihar government) नोटिस जारी किया है. राज्य सरकार द्वारा 2013 में पारित विशिष्ट कानून के बावजूद मुंगेर जिले में बड़ी संख्या में अस्पतालों के बिना किसी पंजीकरण के अवैध रूप से चलने से संबंधित मीडिया की खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए आयोग ने मामले में विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है.
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40 निजी अस्पतालों में से केवल चार पंजीकृत: इसमें कहा गया है कि जिले में चल रहे 40 निजी अस्पतालों में से केवल चार ही कथित तौर पर कानूनी रूप से पंजीकृत हैं. यह सूचना कथित तौर पर एक आरटीआई (सूचना का अधिकार) कार्यकर्ता द्वारा प्राप्त की गई थी. मानवाधिकार आयोग ने कहा कि यदि मीडिया में आई खबरें सही हैं तो यह मामला मानवाधिकारों का उल्लंघन है. आयोग ने कहा कि उसने बिहार सरकार के मुख्य सचिव, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के अध्यक्ष को नोटिस जारी किया है.
चार सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट तलब: आयोग ने क्षेत्र में अवैध रूप से चल रहे अस्पतालों के खिलाफ उठाए गए व प्रस्तावित कदमों सहित विस्तृत रिपोर्ट चार सप्ताह के भीतर देने को कहा है. बिहार क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट (पंजीकरण और विनियमन अधिनियम, 2013) के प्रावधानों के अनुसार स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं का पंजीकरण अनिवार्य है. इसका उल्लंघन करने वालों को जुर्माना भरना पड़ता है.
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