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करारा जवाब मिलेगा! अमित शाह के बाद महागठबंधन के नेता भी करेंगे सीमांचल में रैली - ETV Bihar News

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार दौरे पर आने वाले (Amit Shah Bihar Tour) हैं. इसको लेकर जहां एक ओर बीजेपी के लोग तैयारी में लगे हैं. वहीं दूसरी तरफ महागठबंधन ने भी करारा जवाब देने का प्लान तैयार कर लिया है. पढ़ें पूरी खबर...

Amit Shah Bihar Tour Etv Bharat
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Published : Sep 19, 2022, 7:32 AM IST

Updated : Sep 19, 2022, 11:49 AM IST

पटना : लगता है सीमांचल का इलाका आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति का केन्द्र बिंदु बनने वाला है. केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) 23 सितंबर और 24 सितंबर को पूर्णिया और किशनगंज में जनसभा करने वाले हैं. इसके जवाब में महागठबंधन ने भी रैली करने का फैसला कर लिया है. इसकी जानकारी जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह (JDU President Lalan Singh) ने दी है.

ये भी पढ़ें- मिशन 2024 के लिए सीमांचल भाजपा के लिए बड़ी चुनौती, बैटल फील्ड में अमित शाह का क्या होगा एक्शन प्लान

''23 तारीख के बाद पूर्णिया और कटिहार में महागठबंधन की संयुक्त रैली कीजिए. सद्भाव रैली का आयोजन कीजिए. इस देश के जो शासक हैं उनका रवैया सही नहीं है. देश की जो मूल समस्या मंहगाई और बेरोजगारी है उसपर बात नहीं करते. पूरे देश में सांप्रदायिक उन्माद पैदा कर रहे हैं.''- ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जेडीयू

रैली का जवाब रैली से मिलेगा! : एक कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ललन सिंह ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि बिहार के पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार में रैली का आयोजन होगा. यह रैली साम्प्रदायिक सौहार्द और आपसी एकता बढ़ाने के लिए होगी. मतलब साफ है कि रैली का जवाब रैली से दिया जाएगा.

अमित शाह के सीमांचल दौरे से जदयू चौकन्नाः जदयू नेताओं को लग रहा है कि अमित शाह के सीमांचल दौरे से भाजपा की सियासत को धार मिलने वाली है. ऐसे में डैमेज कंट्रोल के लिए नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यक और पिछड़ों अति पिछड़ों को संदेश देने की कोशिश की है कि हम पूरी तरह आपके साथ हैं. आपको डरने की जरूरत नहीं है. पिछले कुछ साल से भाजपा की नजर अति पिछड़ा वोट बैंक पर है. रणनीति के तहत भाजपा ने अति पिछड़ा समुदाय से आने वाले दो नेताओं को उप मुख्यमंत्री बनाया था. भाजपा ने धानुक जाति से आने वाले अति पिछड़ा समुदाय के नेता को राज्यसभा भी भेजा था.

पटना : लगता है सीमांचल का इलाका आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति का केन्द्र बिंदु बनने वाला है. केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) 23 सितंबर और 24 सितंबर को पूर्णिया और किशनगंज में जनसभा करने वाले हैं. इसके जवाब में महागठबंधन ने भी रैली करने का फैसला कर लिया है. इसकी जानकारी जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह (JDU President Lalan Singh) ने दी है.

ये भी पढ़ें- मिशन 2024 के लिए सीमांचल भाजपा के लिए बड़ी चुनौती, बैटल फील्ड में अमित शाह का क्या होगा एक्शन प्लान

''23 तारीख के बाद पूर्णिया और कटिहार में महागठबंधन की संयुक्त रैली कीजिए. सद्भाव रैली का आयोजन कीजिए. इस देश के जो शासक हैं उनका रवैया सही नहीं है. देश की जो मूल समस्या मंहगाई और बेरोजगारी है उसपर बात नहीं करते. पूरे देश में सांप्रदायिक उन्माद पैदा कर रहे हैं.''- ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जेडीयू

रैली का जवाब रैली से मिलेगा! : एक कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ललन सिंह ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि बिहार के पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार में रैली का आयोजन होगा. यह रैली साम्प्रदायिक सौहार्द और आपसी एकता बढ़ाने के लिए होगी. मतलब साफ है कि रैली का जवाब रैली से दिया जाएगा.

अमित शाह के सीमांचल दौरे से जदयू चौकन्नाः जदयू नेताओं को लग रहा है कि अमित शाह के सीमांचल दौरे से भाजपा की सियासत को धार मिलने वाली है. ऐसे में डैमेज कंट्रोल के लिए नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यक और पिछड़ों अति पिछड़ों को संदेश देने की कोशिश की है कि हम पूरी तरह आपके साथ हैं. आपको डरने की जरूरत नहीं है. पिछले कुछ साल से भाजपा की नजर अति पिछड़ा वोट बैंक पर है. रणनीति के तहत भाजपा ने अति पिछड़ा समुदाय से आने वाले दो नेताओं को उप मुख्यमंत्री बनाया था. भाजपा ने धानुक जाति से आने वाले अति पिछड़ा समुदाय के नेता को राज्यसभा भी भेजा था.

Last Updated : Sep 19, 2022, 11:49 AM IST
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