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चीन को परास्त करना है तो उसे आर्थिक रूप से करना होगा कमजोर- माधव आनंद - LAC

1962 के बाद से भारत और चीन के बीच अभी सबसे ज्यादा तनाव देखा जा रहा है. कुछ दिन पहले ही एलएसी पर भारत और चीन के बीच झड़प हुई. जिसमें 20 से ज्यादा भारतीय जवान शहीद हुए और 40 से ज्यादा चीनी सैनिक भी मारे गए.

madhav anand
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Published : Jun 29, 2020, 6:22 PM IST

नई दिल्ली/पटना: राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव और अर्थशास्त्री माधव आनंद ने कहा है कि भारत के प्रति चीन का बर्ताव निंदनीय है. भारत सरकार अगर चीन को सबक सिखाना चाहती है तो उसे हर मोर्चे पर काम करना होगा.

'चाइनीज कंपनियों का टेंडर रद्द किया जाना स्वागत योग्य कदम'
माधव आनंद ने कहा कि कूटनीतिक दांव के साथ ही आर्थिक मुद्दों के जरिए भी चीन पर लगाम लगाना होगा. बिहार सरकार ने चाइनीज कंपनियों का टेंडर रद्द किया है. ये देर से लिया गया निर्णय जरूर है, लेकिन स्वागत योग्य कदम है. चीन को हराना है तो आर्थिक रूप से भी उसको कमजोर करना होगा.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

भारत और चीन के बीच 1962 के बाद से अभी सबसे ज्यादा तनाव
बता दें कि 1962 के बाद से भारत और चीन के बीच अभी सबसे ज्यादा तनाव देखा जा रहा है. कुछ दिन पहले ही एलएसी पर भारत और चीन के बीच झड़प हुई. जिसमें 20 से ज्यादा भारतीय जवान शहीद हुए और 40 से ज्यादा चीनी सैनिक भी मारे गए.

देश के अलग-अलग हिस्सों में चीन के खिलाफ प्रदर्शन
उसके बाद से ही पूरे देशभर में चीन के खिलाफ लोगों में गुस्सा है. हर दिन देश के अलग-अलग हिस्सों में चीन के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. चीनी सामानों के बहिष्कार की मांग भी लगातार उठ रही है. दोनों देशों के बीच बातचीत भी हो रही है, ताकि समस्या का समाधान निकाला जा सके.

नई दिल्ली/पटना: राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव और अर्थशास्त्री माधव आनंद ने कहा है कि भारत के प्रति चीन का बर्ताव निंदनीय है. भारत सरकार अगर चीन को सबक सिखाना चाहती है तो उसे हर मोर्चे पर काम करना होगा.

'चाइनीज कंपनियों का टेंडर रद्द किया जाना स्वागत योग्य कदम'
माधव आनंद ने कहा कि कूटनीतिक दांव के साथ ही आर्थिक मुद्दों के जरिए भी चीन पर लगाम लगाना होगा. बिहार सरकार ने चाइनीज कंपनियों का टेंडर रद्द किया है. ये देर से लिया गया निर्णय जरूर है, लेकिन स्वागत योग्य कदम है. चीन को हराना है तो आर्थिक रूप से भी उसको कमजोर करना होगा.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

भारत और चीन के बीच 1962 के बाद से अभी सबसे ज्यादा तनाव
बता दें कि 1962 के बाद से भारत और चीन के बीच अभी सबसे ज्यादा तनाव देखा जा रहा है. कुछ दिन पहले ही एलएसी पर भारत और चीन के बीच झड़प हुई. जिसमें 20 से ज्यादा भारतीय जवान शहीद हुए और 40 से ज्यादा चीनी सैनिक भी मारे गए.

देश के अलग-अलग हिस्सों में चीन के खिलाफ प्रदर्शन
उसके बाद से ही पूरे देशभर में चीन के खिलाफ लोगों में गुस्सा है. हर दिन देश के अलग-अलग हिस्सों में चीन के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. चीनी सामानों के बहिष्कार की मांग भी लगातार उठ रही है. दोनों देशों के बीच बातचीत भी हो रही है, ताकि समस्या का समाधान निकाला जा सके.

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