पटना: बिहार में कोरोना वैक्सीन की निडिल फ्री पेनलेस वैक्सीनेशन (Needle Free Corona Vaccine in Bihar) बंद हो गया है. प्रदेश में इसकी शुरुआत 1 सप्ताह पूर्व 4 फरवरी को की गई थी. शुरुआती चरण में प्रदेश के 5 जिले पटना, भागलपुर, जमुई, मुजफ्फरपुर और मधुबनी में शुरुआत हुई. इन 5 जिलों के 15 केंद्रों पर डेढ लाख निडिल फ्री वैक्सीन का डोज उपलब्ध कराया गया. राजधानी पटना के तीनों 24*7 वैक्सीनेशन सेंटर पर नीडल फ्री वैक्सीनेशन शुरू हुआ लेकिन निडिल फ्री वैक्सीनेशन शुरू होने के अगले दिन ही 5 फरवरी से प्रदेश में निडिल फ्री वैक्सीन का वैक्सीनेशन बंद कर दिया गया.
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निडिल फ्री वैक्सीनेशन बंद होने की वजह यह रही कि लोगों का रिस्पांस काफी कम दिखा. पटना जिले में मात्र तीन लोगों को ही निडिल फ्री वैक्सीन का वैक्सीनेशन हुआ और वैक्सीन का 7 डोज बर्बाद हो गया. प्रदेश में निडिल फ्री वैक्सीनेशन बंद होने के पीछे कई कारण है. स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बिना किसी प्रॉपर प्लानिंग के प्रदेश में निडिल फ्री वैक्सीनेशन की शुरुआत कर दी गई. प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक उम्र के 99.9% लोगों को फर्स्ट डोज का वैक्सीनेशन हो गया है.
निडिल फ्री वैक्सीन के वैक्सीनेशन की अनुमति ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (Drug Controller General of India) ने अभी सिर्फ 18 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों के लिए ही दी है. ऐसे में जिस ग्रुप के लिए नीडल फ्री वैक्सीन की शुरुआत की गई उसमें से लगभग सभी कोरोना टीका के पहली डोज से वैक्सीनेटेड पूर्व से ही हो चुके हैं. बिहार में निडिल फ्री वैक्सीन के पहले दिन के वैक्सीनेशन में 20 से भी कम लोगों ने इस वैक्सीन का टीका लिया. पटना जिले में मात्र 3 लोगों को ही निडिल फ्री वैक्सीन का वैक्सीनेशन हुआ. ऐसे में पहले दिन काफी मात्रा में जायडस कैडिला कि जायकोविड निडिल फ्री पेनलेस वैक्सीन (ZyCoVD Needle Free Painless Vaccine) की डोज बर्बाद हुई. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अगले आदेश तक जायकोविड निडिल फ्री वैक्सीन का वैक्सीनेशन बंद कर दिया गया है.
निडिल फ्री वैक्सीन के वैक्सीनेशन में भी काफी समस्याएं आई. राजधानी पटना में पहले दिन तीन वैक्सीनेशन के बाद ही वैक्सीन का इंजेक्टर खराब हो गया. स्वास्थ्य कर्मियों को काफी परेशानियां भी आईं. जायकोविड निडिल फ्री वैक्सीन का सफल ट्रायल 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों पर भी किया जा चुका है. डीसीजीआई ने 18 वर्ष से अधिक वालों के लिए ही अभी अनुमति दी है. स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों से मिली अनाधिकृत जानकारी के मुताबिक प्रदेश में जल्द ही आने वाले दिनों में 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को कोरोना वैक्सीनेशन के दायरे में लाया जाएगा.
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया इस वैक्सीन के 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए मंजूरी दे सकता है. इसी समय इस वैक्सीन का वैक्सीनेशन फिर से शुरू किया जा सकता है. स्वास्थ विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यह वैक्सीन रूम टेंपरेचर में भी सुरक्षित रह सकता है. केंद्र से जो वैक्सीन के डोज उपलब्ध हुए हैं. वह अभी लंबे समय तक बर्बाद नहीं होंगे. बता दें कि बिहार में कोरोना वैक्सीन के निडिल फ्री पेनलेस वैक्सीनेशन की पिछले शुक्रवार से शुरुआत (Needle Free Vaccination Start In Patna) की गई थी. शुरुआती चरण में प्रदेश के 5 जिले पटना, भागलपुर, जमुई, मुजफ्फरपुर और मधुबनी में इसको शुरू किया गया.
पहले दिन प्रदेश के 15 केंद्रों पर निडिल फ्री वैक्सीनेशन हुआ. पटना में निडिल फ्री जायकोव-डी वैक्सीन (Needle Free ZyCoV D Vaccine) का पहला टीका राशिद हुसैन ने लिया था. निडिल फ्री जायकोव डी वैक्सीन की तीन डोज लोगों को लगाया जाता है. हर बार में लोगों के दोनों हाथ के कंधे पर 0.1 एम एल वैक्सीन का डोज दिया जाता है. यह पूरी तरह दर्द रहित है. यह वैक्सीन रूम टेंपरेचर में भी सुरक्षित रहता है और वायल खुलने के बाद 4 घंटे तक इसे कंप्लीट करना होता है. 2ml का एक वायल है और एक वायल से 10 व्यक्ति को टीका दिया जा सकता है.
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