ETV Bharat / city

मोकामा विधानसभा उपचुनावः बाहुबलियों की पत्नियों ने मुकाबले को बनाया दिलचस्प

बिहार में मोकामा और गोपालगंज विधानसभा उपचुनाव 3 नवंबर को होना है. मोकामा के चुनाव में दो बाहुबली सूरजभान और अनंत सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. अनंत सिंह के साथ महागठबंधन खेमा है तो सूरज भान बीजेपी खेमा के साथ हैं. सूरजभान के भाई चंदन सिंह फिलहाल नवादा से सांसद हैं और पारस गुट में हैं. यह भी देखना दिलचस्प होगा क्योंकि अनंत सिंह के साथ नीतीश कुमार के पिछले दिनों 36 के आंकड़े हो गए थे, ऐसे में उनकी पत्नी के लिए नीतीश प्रचार करने जाते हैं की नहीं.

मोकामा विधानसभा
मोकामा विधानसभा
author img

By

Published : Oct 12, 2022, 9:03 PM IST

पटना: बिहार में बाहुबलियों के चुनाव में जोर आजमाइश का लंबा इतिहास रहा है. सभी राजनीतिक दल ऐसे बाहुबली पर भरोसा करते हैं. किन्ही वजहों से बाहुबली काे मैदान में उतारने में दिक्कत होती है तो उनकी पत्नी या रिश्तेदार पर पर भरोसा जताते हैं. मोकामा विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव इन्हीं वजहों से दिलचस्प बन गया है. आरजेडी और बीजेपी दोनों ने अपने उम्मीदवार के नामों की घोषणा कर दी है. बीजेपी और आरजेडी दोनों ने बाहुबलियों की पत्नी को चुनाव मैदान में उतारा है. इसलिए मोकामा सीट चर्चा में है. दोनों तरफ से जीत के दावे किये जा रहे हैं.

इसे भी पढ़ेंः 'मोकामा में कमल नहीं खिलेगा, अनंत सिंह ने 17 साल में सब साफ कर दिया'

नीतीश से खटपट के बाद आरजेडी पाले मेंः आरजेडी विधायक अनंत सिंह को कोर्ट से सजा मिलने के बाद उनकी सदस्यता समाप्त होने के कारण यह सीट खाली हुआ है. इसलिए आरजेडी ने अनंत सिंह की पत्नी को मौका दिया है. अनंत सिंह की पत्नी 2019 में मुंगेर से लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुकी हैं. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने उन्हें हराया था. अब नीतीश कुमार महागठबंधन में हैं, ऐसे में यह भी देखना दिलचस्प होगा कि नीतीश कुमार चुनाव प्रचार में जाते हैं कि नहीं. अनंत सिंह जदयू से भी विधायक चुने जाते रहे हैं, लेकिन नीतीश कुमार से खटपट होने के बाद आरजेडी पाले में चले गए. 2020 विधानसभा चुनाव में आरजेडी के टिकट पर चुनाव जीते थे.


मोकामा में विकास किये जाने का दावाः आरजेडी की उम्मीदवार और अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी का कहना है आनंद सिंह ने मोकामा में विकास के बहुत कार्य किए हैं, इसलिए उनकी जीत पक्की है. नीलम देवी ने यह भी कहा कि मोकामा में कीचड़ नहीं है, इसलिए कमल खिलने का सवाल ही नहीं है. जीत का दावा करते हुए नीलम देवी ने कहा कि किसी तरह की कोई चुनौती नहीं है. महागठबंधन ने एकजुटता दिखाते हुए सर्वसम्मति से नीलम देवी के नाम की घोषणा की है. नीलम देवी प्रचार में पूरी ताकत भी लगा दी है.

"आनंद सिंह ने मोकामा में विकास के बहुत कार्य किए हैं, इसलिए जीत पक्की है. मोकामा में कीचड़ नहीं है, इसलिए कमल खिलने का सवाल ही नहीं है. किसी तरह की कोई चुनौती नहीं है"- नीलम देवी, उम्मीदवार आरजेडी

इसे भी पढ़ेंः बिहार में उपचुनाव: गोपालगंज-मोकामा में नीतीश तेजस्वी का पहला लिटमस टेस्ट


मोकामा में कमल खिलाने का दावाः बीजेपी के उम्मीदवार और ललन सिंह की पत्नी सोनम देवी का कहना है मोकामा में इस बार कमल ही खिलेगा. ललन सिंह जदयू से चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन अनंत सिंह से उन्हें हार मिली थी. इस बार बीजेपी में शामिल हो गए हैं और उनकी पत्नी को बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी ने भी चुनाव प्रचार में पूरी ताकत लगा दी है. ललन सिंह पूर्व सांसद सूरजभान के नजदीकी हैं. हालांकि सूरजभान ने उपचुनाव को लेकर कुछ भी बोलने से मना कर दिया है. सूरजभान ने कहा कि हम 14 अक्टूबर को नॉमिनेशन के बाद ही बोलेंगे.

