पटना: भाई और बहन के प्रेम का पावन पर्व रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) देशभर में धूम है. रक्षाबंधन के पावन दिन बहन भाई के हाथ में राखी बांधती है और भाई बहन की रक्षा का वचन देता है. इस साल रक्षाबंधन के दिन विशेष संयोग और इसके महत्व के बारे ईटीवी भारत ने राजधानी पटना (Patna) में दो ज्योतिषियों से बात की.
ये भी पढ़ें- आपको पता है बहन क्यों बांधती है भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र, पढ़ें रक्षाबंधन से जुड़ी 5 कहानियां
पटना के बोरिंग कैनाल रोड स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर के पुजारी सरोज पंडित ने बताया कि रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह से ही है. जो शाम 5 बजे तक रहेगा. ये पूरा दिन भाई बहनों के अनूठे प्रेम का दिन है, इस दिन सुबह से ही बहनें शाम 5 बजे तक अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांध सकती हैं. इस घड़ी में राखी बंधने पर इसका विशेष महत्व मिलेगा.
वहीं, सैदपुर इलाके के महावीर स्थान के पुजारी राज किशोर मिश्र ने बताया कि रक्षाबंधन भगवान भास्कर के दिन होने के कारण इसका विशेष महत्व है. रक्षाबंधन त्यौहार को लेकर इस बार विशेष संयोग बन रहा है, जिसमें राखी बंधवाने वाले भाइयों को कुछ द्रव्य अपने मुट्ठी में बंद करके बहनों से अपने कलाइयों पर बनवाना चाहिए, जिससे उनकी बहनों के घर में सुख समृद्धि का वास रहे.
ये भी पढ़ें- भाइयों के हाथों में सजेगी 3 लाख की राखी, मोतियों की जगह हीरा, धागे की जगह सोना
बता दें कि भाई बहनों के प्यार का पर्व रक्षाबंधन को लेकर राजधानी पटना के बाजार पूरी तरह से गुलजार है. रविवार का दिन होने के कारण इस रक्षाबंधन का विशेष महत्व है. पंडित बताते हैं कि रविवार के अलावा सावन की आखिरी दिन होने के कारण भी रक्षाबंधन का पर्व का विशेष संयोग है. इस दौरान भाई बहनों पर भगवान शिव की भी कृपा बनी रहेगी.
इस बार 474 साल बाद राखी पर महासंयोग बन रहा है. इस दौरान कुंभ राशि में गुरु की चाल वक्री रहेगी. इसके साथ ही चंद्रमा भी वहां मौजूद रहेंगे. गुरु और चंद्रमा की इस कॉम्बिनेशन से रक्षाबंधन पर गजकेसरी योग बन रहा है. यह योग मनुष्य की महत्वाकांक्षाएं पूरी करता है. धन, संपत्ति, मकान, वाहन जैसे सुखों की प्राप्ति होती है.
ये भी पढ़ें- भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधने का जानें शुभ मुहूर्त, एक क्लिक में पूरी जानकारी
बता दें कि राखी बांधते समय भाई को पूर्व दिशा की तरफ मुख करके बैठना चाहिए और सिर पर रुमाल रखना चाहिए. बहन पहले अपने भाई के माथे पर टीका लगाएं और उसपर कुछ अक्षत लगाएं. कुछ अक्षत भाई पर आशीर्वाद के रूप में छींटें. इसके बाद बहन नजर उतारने के लिए दीपक जलाकर भाई की आरती उतारें. इसके बाद बहन भाई की दायीं कलाई पर राखी बांधे. इस दौरान बहन को मंत्र ‘ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।’ बोलना चाहिए.