पटना: लद्दाख में हुए सड़क हादसे (Ladakh Army Bus River Accident) में सेना के सात जवान शहीद हो गये थे. सात जवानों में से एक जवान पटना जिला के पालीगंज अनुमंडल क्षेत्र के परियो गांव निवासी लाल उर्फ ललन यादव के सबसे छोटे पुत्र रामानुज यादव थे. रविवार को लद्दाख से उनका पार्थिव शरीर (Mortal Remains of Martyred Jawan Ramanuj Yadav) पटना एयरपोर्ट पहुंचा. वहां से शहीद रामानुज यादव का पार्थिव शरीर सेना के वाहने से उनके पैतृक गांव पटना जिले के पालीगंज अनुमंडल क्षेत्र के परियो लाया गया. वहां पर शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए हजारों लोगों हुजूम उमड़ पड़ा था. लोगों ने नम आंखों से जवान को श्रद्धांजलि दी.
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सेना के जवानों ने दिया गार्ड ऑफ ऑनर: उससे पहले पटना एयरपोर्ट के अधिकारियों के साथ-साथ राज्य के पुलिस महानिदेशक, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ, सांसद रामकृपाल यादव के साथ कई अन्य गणमान्य लोगों ने शहीद जवान के पार्थिव शरीर पर श्रद्धांजलि अर्पित की. शहीद जवान राम अनुज यादव का पार्थिव शरीर विशेष विमान से पटना एयरपोर्ट पहुंचा.
जहां स्टेट हैंगर में शहीद जवान के पार्थिव शरीर को सबसे पहले सेना के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया. जिसके बाद उसके पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि कर श्रद्धांजलि अर्पित की गयी. इसके बाद बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव ने भी शहीद जवान को श्रद्धांजलि दी और कंधा देखकर पटना एयरपोर्ट से रवाना किया. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग शहीद जवान अमर रहे के नारे लगाते नजर आए.
शहीद को दी गई श्रद्धांजलि: शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए सांसद रामकृपाल यादव ने कहा है की राम अनुज यादव की शहादत बेकार नहीं जाएगी. उन्होंने कहा कि राम अनुज यादव किसी परिवार के नहीं बल्कि पूरे देश के थे. पूरे देश को वे परिवार के रूप में अपनी सेवा दे रहे थे. भगवान इस मुश्किल घड़ी में उनके परिवार को ढाढस बंधाए.
रामकृपाल यादव ने दी श्रद्धांजलि: सांसद रामकृपाल यादव ने बताया कि राम अनुज काफी गरीब परिवार से आते थे और परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बावजूद उन्होंने अपनी सेवा सेना में दी और आज वे शहीद हो गए. ईश्वर उनके परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति दें. वहीं, दूसरी ओर रामकृपाल यादव ने बताया की शाहिद जवान के पार्थिव शरीर को उनके गांव अंत्येष्टि के लिए पालीगंज भेजा गया है. जहां राजकीय सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि होगी.
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