नीतीश के चुनाव प्रचार में जाने पर सस्पेंसः नीतीश कुमार से खटपट होने के बाद अनंत सिंह आरजेडी के टिकट पर मोकामा से चुनाव लड़े थे और विधायक बने. अब नीतीश कुमार महागठबंधन में शामिल हो गए हैं, इसलिए जदयू नेताओं के सुर भी बदल चुके हैं. जदयू प्रवक्ता अरविंद सिंह, नीलम देवी का बचाव कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जदयू के नेता क्यों नहीं मोकामा प्रचार में जाएंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनाव प्रचार में जाएंगे कि नहीं इस पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है. जदयू के नेता फिलहाल इस पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं और कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री सचिवालय ही इस बारे में जानकारी देगा.

इसे भी पढ़ेंः 'कमल को खिलने से कोई नहीं रोक सकता है', अनंत सिंह की पत्नी को BJP का करारा जवाब

बाहुबलियों के पत्नियों ने दिखाया दमखमः बिहार की राजनीति में कई बाहुबलियों की पत्नियां महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. इनमें आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद, पप्पू यादव की पत्नी रंजीता रंजन, शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब, सूरजभान की पत्नी वीणा देवी, अजय सिंह की पत्नी कविता सिंह, राजबल्लभ यादव की पत्नी विभा देवी, रणवीर यादव की पत्नी पूनम यादव, मुन्ना शुक्ला की पत्नी अनु शुक्ला, अवधेश मंडल की पत्नी बीमा भारती, घुटन सिंह की पत्नी लेसी सिंह और बिंदी यादव की पत्नी मनोरमा देवी का नाम शामिल है.


चुनाव लड़ने योग्य नहीं रहे तो पत्नी की इंट्रीः इसमें से कुछ सांसद रह चुकी हैं कुछ अभी भी विधायक हैं. लेसी सिंह तो मंत्री हैं. उनके पति की हत्या हुई थी उसके बाद राजनीति में एंट्री मारी थी. शहाबुद्दीन के जेल जाने के बाद उनकी पत्नी हिना शहाब का राजनीति में इंट्री हुआ था. इसी तरह आनंद मोहन, सूरजभान, अनंत सिंह, अवधेश मंडल सरीखे बाहुबलियों की पत्नियां तब राजनीति में सक्रिय हुई जब कोर्ट ने सजा सुना दिया और चुनाव लड़ने के योग्य नहीं रह गए. पप्पू यादव की पत्नी रंजीता रंजन जरूर अपनी अलग राजनीतिक दबदबा बनाकर रखी हैं. पप्पू यादव से इतर वे कांग्रेस पार्टी से जुड़ीं हैं, फिलहाल सांसद हैं.


"नीलम देवी पहले भी चुनाव लड़ चुकी हैं. उनके पति किसी कारण से चुनाव नहीं लड़ पा रहे हैं. नीलम देवी काे महागठबंधन की ओर से उम्मीदवार बनाया गया है तो प्रचार में क्यों नहीं जाएंगे"-अरविंद निषाद, प्रवक्ता, जदयू


पटना: बिहार में बाहुबलियों के चुनाव में जोर आजमाइश का लंबा इतिहास रहा है. सभी राजनीतिक दल ऐसे बाहुबली पर भरोसा करते हैं. किन्ही वजहों से बाहुबली काे मैदान में उतारने में दिक्कत होती है तो उनकी पत्नी या रिश्तेदार पर पर भरोसा जताते हैं. मोकामा विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव इन्हीं वजहों से दिलचस्प बन गया है. आरजेडी और बीजेपी दोनों ने अपने उम्मीदवार के नामों की घोषणा कर दी है. बीजेपी और आरजेडी दोनों ने बाहुबलियों की पत्नी को चुनाव मैदान में उतारा है. इसलिए मोकामा सीट चर्चा में है. दोनों तरफ से जीत के दावे किये जा रहे हैं.

इसे भी पढ़ेंः 'मोकामा में कमल नहीं खिलेगा, अनंत सिंह ने 17 साल में सब साफ कर दिया'

नीतीश से खटपट के बाद आरजेडी पाले मेंः आरजेडी विधायक अनंत सिंह को कोर्ट से सजा मिलने के बाद उनकी सदस्यता समाप्त होने के कारण यह सीट खाली हुआ है. इसलिए आरजेडी ने अनंत सिंह की पत्नी को मौका दिया है. अनंत सिंह की पत्नी 2019 में मुंगेर से लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुकी हैं. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने उन्हें हराया था. अब नीतीश कुमार महागठबंधन में हैं, ऐसे में यह भी देखना दिलचस्प होगा कि नीतीश कुमार चुनाव प्रचार में जाते हैं कि नहीं. अनंत सिंह जदयू से भी विधायक चुने जाते रहे हैं, लेकिन नीतीश कुमार से खटपट होने के बाद आरजेडी पाले में चले गए. 2020 विधानसभा चुनाव में आरजेडी के टिकट पर चुनाव जीते थे.


