पटना : लगता है सीमांचल का इलाका आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति का केन्द्र बिंदु बनने वाला है. केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) 23 सितंबर और 24 सितंबर को पूर्णिया और किशनगंज में जनसभा करने वाले हैं. इसके जवाब में महागठबंधन ने भी रैली करने का फैसला कर लिया है. इसकी जानकारी जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह (JDU President Lalan Singh) ने दी है.
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''23 तारीख के बाद पूर्णिया और कटिहार में महागठबंधन की संयुक्त रैली कीजिए. सद्भाव रैली का आयोजन कीजिए. इस देश के जो शासक हैं उनका रवैया सही नहीं है. देश की जो मूल समस्या मंहगाई और बेरोजगारी है उसपर बात नहीं करते. पूरे देश में सांप्रदायिक उन्माद पैदा कर रहे हैं.''- ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जेडीयू
रैली का जवाब रैली से मिलेगा! : एक कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ललन सिंह ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि बिहार के पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार में रैली का आयोजन होगा. यह रैली साम्प्रदायिक सौहार्द और आपसी एकता बढ़ाने के लिए होगी. मतलब साफ है कि रैली का जवाब रैली से दिया जाएगा.
अमित शाह के सीमांचल दौरे से जदयू चौकन्नाः जदयू नेताओं को लग रहा है कि अमित शाह के सीमांचल दौरे से भाजपा की सियासत को धार मिलने वाली है. ऐसे में डैमेज कंट्रोल के लिए नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यक और पिछड़ों अति पिछड़ों को संदेश देने की कोशिश की है कि हम पूरी तरह आपके साथ हैं. आपको डरने की जरूरत नहीं है. पिछले कुछ साल से भाजपा की नजर अति पिछड़ा वोट बैंक पर है. रणनीति के तहत भाजपा ने अति पिछड़ा समुदाय से आने वाले दो नेताओं को उप मुख्यमंत्री बनाया था. भाजपा ने धानुक जाति से आने वाले अति पिछड़ा समुदाय के नेता को राज्यसभा भी भेजा था.