पटना: कोरोना काल में आयुष चिकित्सा को बढ़ावा देने को लेकर सरकार प्रतिबद्ध है. स्वास्थ्य विभाग (Health Department Bihar) ने योजना पर काम करना शुरू कर दिया है. कई अस्पतालों को जहां फिर से चालू किए जाने की योजना है. वहीं दूसरी तरफ अस्पतालों में बेड की व्यवस्था भी की जा रही है.
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स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय (Health Minister Mangal Pandey) ने कहा कि आयुष चिकित्सा को बढ़ावा देने को लेकर राज्य सरकार गंभीर है. दरभंगा, भागलपुर और बक्सर के आयुर्वेदिक कॉलेजों में फिर से पढ़ाई शुरू की जाएगी. इसके लिये प्रयास तेज कर दिए गये हैं. पटना और गोपालगंज में 50-50 बेड की क्षमता के आयुष अस्पताल स्थापित किये जाएंगे.
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मंगल पांडेय ने कहा कि पटना सिटी स्थित नवाब मंजिल में आयुष अस्पताल का निर्माण शुरू हो गया है. इसके डेढ़ साल में तैयार होने की संभावना है. यहां पर आयुर्वेद, होमियोपैथी, यूनानी और योगा पद्धति से इलाज किये जाएंगे. केंद्र सरकार के सहयोग से गोपालगंज में आयुष अस्पताल खोले जाएंगे.
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आयुर्वेदिक, होमियोपैथी और यूनानी चिकित्सा कालेजों की शैक्षिक और आधारभूत संरचना की कमियां दूर की जाएगी. बेगूसराय और दरभंगा के राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालयों में दो नये भवन बनेंगे. मुजफ्फरपुर स्थित राय बहादुर टुंकी साह शासकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल के परिसर में भी एक नया भवन बनाया जाएगा.
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स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आयुर्वेद और यूनानी कॉलेजों में स्नातक (यूजी) सीटों की संख्या भी बढ़ाई गई है. राजकीय यूनानी मेडिकल कॉलेज ने यूजी सीटों की संख्या 40 से बढ़ाकर 125 कर दी गई है और पांच अलग-अलग विषयों में स्नातकोत्तर (पीजी) की पढ़ाई शुरू की गई है. स्वास्थ्य केंद्रों पर आयुष डॉक्टरों और जीएनएम की तैनाती की प्रक्रिया शुरू की गई है. सूबे में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और वेलनेस सेंटर पर भी आयुर्वेदिक इलाज की सुविधा जनता को दी जाएगी.