मोकामा में विकास किये जाने का दावाः आरजेडी की उम्मीदवार और अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी का कहना है आनंद सिंह ने मोकामा में विकास के बहुत कार्य किए हैं, इसलिए उनकी जीत पक्की है. नीलम देवी ने यह भी कहा कि मोकामा में कीचड़ नहीं है, इसलिए कमल खिलने का सवाल ही नहीं है. जीत का दावा करते हुए नीलम देवी ने कहा कि किसी तरह की कोई चुनौती नहीं है. महागठबंधन ने एकजुटता दिखाते हुए सर्वसम्मति से नीलम देवी के नाम की घोषणा की है. नीलम देवी प्रचार में पूरी ताकत भी लगा दी है.

"आनंद सिंह ने मोकामा में विकास के बहुत कार्य किए हैं, इसलिए जीत पक्की है. मोकामा में कीचड़ नहीं है, इसलिए कमल खिलने का सवाल ही नहीं है. किसी तरह की कोई चुनौती नहीं है"- नीलम देवी, उम्मीदवार आरजेडी

इसे भी पढ़ेंः बिहार में उपचुनाव: गोपालगंज-मोकामा में नीतीश तेजस्वी का पहला लिटमस टेस्ट


मोकामा में कमल खिलाने का दावाः बीजेपी के उम्मीदवार और ललन सिंह की पत्नी सोनम देवी का कहना है मोकामा में इस बार कमल ही खिलेगा. ललन सिंह जदयू से चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन अनंत सिंह से उन्हें हार मिली थी. इस बार बीजेपी में शामिल हो गए हैं और उनकी पत्नी को बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया है. बीजेपी ने भी चुनाव प्रचार में पूरी ताकत लगा दी है. ललन सिंह पूर्व सांसद सूरजभान के नजदीकी हैं. हालांकि सूरजभान ने उपचुनाव को लेकर कुछ भी बोलने से मना कर दिया है. सूरजभान ने कहा कि हम 14 अक्टूबर को नॉमिनेशन के बाद ही बोलेंगे.

नीतीश के चुनाव प्रचार में जाने पर सस्पेंसः नीतीश कुमार से खटपट होने के बाद अनंत सिंह आरजेडी के टिकट पर मोकामा से चुनाव लड़े थे और विधायक बने. अब नीतीश कुमार महागठबंधन में शामिल हो गए हैं, इसलिए जदयू नेताओं के सुर भी बदल चुके हैं. जदयू प्रवक्ता अरविंद सिंह, नीलम देवी का बचाव कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जदयू के नेता क्यों नहीं मोकामा प्रचार में जाएंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनाव प्रचार में जाएंगे कि नहीं इस पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है. जदयू के नेता फिलहाल इस पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं और कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री सचिवालय ही इस बारे में जानकारी देगा.

इसे भी पढ़ेंः 'कमल को खिलने से कोई नहीं रोक सकता है', अनंत सिंह की पत्नी को BJP का करारा जवाब

बाहुबलियों के पत्नियों ने दिखाया दमखमः बिहार की राजनीति में कई बाहुबलियों की पत्नियां महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. इनमें आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद, पप्पू यादव की पत्नी रंजीता रंजन, शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब, सूरजभान की पत्नी वीणा देवी, अजय सिंह की पत्नी कविता सिंह, राजबल्लभ यादव की पत्नी विभा देवी, रणवीर यादव की पत्नी पूनम यादव, मुन्ना शुक्ला की पत्नी अनु शुक्ला, अवधेश मंडल की पत्नी बीमा भारती, घुटन सिंह की पत्नी लेसी सिंह और बिंदी यादव की पत्नी मनोरमा देवी का नाम शामिल है.


चुनाव लड़ने योग्य नहीं रहे तो पत्नी की इंट्रीः इसमें से कुछ सांसद रह चुकी हैं कुछ अभी भी विधायक हैं. लेसी सिंह तो मंत्री हैं. उनके पति की हत्या हुई थी उसके बाद राजनीति में एंट्री मारी थी. शहाबुद्दीन के जेल जाने के बाद उनकी पत्नी हिना शहाब का राजनीति में इंट्री हुआ था. इसी तरह आनंद मोहन, सूरजभान, अनंत सिंह, अवधेश मंडल सरीखे बाहुबलियों की पत्नियां तब राजनीति में सक्रिय हुई जब कोर्ट ने सजा सुना दिया और चुनाव लड़ने के योग्य नहीं रह गए. पप्पू यादव की पत्नी रंजीता रंजन जरूर अपनी अलग राजनीतिक दबदबा बनाकर रखी हैं. पप्पू यादव से इतर वे कांग्रेस पार्टी से जुड़ीं हैं, फिलहाल सांसद हैं.


"नीलम देवी पहले भी चुनाव लड़ चुकी हैं. उनके पति किसी कारण से चुनाव नहीं लड़ पा रहे हैं. नीलम देवी काे महागठबंधन की ओर से उम्मीदवार बनाया गया है तो प्रचार में क्यों नहीं जाएंगे"-अरविंद निषाद, प्रवक्ता, जदयू


ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.