पटना : लद्दाख में हुए सेना के सड़क हादसे में 26 जवानों में से सात जवान शहीद हुए. सात जवानों में से एक जवान पटना जिला के पालीगंज अनुमंडल क्षेत्र के परियों गांव निवासी लाल उर्फ ललन यादव के सबसे छोटे पुत्र रामानुज यादव हैं. इधर शहीद होने की सूचना मिलने के बाद गांव और परिवार में मातम (Martyr Ramanuj Yadav Family) पसर गया है. शहीद जवान के पिता कई बार बेहोश भी हुए हैं. उनकी तबीयत भी काफी खराब हो चुकी है. इसके अलावा मौत की सूचना मिलने के बाद मृत जवान की मां और दोनों बहनों के अलावा परिवार की महिलाओं का रो- रोकर बुरा हाल है.
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आर्मी जवान रामानुज यादव शहीद : शहीद रामानुज यादव एक महीना पहले घर बहन की शादी में आये थे. बीते 26 अप्रैल को रामानुज लद्दाख अपनी ड्यूटी पर लौट गए थे. किसी ने यह नहीं सोचा था कि कुछ दिन पूर्व अपनी बहन की शादी में सारे रस्म करने वाला भाई इस दुनिया से चला जाएगा. घर में अभी भी शादी का मंडप और कई सामान रखे हुए हैं.
रामानुज तीन भाइयों में सबसे छोटे : बता दें कि ललन यादव के तीन बेटा और दो बेटी हैं. जिसमें शहीद जवान रामानुज घर में सबसे छोटे बेटे थे. शहीद जवान का 23 सितंबर 2016 को महाराष्ट्र के मराठा रेजीमेंट के तहत आर्मी में चयन हुआ था. जबकि अन्य बड़े दो भाई एक रेलवे में है, जबकि एक भाई प्राइवेट नौकरी करते हैं. 20 अप्रैल को बहन की शादी में पहुंचे शहीद जवान रामानुज अपनी बहन को विदा कर देश की सेवा में लद्दाख लौटा था. मौत की सूचना मिलने के बाद नई नवेली शादीशुदा बहन का भी रो-रोकर बुरा हाल है.
''2016 में महाराष्ट्र के मराठा रेजीमेंट में रामानुज का सेना में चयन हुआ था. चयन होने के बाद फिलहाल वह अभी लद्दाख में पोस्टेड था. पिछले महीने 20 अप्रैल को बहन की शादी में छुट्टी लेकर घर आया था. 26 अप्रैल को वह अपनी ड्यूटी पर चला गया था. स्थानीय पुलिस और मुखिया के द्वारा उन्हें सूचना मिली कि उनका भतीजा रामानुज लद्दाख में सड़क हादसे में मर गया है. मौत की सूचना मिलने के बाद पिता ललन यादव की तबीयत काफी खराब है. लगातार अपने बेटे के बारे में सोचकर बेहोश हो रहे हैं.''- इंद्रदेव प्रसाद यादव, शहीद रामानुज यादव के चाचा
''कल शाम 6 बजे स्थानीय पुलिस प्रशासन एवं पंचायत के प्रतिनिधियों के द्वारा सूचना मिली कि रामानुज लद्दाख में सड़क हादसे में शहीद हो गया है. वह पिछले महीने 20 अप्रैल को बहन की शादी में घर आया था और 26 अप्रैल को वापस लौटा था. वर्तमान में गांधीनगर से लद्दाख में पोस्टेड हुआ था. विभाग के द्वारा सूचना मिली है कि शव आज गांव पहुंचेगा.''- कुंदन कुमार, शहीद रामानुज के चचेरे भाई
गौरतलब हो कि कल यानी शुक्रवार को लद्दाख में 26 जवानों से भरी बस के गहरे खाई में गिर जाने से 7 जवानों की मौत हो गई थी, जबकि कई सेना के जवान जख्मी हुए थे. जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है. वहीं इस दुखद घटना पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काफी दुख जाहिर किया था. उन्होंने कहा था कि इस दुख की घड़ी में शहीद जवान के परिवार के साथ हमारी संवेदना है. हालांकि इस पूरे घटना की जांच को लेकर सेना की तरफ से टीम का गठन किया गया है, जांच की जा रही है.
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